मध्यप्रदेश में अंधविश्वास के मामले बढ़ते जा रहा हैं। कहीं जादू-टोना तो कही शरीर में जान फूंकने के लिए शव के साथ बर्बरता दिखी। महू से लगे सागौर के मोतीनगर में दो आदमी करंट की चपेट में आ गए थे। इनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई,जबकि दूसरा घायल हो गया। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि दूसरे को कीचड़ में लपेट कर सांंस फूंकने की कोशिश की गई। पुलिस ने परिजन को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। सारे प्रयास कर लेने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
गुना में गजब अंधविश्वास सामने आया था
गुना (Guna) के जोगीपुर गांव में भंवर लाल बंजारा 23 अगस्त की देर रात नदी में नहाने गए थे। नहाने के दौरान वह डूब (Drawn) गए। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन भंवर की मौत (Death) हो गई थी। सूचना मिलने पर पुलिस (Police) और गोताखोरों (diver) की सहायता से शव (Dead body) को निकाला गया। 24 अगस्त को शव (Dead body) निकालने के दौरान लोगों को लगा कि उसकी सांसें चल रही है। भीड़ में किसी ने आइडिया (Idea) दिया कि शव को उलटा लटका दो, पानी निकल जाएगा। पुलिस के मना करने के बाद भी लोग नहीं समझे और शव को लटका कर 15 मिनट तक झुलाते (Swing) रहे। जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो शव पुलिस (Police) को सौंप दिया।
पुलिस के समझाने के बाद भी नहीं माने
पुलिस ने परिजन को समझाया कि यह अंधविश्वास है पर परिजन नहीं माने। मोतीनगर में एक घर बनने के दौरान मजदूर इरफान और सलमान 11 केवी लाइन की बिजली नाप रहे थे। इसी दौरान दोनों करंट की चपेट में आ गए। सलमान की मौके पर ही मौत हो गई जबकि इरफान की सांसें चल रही थी। इरफान को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।