संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में श्री गुरुसिंह सभा इंदौर के 9 साल बाद चुनाव होना तय हो गया है। इस मामले में अमृतसरा श्री अकाल तख्त साहिब के पास पदाधिकारियों रिंकू भाटिया और अन्य की लगातार पहुंच रही शिकायतों के बाद जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा निगरानी कमेटी का गठन कर दिया गया है। ये कमेटी करीब 3 माह में चुनाव संबंधी प्रक्रिया पूरी करेगी।
रिंकू भाटिया को जोरदार झटका
इस फैसले से शराब ठेकेदार और हाल ही में जेल होकर आए सभा के प्रधान रिंकू भाटिया के लिए जोरदार झटका माना जा रहा है, क्योंकि वे लगातार इस चुनाव को टाल रहे थे। एक बार फिर 3 साल के लिए इसे आगे बढ़ाने की तैयारी थी, लेकिन जनवरी में जिस तरह से सिंधी समाज और सिख समाज के बीच गुरू ग्रंथ साहिब को लेकर विवाद उठा। इसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर में प्रधान रिंकू भाटिया और सचिव जसबीर गांधी को तलब किया गया और जमकर फटकार लगाई गई। इसके बाद भी जब पदाधिकारी नहीं माने तो श्री अकाल तख्त द्वारा अपने स्तर पर ही चुनाव निगरानी कमेटी गठित कर दी। इसमें रिंकू भाटिया और मोनू भाटिया की ओर से 2-2 प्रतिनिधि भी रहेंगे।
निगरानी में चुनाव कराने की उठी थी मांग
साल 2013 के चुनाव भी निगरानी कमेटी के नेतृत्व में ही हुआ था। इस बार भी ऐसा हो रहा है। इंदौर की संगत और श्री गुरु सिंह सभा के मेंबरों ने भी प्रधान और जनरल सेक्रेटरी के खिलाफ इस्तीफा देकर चुनाव करवाने के लिए जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के पास विनती की थी।
ये बनी है कमेटी
- धर्मपाल सिंह कन्वीनर
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सिंधी समाज का विवाद नहीं संभाल पाई थी इंदौर की सभा
जनवरी में निहंगों द्वारा सिंधी समाज के दरबार, मंदिर में जाकर गुरू ग्रंथ साहिब की मर्यादा को लेकर विवाद किया गया था, जिसका वीडियो वायरल हुआ था। इस दौरान गुरु सिंह सभा इंदौर ने मामले को संभालने की जगह सिंधी समाज से पत्र ले लिया और दरबार से ग्रुरु ग्रंथ साहिब को लाकर ग्रुरूद्वारे में जमा कराने की मंजूरी दे दी। इसे लेकर श्री अकाल तख्त की जांच कमेटी ने भी रिपोर्ट में कहा था कि इंदौर की सभा ने मामला सही से नहीं संभाला जिसके चलते ये विवाद इतना बढ़ गया। इसके बाद सिंधी समाज के संतों ने पूरे देश में भी दरबारों से ग्रुरु ग्रंथ साहिब वापस करने का आह्वान कर दिया, ये विवाद अभी तक जारी है।