इंदौर के पुष्पविहार को भूमाफिया से मुक्त कर प्रशासन ने पीठ थपथपाई, अब डर बता रहे कि स्कीम से मुक्त की तो माफिया को मिलेगा लाभ

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
इंदौर के पुष्पविहार को भूमाफिया से मुक्त कर प्रशासन ने पीठ थपथपाई, अब डर बता रहे कि स्कीम से मुक्त की तो माफिया को मिलेगा लाभ

संजय गुप्ता, INDORE. पुष्पविहार,महालक्ष्मी नगर जैसी कॉलोनियों को जनवरी-फरवरी 2021 में दीपक मद्दा जैसे भूमाफियाओं से मुक्त कराया गया था। दो थानों में 6 एफआईआर हुई, करीब 12 लोग आरोपी बने, कई गिरफ्तार हुए तो मद्दा पर रासुका लगी। शासन-प्रशासन ने कैंप लगाकर जमीन पर कब्जे सौंपे तो मार्च 2021 में सीएम शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में भव्य कार्यक्रम हुआ। इसमें शासन, प्रशासन सभी की पीठ थपथपाई गई कि बढ़िया काम किया और भूमाफियाओं पर अच्छा डंडा चलाकर सरकार ने सभी को भगा दिया और ढाई हजार करोड़ से अधिक कीमत की जमीन मुक्त करा ली। कलेक्टर, कमिशनर कांफ्रेंस में इंदौर प्रशासन की तारीफ हुई और इसे लेकर प्रेजेंटेशन तक दिया गया। लेकिन अब इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) को यही जमीन को मुक्त करने में भूमाफियाओं को लेकर ही डर लग रहा है। कहा जा रहा है कि आईडीए ने स्कीम 171 से इन 13 कॉलोनियों की जमीन मुक्त की तो इससे भूमाफिया लाभान्वित हो जाएंगे? अब जिन्हें शासन, प्रशासन ने कब्जे सौंपे थे और सीएम ने भी पीड़ितों की मदद के लिए कहा था, क्या वह भूमाफिया है? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इसी के चलते पीड़ितों ने आईडीए को कड़ा पत्र सौंपा है।



यह लिखा है पीड़ितों ने पत्र में- 



प्राधिकरण, समाज मे कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं, जो मुख्यमंत्री जी की इस शानदार लोकप्रिय पहल को तथा प्रशासन के इस अभूतपूर्व कार्य को श्रेय ना मिलने देने के उद्देश्य से भूमाफिया लाभान्वित न हो जाएं, का भ्रम फैलाकर शासन, प्रशासन की छवि धूमिल बनाने के लिए इस जनकल्याण संबंधी कार्रवाई में व्यर्थ में विलंब कराकर प्रभावितों को सड़क पर उतरने का माहौल पैदा करने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं। पत्र में है कि स्कीम 171 से प्रशासन की सख्त कार्रवाई के कारण भूमाफिया बाहर हो गए हैं, अब भूस्वामी ही अपना अधिकार मांग रहे हैं। कुछ लोगों दवारा भ्रम फैलाकर व डर दिखाकर जनहित का काम रोका जा रहा है। इसलिए निवेदन है कि तत्काल तथ्यों का सत्यापन कर जनहित के लिए कार्रवाई करें। पीडित समूह के महासचिव एनके मिश्रा ने पत्र लिखे जाने की पुष्टि की है। 



ये खबर भी पढ़िए...






डर था तो फिर तीन साल पहले बोर्ड ने क्यों लिया था फैसला?



आश्चर्य की बात तो यह है कि 13 मार्च 2020 को ही आईडीए बोर्ड में प्रस्ताव पास कर चुका है कि स्कीम 171 को मुक्त करना है और यहां हुए काम के एवज में 5.84 करोड़ की राशि भूस्वामियों से ली जाना है। यह राशि मिलते ही मुक्त कर देंगे। शासन का स्कीम से मुक्ति का नियम आने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। मप्र शासन 28 सितंबर 2020 को ही स्कीम से मुक्ति संबंधी प्रारूप, नियम का नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है, लेकिन इसके बाद भी करीब ढाई साल से आईडीए इस पर फैसला नहीं ले पाया है। वहीं पीड़ित इस राशि को भरने के लिए, सूची सत्यापन से लेकर अन्य सभी कार्रवाईयों के लिए तैयार है। 



81 फीसदी पीड़ित तीन कॉलोनियों के ही



इस स्कीम के दायरे मे आने वाले पीड़ितों में से 81 फीसदी पुष्पविहार, श्री महालक्ष्मी नगर और न्यायनगर के ही है। यह पीड़ित पूरी तय राशि भरने के लिए भी तैयार है और बैठक में फैसला ले चुके हैं। इनका कहना है कि आईडीए की स्कीम से मुक्त होते ही निगम द्वारा इसे वैध कर दिया जाएगा और फिर हम सभी को मकान बनाने की मंजूरी मिल सकेगी। एक बार मकान बन गए तो फिर कोई भी भूमाफिया कभी इस पर कब्जा नहीं कर सकेगा। ऐसे में जब भूमाफियाओ से मुक्ति और प्लॉट पर कब्जा देने की प्रक्रिया शासन, प्रशासन ने ही शुरू की थी, तब इसे अंजाम तक पहुंचाया जाना चाहिए।

 


Land mafia in Indore MP News पीडितों ने पत्र में ये लिखा पीड़ितों का आईडीए को पत्र पुष्पविहार भूमाफिया से मुक्त victims wrote this in the letter victims' letter to IDA एमपी न्यूज Pushpvihar freed from land mafia इंदौर में भूमाफिया