धार में 304 Cr. के कारम डैम के निर्माण में निर्धारित मापदंडों का 'खून', निगरानी में लापरवाही के लिए JE से CE तक 8 इंजीनियर सस्पेंड

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The Sootr CG
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धार में 304 Cr. के कारम डैम के निर्माण में निर्धारित मापदंडों का 'खून', निगरानी में लापरवाही के लिए JE से CE तक 8 इंजीनियर सस्पेंड

BHOPAL. धार जिले में बन रहे कारम बांध के निर्माण में हुई लापरवाही को लेकर सरकार ने जल संसाधन विभाग के 8 इंजीनियरों को सस्पेंड किया है। इससे पहले इस बांध के निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों  ANS कंस्ट्रक्शन और सारथी कंस्ट्रक्शन को भी ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है। धार जिले में 10 अगस्त को बांध में लीकेज होने लगा था, जिसके कारण बांध टूटने की नौबत आ गई थी। इसके बाद डैम में कट लगाकर वहां से पानी निकालने का फैसला लिया गया। डैम फूटने के डर से धार के 12 और खरगोन जिले के 18 गांवों को आनन-फानन में खाली कराया गया था। जांच में सिर्फ मॉनीटरिंग करने वाले एक्जीक्यूटिव इंजीनियर से लेकर निचले स्तर के इंजीनियरों को निर्धारित मापडंडों के हिसाब से काम नहीं कराने का दोषी पाया गया।



जल संसाधन विभाग के अपर सचिव की अध्यक्षता में हुई जांच



15 अगस्त को सरकार ने जल संसाधन विभाग के अपर सचिव आशीष कुमार की अध्यक्षता में जांच दल गठित किया था। इसमें राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र भोपाल के वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार जायसवाल, मुख्य अभियंता ब्यूरो ऑफ डिजाइन एंड हायडल, जल संसाधन विभाग दीपक सातपुते और संचालक बांध सुरक्षा भोपाल अनिल सिंह को शामिल किया गया था। ये बांध  304 करोड़ रुपए की लागत से बना था।




— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) August 26, 2022



JE से CE तक ये आठ जूनियर इंजीनियर सस्पेंड



मंत्रालय से शुक्रवार ( 26 अगस्त) देर शाम अवर सचिव संजीव गुप्ता के हस्ताक्षर से जारी आदेश में उपयंत्री विजय कुमार जत्थाप ,अशोक कुमार राम, कु. दशावंता सिसोदिया और आरके श्रीवास्तव के साथ ही सीएस घटोले (चीफ इंजीनियर), बीएल निनामा (कार्यपालन यंत्री), पी जोशी (अधीक्षण यंत्री जल संसाधन), और वकार अहमद सिद्दीकी (एसडीओ) को भी सस्पेंड किया गया है। इन उप यंत्रियों को सस्पेंड करने के बाद चीफ इंजीनियर, जल संसाधन विभाग उज्जैन कार्यालय में अटैच किया गया है। धार के कारम डैम फूटने के 15 दिन बाद सरकार ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की है। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि न तो कंपनियों ने अपने हिस्से का काम ठीक ढंग से किया न ही बांध के काम की निगरानी कर रहे इंजीनियरों ने इसकी ठीक ढंग से मॉनिटरिंग की। धार के कोठिदा गांव में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना का शिलान्यास और भूमिपूजन चार साल पहले जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री अंतर सिंह आर्य ने किया था।




— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) August 26, 2022



जांच दल ने ये पाया



जांच में पाया गया कि योजनाबद्ध तरीके से डैम का नाला क्लोजर नहीं बनाया गया। बांध में पानी के बहाव के लिए उचित व्यवस्था नहीं की गई थी। साथ ही ट्रॅकेटेड सेक्शन खड़ा कर स्पेसिफिकेशन के विरूद्ध कार्य किया गया, जिस कारण अनेक स्थानों पर लीकेज हुआ। बांध के दाएं हिस्से के निचले भाग में मिट्टी बहने के कारण ये स्थिति निर्मित हुई। इन्हीं कारणों से जनहानि की संभावना बनी और बांध को तत्काल खाली करना पड़ा। जांच दल ने पाया कि बांध के काम की मॉनिटरिंग जिन्हें दी गई थी, उन्होंने फील्ड पर तैनात रहकर भी जिम्मेदारियों की अनदेखी की। इसलिए उक्त आठ लोगों पर कार्रवाई की गई।



इसलिए बांध में हुआ रिसाव



कारम बांध के क्षतिग्रस्त होने के मामले में जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा को सौंप थी। ये डैम 304 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुआ था। जांच कमेटी ने पाया कि बांध रिपोर्ट करने वाली एजेंसी ने स्पेशिफिकेशन का ध्यान रखे बिना ही बांध तैयार किया। एजेंसी ने बांध स्ट्रक्चर को 90 दिन में खड़ा कर दिया था लेकिन इसे बनने में 210 दिन लगते हैं। इसमें 15 एमसीएम पानी भरने के बाद ही रिसाव शुरू हो गया, जबकि बांध की क्षमता 45 एमसीएम पानी की थी। बांध की दीवार के बीच में काली मिट्टी डालनी थी। लेकिन काली मिट्टी में भी पत्थर मिलाए गए। इससे बांध में पानी भरने पर रिसाव शुरू हो गया।




जल संसाधन विभाग के अवर सचिव की ओर से इंजीनियरों को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया।

जल संसाधन विभाग के अवर सचिव की ओर से इंजीनियरों को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया।




सरकार ने दो कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया



धार जिले की कारम नदी पर बने बांध में 10 अगस्त को पानी लिकेज होने लगा था। इसके बाद सरकार ने धार और खरगोन जिले के 18 गांव को खाली कराए थे। विशेषज्ञों की मदद से सरकार ने बांध में समानांतर चैनल बनाकर पानी खाली किया। जल संसाधन विभाग ने बांध का ठेका लेने वाली दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी और सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। साथ ही दोनों का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त कर दिया है। बांध का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था। इसे अगस्त 2021 में पूरा होना था लेकिन कोरोना के कारण लेटलतीफी हुई।


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