इंदौर के अपर कलेक्टर ने पीड़ितों से कहा मैं भूमाफिया चंपू का नहीं, पीड़ितों का एजेंट हूं, उनके न्याय के लिए यहां पर बैठा हूं 

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The Sootr
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इंदौर के अपर कलेक्टर ने पीड़ितों से कहा मैं भूमाफिया चंपू का नहीं, पीड़ितों का एजेंट हूं, उनके न्याय के लिए यहां पर बैठा हूं 

संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफियाओं के खिलाफ हाईकोर्ट इंदौर बेंच में चल रही सुनवाई के दौरान सेटलमेंट रिपोर्ट के लेकर भूमाफियाओं की ओर से सवाल उठाए गए। यह भी कहा गया कि प्रशासन की कमेटी के पास हमने सेटलमेंट राशि के चेक दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी बताया जा रहा है कि सेटलमेंट नहीं हुआ है। इस दौरान पीड़ितों ने भी कहा कि हमें ब्याज और राशि नहीं प्लॉट चाहिए। 





15 से ज्यादा पीड़ित कलेक्टोरेट में पहुंचे 





हाईकोर्ट ने पीड़ितों से कहा कि वह कमेटी प्रमुख से मिले। इसके बाद शाम को 15 से ज्यादा पीड़ित कलेक्टोरेट में अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर से मिलने के लिए पहुंचे और फिर कहा कि हमें चेक नहीं चाहिए। हमने कोई ब्याज पर भूमाफियाओं को पैसे नहीं दिए थे, हमे तो प्लॉट चाहिए और हम कमेटी को पहले ही बता चुके हैं। इस पर अपर कलेक्टर ने कहा कि चेक सभी  प्रशासन के पास सुरक्षित है और हम सेटलमेंट रिपोर्ट में यह जानकारी दे चुके हैं कि किसने चेक लेने से या सेटलमेंट करने से मना कर दिया है और किन पीड़ितों को प्लॉट ही चाहिए। पीड़ितों के यह कहने पर कि हम सालों से परेशान हो रहे हैं पर अपर कलेक्टर ने कहा कि आप सभी न्याय के लिए लड़ते रहिए मैं और प्रशासन पीड़ितों के साथ खड़ा हूं। मैं भूमाफिया चंपू या किसी और का एजेंट नहीं हूं, मैं पीड़ितों का एजेंट हूं और उनके हक, न्याय के लिए पूरी कमेटी हाईकोर्ट में लगातार तथ्यों के साथ पूरी बात रखूंगा। आप लोग चिंता मत कीजिए। इसके बाद सभी पीड़ितों ने कहा कि हम भी प्रशासन के साथ है और हाईकोर्ट में खड़े होकर इन सभी भूमाफियाओं की पोल खोलेगें कि इन्होंने क्या किया है। 





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नंबर एक में राशि दी फिर भी नहीं दे रहे भुगतान





कालिंदी गोल्ड में प्लॉट लेने वाले संदीप गुप्ता ने बताया कि मेरे पिता ने यहां पर प्लॉट लिया था। साल 2012 में हमने पूरा नंबर एक में 16 लाख से ज्यादा का भुगतान आरटीजीएस के जरिए किया। लेकिन अब हमें प्लॉट नहीं मिल रहा है। कहते हैं ब्याज के साथ इतनी राशि ले लो, लेकिन मैं क्यों ले लूं। मैंने भूमाफियाओं को कोई ब्याज पर पैसे नहीं दिए थे, निवेश किए थे। यह राशि हमने वर्तमान बाजार भाव से मिले या प्लॉट मिले। हम इनसे कोई चेक नहीं लेंगे।





महिला फरियादी के साथ दोहरी मुश्किल





पीड़िता विनिता कुलकर्णी ने बताया कि हमारे साथ तो दोहरी मुश्किल है। हमने प्लॉट लिया था, रजिस्ट्री भी हुई, हमें जब रुपए की जरूरत हुई तो उसे एक व्यक्ति को बेच दिया, लेकिन जब वह वहां मकान बनाने गया तो पता चला कि इन लोगों ने पहले ही उसे एक अन्य को बेच रखा है। हमें भूमाफियाओं ने बेवकूफ बनाया। वहीं जिसे हमने प्लॉट बेचा था, उन्होंने हम पर केस कर दिया। अब हम उन्हें धीरे-धीरे करके राशि लौटा रहे हैं, लेकिन हमारे साथ जो फ्रॉड हुआ, उसका कोई हल नहीं निकल रहा है। हमने यही बात हाईकोर्ट में भी रखी है। 





हाईकोर्ट ने आर्डर में क्या लिखा?





उधर हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद अगली तारीख 17 अप्रैल लगा दी है, जिसमें कमेटी प्रमुख व अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर को बुलाया गया है। आर्डर में लिखा है कि सामने वाले पक्षकारों ने बताया है कि हमारे द्वारा कमेटी को पीड़ितों की राशि के चेक दिए जा चुके हैं, जो पीड़ितों के पास नहीं गए हैं। यह भी बताया गया है कि पीड़ित मामले सेटल करने के लिए इच्छ्कु नहीं है।



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