Damoh. दमोह जिले के देहात थाना क्षेत्र के झिरा गांव में शनिवार दोपहर घांस पूस की झोपड़ी में आग लगने से उसके अंदर मौजूद दो बच्चों की दर्दनाक तरीके से जलकर मौत हो गई। पास ही मां पानी भरने गई थी इसी दौरान यह हादसा हो गया। मां ने झोपड़ी में आग की लपटें उठते देखी तो स्थानीय लोगों को मदद के लिए बुलाया। पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया गया, तब तक दोनों बच्चे दम तोड़ चुके थे। सूचना मिलने के बाद एसपी राकेश कुमार सिंह और देहात थाना पुलिस भी मौके पर पहंुची और मामले की जानकारी प्रशासन की ओर से उचित मदद का आश्वासन पीड़ित परिवार को दिया गया है।
जानकारी देते हुए एसपी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि सागर जिले के बंडा का रहने वाला भगवानदास रावत अपनी पत्नी जानकी और दोनों बच्चों के साथ नरसिंहगढ़ चौकी के झिरा गांव में बलवंत पटेल के यहां मजदूरी कार्य करता और खेत में झोपड़ी बनाकर रहते थे। पति खेतों की रखवाली करता था। एक बच्चे का तीन माह पहले ही जन्म हुआ है। शनिवार की दोपहर पति भगवानदास खेतों की ओर गया था और मां खेत पर बनी घांस-पूस की झोपड़ी में चूल्हे पर खाना बना रही थी और अंदर उसके दो बच्चे ऋषिका 3 वर्ष और बाबू तीन माह थे। मां पानी लेने गई इसी दौरान आंग की चिंगारी से झोपड़ी में आग लग गई और कुछ ही देर में पूरी झोपड़ी से आग की लपटें उठने लगी।
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मां ने झोपड़ी से आग उठते देखी तो आसपास रहने वाले लोगों को बुलाया साथ ही अपने पति के पास खबर भिजवाई। स्थानीय लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन पूरी झोपड़ी आग में जलकर खाक हो गई और उसके अंदर मौजूद दोनों बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई। अपनी आंखों के सामने दोनों बच्चों को जिंदा जलता देख मां सहम गई और उसका रो रोकर बुरा हाल है, वहीं पिता भी बेसुध है। मृत बच्चों के चाचा हल्ले ने बताया कि भाभी जानकी रावत खाना बना रही थी और भाई चना की कटाई करने गए थे, इसी दौरान झोपड़ी में आग लगने से दोनों बच्चों की मौत हो गई।
सूचना मिलते ही नरसिंहगढ़ चौकी पुलिस घटना स्थल पहंुची और मामले की जानकारी ली। वहीं सूचना मिलने के बाद दमोह एसपी राकेश कुमार सिंह भी पहंुचे और उन्होंने पति-पत्नी से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने प्रयास किया जा रहा है। परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी।