देव श्रीमाली, GWALIOR. नेशनल हेल्थ मिशन मध्यप्रदेश की 7 फरवरी को आयोजित संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद एग्जाम को निरस्त कर दिया गया है। ग्वालियर की पुलिस और क्राइम ब्रांच द्वारा इस मामले में पकड़े गए सात आरोपियों को 8 फरवरी को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने पुलिस की अर्जी को स्वीकार करते हुए तीन आरोपियों को पुलिस रिमांड पर सौंप दिया, जबकि पांच को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अब पुलिस इनसे पूरे नेटवर्क को लेकर विस्तृत पूछताछ करेगी। इस गैंग के मुख्य सरगना की अभी पुलिस को तलाश है। वह उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का रहने वाला है। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपियों से बरामद हुए लीक पेपर को मिलान के लिए संबंधित एजेंसी को भेज दिया है। उनके द्वारा मिलान से पता चलेगा पेपर में कितने प्रश्न एक जैसे थे।
इन्हें मिली जेल और रिमांड
पुलिस ने सभी आरोपियों के पांच दिन के रिमांड की अर्जी में लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने सौरभ तिवारी सहित 5 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए है। तीन लोगों को तीन दिन की पुलिस रिमांड मिली है। इनमें मनीष, दीपू पांडे और धनंजय शामिल हैं।
मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर
ग्वालियर एसएसपी अमित सांघी ने बताया कि पुलिस ने डबरा के टेकनपुर स्थित होटल से 33 लोगों को पकड़ा था। इनमें से सात आरोपी पर्चा बेच रहे थे। जिनमें दो आरोपी उत्तरप्रदेश के इलाहबाद के रहने वाले हैं। बाकी दो आरोपी हरियाणा और तीन ग्वालियर के रहने वाले हैं। पुलिस को अभी इनके एक मुख्य साथी की तलाश है। जो इलाहाबाद का रहने वाला है। वही पूरे मामले का मास्टर माइंड है।
सरगना को दबोचने निकली पुलिस की दस टीमें
आरोपियों से बरामद हुए मोबाइल की भी पुलिस द्वारा जांच पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने मुख्य आरोपी को दबोचने के लिए 20 से अधिक अलग-अलग टीमें तैयार की हैं, ताकि मास्टर माइंड को जल्द पकड़ा जा सके। उसके पकड़ने के बाद ही पता लग सकेगा कि मुख्य आरोपी द्वारा यह पेपर कैसे प्राप्त किया गया और कौन-कौन लोग इस मामले में शामिल हैं। पुलिस की अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। यह भी पता लगाया जाएगा कि जिस कंपनी को पेपर तैयार कराने का ठेका दिया गया था, उसकी भूमिका क्या है ?
जब्त पेपर मिलान के लिए भेजे
एसएसपी ने बताया कि आरोपियों से बरामद पेपर मिलान के लिए भेज दिए गए हैं। पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि जो पेपर लीक हुआ है वह पहली पाली का था या दूसरी का। तलाशी में आरोपियों के पास से कई स्टूडेंट्स के डाॅक्यूमेंट्स भी मिले हैं। जो पर्चा लीक मामले में कथित आरोपियों ने गारंटी के तौर पर रखे थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि जिन उम्मीदवारों से पर्चे का सौदा हुआ था, उन सभी से टोकन अमाउंट लिया गया था। बकाया राशि एग्जाम के बाद लिया जाना तय हुआ था। पुलिस इस मामले में NHM के अफसरों की भूमिका भी जांच रही है।