Indore. बीजेपी की ओर से नगर निगम चुनाव(municipal election) के सभी 85 पार्षद उम्मीदवार(councilior candidate) की सूची जारी कर दी गई है। इस सूची में कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) और विधायक रमेश मेंदोला(MLA Ramesh Mendola) के समर्थकों के नाम बड़ी संख्या में शामिल हैं। इस सूची से उन लोगों को निराशा हाथ लगी है जिन्हें टिकट की आस थी। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम अपराधों की लंबी फेहरिस्त वाले युवराज उस्ताद(Yuvraj Ustad) की पत्नी स्वाति का था।
संभागीय चयन समिति से सीएम हुए नाराज
इंदौर नगर निगम के लिए बीजेपी ने 85 पार्षदों के नाम का ऐलान कर दिया है। युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति हो भी उम्मीदवार बनाया गया था। संभागीय समिति ने ये कहते हुए स्वाति को उम्मीदवार बनाया कि युवराज उस्ताद के खिलाफ अब कोई आपराधिक मामला नहीं है। सीएम ने अधिकारियों से जानकारी ली तो पता चला कि युवराज उस्ताद शहर का माफिया है। उसके अपराधों की फेहरिस्त लंबी है। सीएम ने संभागीय समिति के पदाधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हम माफियाओं की कमर तोड़ने की बात कर रहे है, बुलडोजर चला रहे हैं, आप लोगों ने अपराधी प्रवृत्ति के परिजन को टिकट देने की अनुशंसा कर दी। इससे जनता में क्या संदेश जाएगा। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि बीजेपी आपराधिक पृष्ठभूमि के पारिवारिक सदस्यों को भी टिकट नहीं देती। स्वाति काशिद के बारे में हमें पता चला कि उनके पति और परिवार की पृष्ठभूमि आपराधिक है। इसलिए उनका टिकट काटा जाता है।
गजानंद गावडे को मिला टिकट
कैलाश विजवर्गीय, रमेश मेंदोला के समर्थक माने जाने वाले युवराज उस्ताद जीतू ठाकुर हत्याकांड में आरोपी रहे हैं। हालांकि जिला कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई थी लेकिन मामला अभी हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। अपराधों की लंबी फेहरिस्त के कारण पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(Former Chief Minister Kamal Nath) ने उनके बंगले पर बुलडोजर भी चलाया था।
अपराधों की लंबी फेहरिस्त(long list of crimes) की जानकारी मिलने के बाद सुबह प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बयान दिया कि युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति का कोई इशू नहीं है, लेकिन उनके परिवार में आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए उनका टिकट काट रहे हैं। हम जीरो टॉलरेंस पर काम कर रहे है। इसके बाद पार्टी में उनकी जगह गजानंद गावडे को टिकट देने की घोषणा कर दी। वही वार्ड 11 से पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के विरोध के कारण मांगीलाल रेडवाल के परिवार का टिकट कट गया था। रेडवाल ने निर्दलीय चुनाव(independent election) लड़ने की घोषणा कर दी है।