Jabalpur. जबलपुर के दमोह नाका इलाके में अगस्त महीने में न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में हुए भीषण अग्निकांड में 8 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। इस अग्निकांड के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में जिन 3 जिम्मेदार डॉक्टरों को निलंबित किया गया था। केवल 3 महीने ही बीते हैं कि उन्हें वापस बहाल कर दिया गया है। सबसे पहले तत्कालीन सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया बहाल किए गए थे अब संभागीय आयुक्त ने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर एल एन पटेल और डॉक्टर निशेष चौधरी को भी बहाल कर दिया है। संभागीय आयुक्त बी चंद्रशेखर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि डॉ एल एन पटेल और डॉ निशेष पटेल को अस्पताल में हुए भीषण अग्निकांड की जांच को संस्थित किया गया है। जिन्हें निलंबन से बहाल करते हुए पूर्ववत पदस्थापना में पदस्थ किया जाता है। निलंबन अवधि का निर्णय विभागीय जांच प्रकरण के निर्णय के साथ किया जाएगा।
डॉक्टरों की कमी का बना चुके हैं बहाना
सूत्रों की मानें तो इससे पूर्व में जब तत्कालीन सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया को बहाल किया गया था, उस समय जिला अस्पताल विक्टोरिया में डॉक्टरों की कमी का बहाना बनाया गया था। मामले में कुररिया की बहाली के बाद अन्य दोनों डॉक्टरों की बहाली का भी दबाव था। जिसके चलते यह फैसला लिया गया है।
कुछ नहीं बदला, पुराने थे, पुराने ही रहे
इस भीषण अग्निकांड के बाद नियम-कायदों की जो जो फेहरिस्त बनाई गई थीं वो सारी फेहरिस्त आज भी कागजी साबित हो रही हैं। टेंपरेरी फायर एनओसी की बात की जाए तो अभी भी दर्जनों अस्पतालों में इसकी दरकार है। निजी अस्पताल के दो पार्टनर जमानत पर रिहा हो चुके हैं। बाकी आरोपियों को भी जमानत का इंतजार है। महज कुछ अस्पतालों का पंजीयन निरस्त हुआ था, संभव है कि दरियादिल प्रशासन उक्त अस्पतालों का पंजीयन भी रिन्यू कर दे। और अंत में रह जाएं तो केवल कुछ सवाल, जिनमें से पहले पायदान पर एक ही सवाल होगा कि अग्निकांड में आखिर गलती थी किसकी?