SPS के चेयरमैन सुधीर अग्रवाल और 5 प्रिंसिपल हाईकोर्ट में तलब, कोरोना में ट्यूशन के अलावा ऑनलाइन स्विमिंग और फुटबॉल की फीस वसूली

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Vivek Sharma
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SPS के चेयरमैन सुधीर अग्रवाल और 5 प्रिंसिपल हाईकोर्ट में तलब, कोरोना में ट्यूशन के अलावा ऑनलाइन स्विमिंग और फुटबॉल की फीस वसूली

राहुल शर्मा, Bhopal. शहर के बड़े और नामी स्कूलों में शुमार सागर पब्लिक स्कूल को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (HC) से बड़ा झटका लगा है। कोविडमहामारी के संकटकाल में सागर पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट ने आपदा को अवसर में बदला और महामारी के दौर में फीस के नाम पर छात्रों के अभिभावकों का जमकर आर्थिक शोषण किया है। स्कूल में ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में फीस वसूले जाने के मामले में कोर्ट की अवमानना की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने  सागर ग्रुप के चेयरमैन सुधीर अग्रवाल के साथ भोपाल में संचालित सागर पब्लिक स्कूल की पांचों ब्रांच के प्रिंसिपल को 02 नवंबर को स्वयं उपस्थित होने का आदेश दिया है। इस दिन कोर्ट की अवमानना के मामले में इन पर आरोप तय हो सकते हैं। 





माय पेरेंट्स एसोसिएशन ने लगाई अवमानना की याचिका 





बता दें कि कोरोना काल की महामारी को देखते हुए एमपी हाईकोर्ट ने 4 नवंबर 2020 को निजी स्कूलों की फीस से संबंधित विस्तृत निर्देश दिए थे। निर्देश के बिंदु 12 में स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि है कि जब तक कोरोनाकाल खत्म नहीं हो जाता तब तक निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कोई फीस नहीं वसूल सकते। साथ ही ट्यूशन फीस भी कोरोनाकाल से पहले के शैक्षणिक सत्र यानी 2019-20 की ही मानी जाएगी। इसके बाद भी सागर पब्लिक स्कूल की सभी शाखाओं में शैक्षणिक सत्र 2020-21 और 2021-22 में ट्यूशन फीस के अतिरिक्त भी जमकर फीस वसूली की गई। इस पर स्कूल अभिभावकों के संगठन माय पेरेंट्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका प्रस्तुत की। एसोसिएशन का आरोप है कि सागर स्कूल के मैनेजमेंट ने कोरोनाकाल में ट्यूशन फीस के अलावा ऑनलाइन स्विमिंग औऱ फुटबाल के नाम पर भी फीस वसूली गई।  





चेयरमैन, सभी प्रिंसिपल को 02 नवंबर को पेश होने के निर्देश  





 केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच ने इसे गंभीरता से लिया।  22 सितंबर को सुधीर अग्रवाल समेत एसपीएस साकेत नगर ब्रांच की प्रिंसिपल पंकज शर्मा, कटारा हिल्स की प्राचार्य प्राची वर्मा, गांधीनगर अयोध्या बायपास ब्रांच की प्रिंसिपल अल्पना प्रभू, रोहित नगर ब्रांच की प्रिंसिपल मधुबाला चौहान और एसपीएस रातीबड़ ब्रांच की प्रिंसिपल रश्मि सेठ को अगली सुनवाई (02 नवंबर 2022) में मौजूद रहने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बारे में द सूत्र के स्कूल मैनेजमेंट के पक्ष जानने के लिए संवाददाता ने सागर ग्रुप के चेयरमैन सुधीर अग्रवाल से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनके पीए ने मीटिंग में व्यस्तता का हवाला देकर कुछ समय बाद खुद कॉल कर चर्चा करने की बात कही। हालांकि खबर लिखे जाने तक इस मामले में स्कूल प्रबंधन का कोई पक्ष सामने नहीं आया।    





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एसोसिएशन से जुड़े पेरेंट्स को फीस लौटाई, बाकी का क्या?





हाईकोर्ट में माय पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से पैरवी कर रहे वकील और याचिकाकर्ता शैलेष बावा ने बताया कि सागर ग्रुप का मैनेजमेंट शुरू से ही मामले को घूमा रहा है। जब याचिका लगाई गई तो माय पेरेंट्स एसोसिएशन से जुड़े करीब 100 पेंरेंट्स के बच्चों की बढ़ी हुई फीस स्कूल मैनेजमेंट ने लौटा दी, जबकि भोपाल में स्कूल की पांचों ब्रांच में करीब 20 हजार स्टूडेंट पढ़ते हैं। ऐसे में उनसे वसूली गई फीस का क्या होगा। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि स्कूल मैनेजमेंट आदेश का पूरा पालन करे। 







SPS को वापस करने पड़ सकते हैं पेरेंट्स को 50 करोड़ रूपए





 भोपाल में सागर ग्रुप के स्कूल सागर पब्लिक स्कूल के नाम से 5 स्कूल संचालित हैं। ये साकेत नगर, रोहित नगर,  रातीबड़, कटारा हिल्स और गांधीनगर अयोध्या बायपास क्षेत्र में हैं। याचिकाकर्ता शैलेष बावा ने कहा कि इन स्कूलों की सभी ब्रांच में करीब 20 हजार स्टूडेंट रजिस्टर्ड होने का अनुमान है। अभी तक स्कूल ने करीब 100 बच्चों की ही कुछ फीस वापस की है। माय पेरेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि पेरेंट्स को पूरी बढ़ी हुई फीस वापस न कर कुछ हिस्सा ही वापस किया गया है। लेकिन कोर्ट की सख्ती के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि सभी बच्चों की बढ़ी हुई फीस कोर्ट की अगली सुनवाई से पहले वापस हो सकती है। यदि एक बच्चे से एक सत्र में  करीब 25 हजार अतिरिक्त फीस की वसूली की गई है तो इसका मतलब सागर पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट को करीब 50 करोड़ रूपए पेरेंट्स को लौटाना पड़ सकते हैं।  







