Bhopal. आज विश्व संग्रहालय दिवस के मौके पर भोपाल स्थित माधवराव सप्रे स्मृति संग्रहालय में दुर्लभ संदर्भ संपदा की प्रदर्शनी लगाई गई। बता दें कि संग्रहालय को 500 पोथियां मिली हैं। इनमें 4.5x6 सेंटीमीटर दुनिया की सबसे छोटी गीता में से एक की प्रति प्रदर्शित की गई। वहीं, 11x7 सेंटीमीटर का सबसे छोटा अखबार भी यहां प्रदर्शित किया गया। इसका नाम मौज-ए-नरबदा है। 1883 में नवाब की गलत नीतियों के खिलाफ लिखने पर अब्दुल करीम को राज्य निकाला दे दिया गया था। तब वे होशंगाबाद जाकर बस गए और वहां से इसका प्रकाशन शुरू किया। यहां बांग्ला मुक्ति संग्राम का बम डिब्बा, कांसे की दवात और बर्रू की कलम भी प्रदर्शित की गई।
हरिवंश राय बच्चन की कविता 'मधुशाला' तो विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन 1936 में इलाहबाद से विभूति नाम के लेखक ने भी एक 'मधुशाला' लिखी थी, जो 12x6 सेंटीमीटर की है। संग्रहालय में एक हजार पांडुलिपियों का संग्रहण है। वहीं, मध्य भारत प्रांत के दूसरे मुख्यमंत्री रहे गोपी कृष्ण विजयवर्गीय की 60 सालों तक लिखी गई डायरियां संग्रहालय को मिली वो भी यहां देखने को मिली। इसमें महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद और जवाहर लाल नेहरू सहित तत्कालीन लीडर्स से स्वंतत्रता संग्राम के मुद्दों पर पत्राचार किया गया। वे भारतीय संविधा सभा के सदस्य भी रहे।
दुनिया भर में संग्रहालयों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (International Museum Day) मनाया जाता है. साल 1977 में 'द इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम'(ICOM) ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। जिसके तहत राजधानी के 7 संग्रहालय, राज्य संग्रहालय, मानव संग्रहालय, जनजातीय संग्रहालय, दुष्यंत संग्रहालय, सप्रे संग्रहालय, क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय और रीजनल साइंस सेंटर में शहरवासियों को देश-प्रदेश के ट्राइबल कल्चर के साथ प्रकृति और विज्ञान से जुड़े अनूठे कलेक्शन को देखने को मिलते है। जल्द ही शहरवासियों को यहां तैयार हो रहीं नई दीर्घाओं में हमारे देश संस्कृति को और बेहतर समझने का मौका मिला। क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय में जहां इकोलॉजी एंड कंजर्वेशन गैलरी बनी तो मानव संग्रहालय की अस्थायी दीर्घा में तमिलनाडु की संस्कृति से रू-ब-रू होने का मौका मिला।