सिवनी में तेंदूपत्ता तोड़ने गई महिला की बाघ के हमले में मौत, बाघ ने शरीर से अलग कर दी गर्दन, कई मीटर दूर पड़ा मिला सिर

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Rajeev Upadhyay
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सिवनी में तेंदूपत्ता तोड़ने गई महिला की बाघ के हमले में मौत, बाघ ने शरीर से अलग कर दी गर्दन, कई मीटर दूर पड़ा मिला सिर

Seoni. सिवनी में कल्याणपुर के जंगलों में एक बाघ ने तेंदूपत्ता बीनने गई महिला पर जानलेवा हमला बोल दिया। जंगल में मिली लाश को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि बिजली की फुर्ती से झपटे बाघ ने महिला को चीखने तक का अवसर नहीं दिया होगा। बाघ ने महिला की गर्दन तोड़ी और उसे अपने जबड़े में फंसाकर धड़ से उखाड़ दिया। जंगल में महिला के शव से कई मीटर दूर उसका सिर बरामद हुआ है। यही नहीं बाघ महिला के शव को घसीटते हुए करीब 500 मीटर घने जंगल की तरफ ले गया था। जंगल में शव घसीटने के निशान से यह अंदाजा लगाया गया है। 



कल्याणपुर के जंगलों की घटना




घटना बरघाट थाना इलाके के कल्याणपुर जंग की है। नीरन बाई नाम की महिला जंगल में ग्रामीणों के साथ तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गई थी। मृतका के साथ गई महिलाएं जंगल में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर तेंदूपत्ता तोड़ने में व्यस्त थीं। इसी बीच घात लगाकर बैठे बाघ ने नीरन बाई पर हमला बोल दिया। साथ गई महिलाओं ने बताया कि बाघ ने महिला को दबोच लिया था और उसके सिर को धड़ से अलग कर दिया। बाद में बाघ उसका शव घसीटते हुए घने जंगल की तरफ ले गया। 




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  • आधा हिस्सा बाघ ने खाया




    बाघ द्वारा हमला किए जाते समय तेंदूपत्ता बीनने गई महिलाओं ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। सभी शोर मचाते हुए जंगल से बाहर की तरफ भाग उठीं। बाद में वन विभाग और पुलिस को घटना की सूचना दी गई। मौके पर पहुंची दोनों विभाग की टीमों ने जंगल में आधा किलोमीटर अंदर से महिला का धड़ बरामद किया, जबकि उसका सिर कई मीटर पहले ही बरामद हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक महिला की कमर से नीचे के हिस्से को बाघ खा चुका था। ग्रामीणों को इस बात की दहशत है कि बाघ के मुंह में इंसान का खून लग चुका है। ऐसे में उसके आदमखोर हो जाने का खतरा बना हुआ है। 




    एक किलिंग से बाघ को नहीं मान सकते आदमखोर




    वहीं वन्यप्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि महज एक इंसान को मारने और उसके शरीर का कुछ हिस्सा खा लेने से बाघ को आदमखोर डिक्लेयर नहीं किया जा सकता। इंसान पर हमला करना बाघ की फितरत है, कई बार बाघ उत्सुकतावश इंसान की जान लेकर उसका कुछ हिस्सा खा लेते हैं। ऐसे में यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि बाघ आदमखोर हो गया है। हां बाघ लगातार इंसानों का शिकार करने लगे तब वह आदमखोर घोषित किया जाता है, जिसके बाद फॉरेस्ट मैनुअल के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है। 


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