Jabalpur. लाखों बेरोजगारों को ठगने के लिए आरपीएफ में कॉन्सटेबल के 19800 पद की भर्ती का फर्जी विज्ञापन जारी करने वाले आरोपियों को आरपीएफ ने बिहार के गया से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सोनू कुमार और कुंदन कुमार ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने वेबसाइट में व्यूअर्स बढ़ाने फर्जी विज्ञापन जारी किया था, जिसे बेरोजगारों ने बड़ी तादाद में हिट किया जिससे उन्हें हजारों डॉलर की कमाई हुई थी।
2019 से सक्रिय है गिरोह
आरपीएफ की मानें तो पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वे साल 2019 से विभिन्न विभागों के नाम पर फर्जी विज्ञापन इंटरनेट पर जारी कर रहे थे। जिससे उन्हें काफी व्यूअरशिप भी मिली और कमाई भी हुई। आरोपियों ने बताया कि फर्जी विज्ञापन में लिंक दी जाती थी, जिसे देश भर के बेरोजगार सर्च करते थे, इससे जो व्यूअरशिप बढ़ती थी वही उनकी असली कमाई का जरिया थी। आरोपियों को अच्छी तरह पता था कि देश में सरकारी नौकरी का सपना संजोए बेरोजगारों की तादाद करोड़ों में है।
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कितनी कमाई की गूगल से कर रहे पड़ताल
फिलहाल इन आरोपियों ने बेरोजगारों से ठगी करके कितनी कमाई की है। इसका पता लगाने गूगल से मदद ली जा रही है। सूत्रों की मानें तो यह आंकड़ा लाखों रुपए में पहुंच सकता है।
यह है मामला
दरअसल इसी हफ्ते इंटरनेट पर आरपीएफ आरक्षकों के 19800 पदों की भर्ती का विज्ञापन प्रसारित किया गया था। भर्ती में उम्मीदवारों ने आरपीएफ में संपर्क किया तो अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल कोई भर्ती नहीं निकाली गई है। इस पर उम्मीदवारों ने अधिकारियों को वह विज्ञापन दिखाया, जिसके बाद मामले की पड़ताल शुरू हो गई। आरपीएफ ने बकायदा स्पष्टीकरण जारी कर लोगों से फर्जी विज्ञापन से बचने की सलाह दी। वहीं आरपीएफ ने सायबर सेल की मदद से विज्ञापन जारी करने वाले आरोपियों को ढूंढ निकाला और उन्हें बिहार के गया से दबोचा गया।