Jabalpur. नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के मामले में हाईकोर्ट से मिले सख्त निर्देशों के बाद आखिरकार सरकार ने नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीत शिजु को पद से हटा दिया, उन्हें नोटिस जारी किया गया है। उधर उनकी पोस्टिंग भोपाल में ही किए जाने पर याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में सवाल उठाया गया। जिसके बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्अिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने सरकार को नए सिरे से जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। नए सिरे से जवाब पेश करने के लिए सरकार ने अदालत से मोहलत मांगी है।
बता दें कि यह मामला प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज की मान्यता और संबद्धता दिए जाने में हुई गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है। गुरूवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई। जब अदालत ने सरकार से जवाब मांगा तो सरकार की तरफ से कहा गया कि नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीत शिजु को पद से हटाकर उनके मूल विभाग गांधी मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में संबंधित आदेश की कॉपी भी पेश की। इस पर याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अधिवक्ता ने सरकार द्वारा सुनीता शिजु को जारी किए गए नोटिस को कमजोर बताते हुए रजिस्ट्रार को संरक्षण दिए जाने की बात कही।
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हाईकोर्ट ने अनुपयुक्त कारण बताओ नोटिस जारी करने पर नाराजगी जाहिर की। याचिकाकर्ता द्वारा आपत्ति उठाई गई थी कि अनियमितता करने वाली रजिस्ट्रार को उनके पद से हटाकर भोपाल में ही पदस्थ कर दिया गया है। इस प्रकार उन्हें सरकार द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने यह भी आपत्ति उठाई कि पूर्व में निलंबित रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैयां के खिलाफ पिछले दो साल में कार्रवाई की रिपोर्ट पेश नहीं की गई। इस पर अदालत ने पूर्व रजिस्ट्रार पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए सरकार को निर्देश दिए हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद होगी।
एमपी में नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिजु पर फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के आरोप लगे थे। साथ हीए रजिस्ट्रार पद पर योग्य नहीं होने का आरोप भी लगा था। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट के आदेश पर अगस्त 2022 में सुनीता शिजु को निलंबित करते हुए रजिस्ट्रार पद से हटा दिया गया था। निलंबन के खिलाफ सुनीता शिजु ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। इसके बाद सुप्रीम न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।