GWALIOR. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बढ़ते गुस्से और जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा द्वारा इस्तीफा देने की धमकी के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ग्वालियर में यात्रा के सह प्रभारी योगेंद्र तोमर को उनके पद से हटा दिया। तोमर वरिष्ठ नेता अजय सिंह राहुल भैया के नजदीकी थे। कांग्रेस कार्यालय में आयोजित भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी बैठक में तोमर का डीसीसी अध्यक्ष के साथ मुंहबाद होने पर उन्होंने बन्दूक मंगवा ली थी। इसके बाद कांग्रेस में तोमर और डॉ शर्मा समर्थकों के बीच विवाद बढ़ गया था। दो दिन पहले कमलनाथ ने दोनों को एकसाथ बिठाकर गले भी लगवाया था लेकिन कल देर रात तोमर को सह प्रभारी पद से हटाने के आदेश दे दिए।
रात में जारी हुए आदेश
कांग्रेस कार्यालय में जिला अध्यक्ष और अन्य मोर्चा अध्यक्षों से उलझने वाले और देश में आकर कांग्रेस कार्यालय में हथियार मंगाकर नेताओं को धमकाने का आरोप झेल रहे कांग्रेसी नेता योगेंद्र तोमर को भारत जागो यात्रा के सह प्रभारी पद से हटा दिया गया है देर रात प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा उनको हटाने के आदेश जारी किए गए आपको बता दें कि गत 7 अक्टूबर 2022 को कांग्रेस भवन पर भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें भारत जोड़ो यात्रा के सहसमन्वयक योगेन्द्र तोमर के द्वारा की गई अनुाासनहीनता के कारण मप्र कांग्रेस कमेटी के आदेशनुसार योगेन्द्र तोमर को भारत जोड़ो यात्रा के सहसमन्वयक हटाया गया। इस मामले को लेकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र शर्मा द्वारा विगत दिनों भोपाल जाकर आला नेताओं को पूरे मामले की जानकारी दी गई थी साथ ही ग्वालियर प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान द्वारा भी बैठक में हुए विवाद की जानकारी ग्वालियर आकर कार्यकर्ताओं से ली गई और योगेंद्र तोमर पर लगे आरोप सिद्ध होने के बाद आखिरकार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने देर रात उनको हटाने के आदेश जारी कर दिए गए।
बैठक में हुआ था विवाद
एक तरफ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकालकर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए देशव्यापी यात्रा करके पसीना बहा रहे है वहीं ग्वालियर में उनकी यात्रा को लेकर कांग्रेसी आपस मे सिर फुटौब्बल खेल रहे हैं । यहां भारत जोड़ो यात्रा के लिए संपर्क यात्रा निकालने के लिए सह प्रभारी बनाये गए नेता से बैठक में ही विवाद हो गया था ।उन्होंने बाहर से अपनी बंदूक मंगवा ली थी । इसके बाद जिला अध्यक्ष के समर्थन में उतरे पदाधिकारी लामबंद होकर सह प्रभारी को हटाने की मांग कर रहे थे । कहा जा रहा है कि जब आए महेंद्र चौहान प्रभारी बने हैं तब से यहां गुटवाजी बढ़ गई है । जिला अध्यक्ष से भी इनकी पटरी नहीं बैठ रही है। इस घटना को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दफ्तर में जमकर हंगामा किया। स्वयं जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने अल्टीमेटम दिया है कि आगामी अड़तालीस घंटे में पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ दोषी नेता को पार्टी से बाहर कंरने की कार्यवाही करे। वे गांधीवादी हैं और हिंसक लोगों एक साथ काम नहीं करेंगे।
ये हुआ था घटनाक्रम
यात्रा को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने योगेंद्र सिंह तोमर को ग्वालियर जिले का प्रभारी बनाया था। तोमर द्वारा चार दिन पहले ग्वालियर के कांग्रेस कार्यालय में राहुल गांधी की यात्रा को लेकर बैठक बुलाई गई थी बैठक में योगेंद्र तोमर मंडल अध्यक्षों को खड़ा कर उनके प्लान के बारे में पूछ रहे थे। बैठक में मौजूद कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि आप अपना कार्यक्रम और प्लान बताएं।इसी को लेकर योगेंद्र सिंह तोमर भड़क गए और जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा से बहस हो गई। इस दौरान तोमर ने अध्यक्ष से तू तड़ाक की भाषा में बात की। मामला यहीं नहीं रुका। यहाँ बंदूकों की आमद हो गयी। योगेंद्र तोमर के कहने पर उनके समर्थक कार से बंदूक निकाल लाए।
