Damoh. दमोह में झूला-झूलने के दौरान मासूम भाई-बहन दर्दनाक हादसे का शिकार हुए हैं। घर पर साड़ी बांधकर बनाए गए झूले में एक 4 साल का बालक अपनी 4 माह की बहन को गोद में लेकर झूला झूल रहा था कि तभी झूलते-झूलते भाई बहन पास ही मौजूद जलते चूल्हे में जा गिरे। आग की तपिश में झुलसने के बाद बच्चे की चीत्कार सुन उनके मां-बाप आसपास के लोगों की मदद से उन्हें लेकर अस्पताल दौड़ पड़े। फिलहाल मासूम बच्चों को इलाज जारी है।
दमोह जिले के तेजगढ़ थाना क्षेत्र में झूला झूलते समय भाई-बहन जलते हुए चूल्हे में गिर गए और आग से बुरी तरह झुलस गए जिन्हे तत्काल ही इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों की टीम ने मासूम बच्चों का इलाज शुरू कर दिया, हालांकि उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दोनों बच्चों को इलाज के लिए जबलपुर मेडिकल अस्पताल रैफर किया गया है।
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बता दें कि तेजगढ़ थाना के हरदुआ गांव निवासी अर्जुन ठाकुर की 4 माह की बेटी पल्लवी और 4 वर्ष का बेटा प्रिंस घर में झूला झूल रहे थे और पास ही चूल्हा जल रहा था। मां खाना बनाने के बाद पानी लेने चली गई। तभी बच्चे अनियंत्रित होकर चूल्हे में गिर गए और झुलस गए। बच्चों के चीखने की आवाज सुनकर मां बच्चों के पास पहुंची और बच्चों को बाहर निकाला और गंभीर हालत में इलाज के लिए दमोह जिला अस्पताल में लेकर आए जहां दोनो बच्चों को जबलपुर रैफर किया गया। बच्चों के पिता अर्जुन ने बताया की वह खेत पर था और बच्चे साड़ी के बने झूले में झूल रहे थे बैलेंस बिगड़ने से दोनों बच्चे चूल्हे में गिरकर झुलस गए।
विशेषज्ञ और डॉक्टर्स अक्सर अभिभावकों को यह सलाह देते हैं कि खाना बनाने वाली जगह से बच्चों को दूर रखा जाना आवश्यक होता है। उन्हें आग, गहरे पानी या झूले और जोखिम वाली चीजों से बचाकर रखना चाहिए, या फिर अपनी देखरेख में ही उन्हें ऐसे खेल खिलाए जाना चाहिए। दमोह के हादसे में भी जरा सी नजर हटने के चलते यह हादसा हो गया।