Damoh. जलचर जीवों में शामिल मगरमच्छ का ठिकाना नदी या तालाब ही होते हैं, लेकिन यदि इनकी संख्या में वृद्धि हो जाए और यह लोगों को खुलेआम दिखाई देने लगे तब लोगों की सांस हलक में अटकना स्वाभाविक है। ऐसा ही मामला दमोह जिले के तेजगढ़ वन परिक्षेत्र के दिनारी गांव में देखने मिल रहा है। इस गांव से निकली व्यारमा नदी का एक घाट का दिनारी में भी है जहां पूरे दिन लोगों का आना-जाना बना रहता है और यहीं पर करीब आधा दर्जन मगरमच्छों ने अपना डेरा जमा लिया है जिससे लोग इन मगरमच्छों को देखते ही भय से कांपने लगते हैं।
नदी में नहाते और पानी उपयोग में लाते हैं ग्रामीण
व्यारमा नदी में वर्तमान समय में करीब आधा दर्जन मगरमच्छ निवास कर रहे हैं जो दिन में कई बार उसी घाट पर बैठे नजर आते हैं जहां ग्रामीण नहाते हैं और पानी उपयोग में लेते हैं। इसलिए यहां पर लोग अब अकेले नहीं जाते और यदि जाना भी हुआ तो पहले देख लेते हैं आसपास मगरमच्छ तो नही है। यदि मगरमच्छ आसपास दिख जाए तो वह नदी के घाट पर नहीं जाते। दिनारी गांव के लोगों की माने तो व्यारमा नदी के घाट पर उनका आवागमन हमेशा से है। ग्रामीण नदी से पानी लेने के साथ मवेशी भी उसी घाट पर पानी पीने जाते हैं, लेकिन मगरमच्छ दिखने के बाद सभी के अंदर भय बना हुआ है।
काफी बड़े आकार के हैं मगरमच्छ
दिनारी सरपंच पति भोजराज जैन ने बताया कि दिनारी गांव से व्यारमा नदी निकली है और यहां एक घाट हैं जो सार्वजनिक रूप से काफी समय से चलता आ रहा है। इस घाट पर ग्रामीण पानी भरने जाते हैं और नहाते हैं, लेकिन कुछ समय से यहां पर आधा दर्जन मगरमच्छों ने अपना कब्जा जमा लिया है जो पूरे दिन उसी घाट पर देखे जाते हैं जिससे ग्रामीणों में भय बन गया है। मगरमच्छ आकार में भी काफी बड़े हैं।
समस्या हुई तो ही होगा रेस्क्यू
इस संबंध में जनपद सीईओ को भी जानकारी दी है और बताया हैं कि दिनारी की व्यारमा नदी से मगरमच्छ को हटवाने की व्यवस्था की जाये। जनपद सीईओ हलधर मिश्रा ने बताया कि मुझे सरपंच द्वारा जानकारी दी गई है मैं तेजगढ़ रेंजर और तेंदूखेड़ा एसडीओ को पत्र लिखकर अवगत कराता हूं। तेंदूखेड़ा रेंजर नीरज पांडे से संपर्क नहीं हो पाया वहीं उपवनमंडल अधिकारी रेखा पटैल ने बताया कि नदी तालाब मगरमच्छों के प्राकृतिक रहवास हैं, यदि ज्यादा समस्या होगी तो रेस्क्यू करवाया जाएगा।