बैतूल : WCL की खदान में हादसा, दो मजदूरों की मौत, एक घायल

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Sootr Desk rajput
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बैतूल : WCL की खदान में हादसा, दो मजदूरों की मौत, एक घायल

Betul. बैतूल में खदान में हादसा होते ही पाथाखेड़ा क्षेत्र के अलावा डब्ल्यूसीएल और कोल इंडिया में हड़कंप मच गया। दरअसल वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड की भूमिगत तवा-1 कोयला खदान में शुक्रवार रात सपोर्ट लगाते समय भारी पत्थर गिरने से दो कामगारों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हुआ है। हादसे के बाद खदान में काफी भगदड़ मच गई थी। हादसे में कुछ लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।









कैसे हुआ हादसा



सूत्रों के अनुसार, बगडोना क्रॉस कट 57 लेवल में डेवलमेंट के समय सपोर्ट लगाते वक्त करीब तीन मीटर लंबा और एक फीट चौड़ा पत्थर आम अंबाडा निवासी श्रमिक चैतराम और खैरवानी निवासी ठेका मजदूर भोला पर गिर गया। पत्थर के नीचे दबने से दोनों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जहां हादसा हुआ, वहां रूफ के आगे-पीछे सपोर्ट नहीं था। सूत्र बताते हैं कि रेजिंग कैप्सूल का उपयोग किया जाना चाहिए, लेकिन पाथाखेड़ा क्षेत्र में सीमेंट कैप्सूल का उपयोग किया जा रहा। जबकि पाथाखेड़ा क्षेत्र में रेजिंग वाली रेडिएंट मशीन उपलब्ध है पर उपयोग में नहीं लाई जा रही।









तवा-1 खदान में हैं तीन सेक्शन



पाथाखेड़ा क्षेत्र की तवा-1 खदान में तीन सेक्शन हैं। इसमें डब्ल्यू-7, क्रॉस कट और मेन डीप शामिल हैं। इस खदान में करीब 850 कर्मी कार्यरत हैं। फर्स्ट और जनरल में लगभग 350 लोग कार्य पर जाते हैं, जबकि सेकंड में लगभग 200 और नाइट में करीब 160-180 कर्मी कार्य पर जाते हैं। इस खदान से प्रतिदिन 1000-1200 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन होता है। हादसा दूसरी पाली में हुआ। इस वक्त सेक्शन में करीब 30 लोग मौजूद थे। मृतकों और घायल को खदान से बाहर लाने में डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लग गया। 









आक्रोश के बाद खदान बंद



भूमिगत खदान में हादसे के बाद तवा-1 खदान में द्वितीय पाली में काम पर गए ज्यादातर लोग मृतक और घायल को लेकर अस्पताल आ गए। इससे पहले एडवांस गैंग खदान में उतर गई। अस्पताल से खदान लौटकर कामगारों ने आक्रोश व्यक्त किया। इसके बाद रात्रि पाली को खदान में जाने से साथी कामगारों ने रोक दिया। यानी तृतीय पाली में खदान बंद रही। इससे कंपनी को खासा नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इधर, पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कोल कर्मी खदान के मुहाने पर प्रबंधन के प्रति आक्रोश व्यक्त करते रहे। इसी बीच एचएमएस यूनियन के डब्ल्यूसीएल टीएससी अशोक नामदेव समेत एरिया टीएससी मौके का निरीक्षण करने खदान में उतरे। 









प्रबंधन पर मनमानी का आरोप



एचएमएस के महामंत्री अशोक नामदेव ने वेकोलि प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि उत्पादन के लिए सुरक्षा का रत्ती भर भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। जिस जगह हादसा हुआ वहां रूफ पर आगे और पीछे सपोर्ट नही लगाया गया। इस कारण से करीब साढ़े तीन मीटर चौड़ा और 10 मीटर लंबा वजनी पत्थर मजदूरों पर गिर गया और दो को जान गंवानी पड़ी। सुबह की शिफ्ट में भी कुछ कामगार ही खदान में उतरे हैं, जबकि अधिकांश विरोध स्वरूप काम पर नही गए हैं।



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