घटना से कमलनाथ को अवगत कराया गया था
कांग्रेस दफ्तर में बन्दूक लहराने से कार्यकर्ता और पदाधिकारी सन्न रह गए। तोमर के जाने के बाद कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष पर दबाव बनाया कि वे तोमर के खिलाफ तत्काल कार्यवाही करें। इसके बाद कार्यकर्ताओं के सामने ही अध्यक्ष ने सारे घटनाक्रम की जानकारी पीसीसी चीफ कमलनाथ को दी। लेकिन तीन दिन बीत जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई तो कांग्रेस पदाधिकारियों ने दफ्तर पर हंगामा करते हुए कहा था कि अगर तोमर के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।
जिला प्रभारी बोले थे मामला निपट गया
पीसीसी से ग्वालियर जिले के प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि तोमर ने माफ़ी मांग ली है। जबकि कहा जा रहा है कि असली विवाद के पीछे चौहान ही हैं। अजय सिंह राहुल भैया के समर्थक चौहान और जिला अध्यक्ष डॉ शर्मा के बीच शुरू से ही पटरी नहीं बैठ रही है। इस बात की जानकारी डॉ शर्मा कमलनाथ को भी दे चुके हैं कि चौहान कांग्रेस के खिलाफ काम करने वालों को ही बढ़ावा दे रहे हैं। चौहान ने ही तोमर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का प्रभारी बनाया। योगेंद्र तोमर को ग्वालियर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके पीसीसी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील शर्मा का विरोधी माना जाता है। तोमर के खिलाफ टिप्पणियां भी कर चुके हैं। वे स्वयं ग्वालियर सीट से कांग्रेस टिकट के दावेदार भी हैं।
तोमर ने ने आरोप लगाया था - अध्यक्ष सिंधिया समर्थकों को बढ़ा रहे हैं
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए तोमर ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ शर्मा सिंधिया के प्रति छुपी आस्था रखने वालों को ही संरक्षण देते है। तोमर की बैठक में भी सुनील शर्मा नहीं पहुंचे। जब वे बैठक हो रही थी शर्मा के नेतृत्व में एक जुलूस निकल रहा था। डॉ शर्मा ने कहा कि सुनील शर्मा ने उनसे पूछकर ही यह जुलूस निकाला है , बैठक में इस पर भी मुंह बंद हुआ था।
कांग्रेस अध्यक्ष बोले थे - हम गांधीवादी , हिंसक लोगों के साथ नहीं करेंगे काम
जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा भी इस मामले में मुखर नजर आ रहे थे । उनका कहना है कि उन्होंने कहा कि जिला कांग्रेस दफ्तर में विरोध प्रदर्शन करने वाले लोग गांधीवादी विचारधारा पर चलने वाले कर्मठ कार्यकर्ता है। चार अक्टूबर को जिस तरह के हिंसात्मक लोगों का पदार्पण हुआ उसका विरोध ये सब लोग कर रहे थे । उनका कहना था कि वे लोग ऐसे हिंसात्मक लोगों के साथ काम नहीं करेंगे। डॉ शर्मा का कहना था कि मेरा इस सम्बन्ध में कहना है कि पूरे मामले की जानकारी प्रदेश कांग्रेस को दे दी गयी है और प्रदेश अध्यक्ष ने आश्वस्त किया है कि मैं इस मामले में निर्णय करूंगा। मैं उनके निर्णय का इंतज़ार कर रहा हूँ। मैंने कार्यकर्ताओं से अड़तालीस घंटे का समय माँगा है। मैं कार्यक्रताओं के मत से सहमत हूँ। वे हिंसात्मक लोगों के साथ काम नहीं करना चाहते और हम भी नहीं करना चाहते क्योंकि हम गांधीवादी लोग हैं।
चार दिन पहले करवाई थी बैठक
चार दिन पहले तोमर और डॉ शर्मा की भोपाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह की मौजूदगी में एक बैठक करके गीले -शिकवे दूर करने की कोशिश की गयी थी। इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह भी मौजूद थे। बैठक का फोटो भी सोशल मीडिया पर डाला गया था इससे लगा था की मामला ठन्डे बास्ते में चला गया है लेकिन बताते हैं की डॉ शर्मा अपनी बात पर अड़े रहे और आखिरकार तोमर की पद से विदाई हो गयी।
तोमर बोले , मैंने तो उसी दिन ही इस्तीफा दे दिया था
पद से हटाए गए योगेंद्र तोमर के तेवर इस बार नरम नजर आये। पद से हटाने के आदेश पर उन्होंने कहा कि मैंने तो उसी दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।