द सूत्र के सर्वे में खुलासा : फीस वसूली में एसपीएस नंबर वन 





कोरोना काल में निजी स्कूलों ने फीस वृद्धि कर बच्चों के पेरेंट्स को जमकर लूटा। प्रायवेट स्कूलों की इस मनमानी के खिलाफ सिर्फ द सूत्र ने जिम्मेदार मीडिया संस्थान की भूमिका निभाते हुए पेरेंट्स एसोसिएशन के साथ सर्वे कर पूरा खुलासा किया। राजधानी भोपाल में वे कौन-कौन से स्कूल हैं जिन्होंने कोरोनाकाल में मानवीयता दिखाने की जगह फीस वसूली के नाम पर लूटखसोट की। द सूत्र ने 12 अप्रैल 2022 को ही पूरे मामले का खुलासा कर बताया था कि इस मनमानी में पहले पायदान पर सागर पब्लिक स्कूल ही था। भोपाल में अधिक फीस वसूली मामले में पहले और तीसरे नंबर पर एसपीएस की साकेत नगर और रोहित नगर ब्रांच ही थी। 





नियम में निजी स्कूलों को सिर्फ 10 % फीस बढ़ाने की अनुमित





प्राइवेट स्कूलों ने कोरोनाकाल में पेरेंट्स से मनमानी फीस वसूलने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस विनियम अधिनियम 2017 मध्यप्रदेश में 2020 से लागू है। इसके अनुसार प्राइवेट स्कूल हर साल सिर्फ 10 फीसदी ही फीस बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है। इससे अधिक फीस वृद्धि के लिए इसी एक्ट के तहत गठित जिला कमेटियों को आवेदन करना होगा। कमेटी 3 साल की आडिट रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों के आधार पर ही फीस बढ़ाने की अनुमति देगी। लेकिन कोरोनाकाल में कोर्ट की अवमानना करते हुए प्राइवेट स्कूलों ने न केवल ट्यूशन फीस के अतिरिक्त भी फीस वसूली, बल्कि महामारी के बीच फीस में बेतहाशा वृद्धि कर पेरेंट्स पर आर्थिक बोझ डाला। 







भोपाल के इन स्कूलों ने बढ़ाई मनमानी फीस 





अयोध्या बायपास के बोनी फाई स्कूल की 2019-20 में 12वीं कामर्स की ट्यूशन फीस 27 हजार 990 रूपए सालाना थी, जिसे 2020-21 में 60 फीसदी बढ़ाकर 44 हजार 865 रूपए कर दिया गया। इसी तरह साकेत नगर के सागर पब्लिक स्कूल की 2019-20 में सालाना ट्यूशन फीस 41 हजार 160 रूपए थी जिसे 2020-21 में 39 फीसदी बढ़ाकर 57 हजार 360 और 2021-22 में 20 फीसदी बढ़ाकर 68880 कर दिया गया। सिल्वर बेल कॉन्वेंट स्कूल की 2020—21 में सालाना ट्यूशन फीस 16000 रूपए थी जिसे 2021—22 में 68 फीसदी बढ़ाकर 27 हजार कर दिया गया। जवाहरलाल नेहरू भेल स्कूल की 12वीं कॉमर्स की सालाना ट्यूशन फीस 2019—20 में 21660 रूपए थी जिसे 2020—21 में 16 प्रतिशत बढ़ाकर 25090 कर दिया गया। 





कानून तो है पर स्कूल शिक्षा के अफसर अमल ही नहीं कराते 





मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस विनियम अधिनियम 2017 की धारा 9 की उपधारा 1 और 7 के अनुसार यदि कोई पेरेंट फीस वृद्धि संबंधी शिकायत करता है और वो सही पाई जाती है तो स्कूल को बढ़ी हुई फीस स्टूडेंट को वापस करना होगी। जिला समिति उस स्कूल पर 2 से 6 लाख तक का जुर्माना भी लगा सकती है। एसपीएस स्कूल तो एक उदाहरण है जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सख्ती दिखाई पर सवाल यही खड़ा होता है कि क्या शिक्षा माफिया बन बैठे अन्य निजी स्कूल पर डीईओ कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने कोरोनाकाल में फीस वूद्धि कर पेरेंट्स को जमकर लूटा। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने कहा कि उनके पास 4 से 5 शिकायतें आई थी, जिनका उन्होंने निराकरण कर दिया है। जब उनसे पूछा गया कि आप स्वयं संज्ञान लेकर रेंडमली स्कूलों को चेक कर कार्रवाई क्यों नहीं करते तो वे गोलमोल जवाब देते नजर आए। जबकि अधिनियिम की धारा 9 की उपधारा 2 डीईओ यानी जिला शिक्षा अधिकारी को यह अधिकार देती हैं कि वह ऐसे मामलों का स्वयं संज्ञान लेकर उसका निराकरण करें, पर भोपाल के अधिकारी को इन स्कूलों पर स्वयं संज्ञान लेकर  कार्रवाई करने की फुर्सत ही नहीं।





सर्वे में ऐसे उजागर हुई थी निजी स्कूलों की मनमानी





 पालक महासंघ के महासचिव प्रबोध पांडे नें बताया कि महासंघ द्वारा जो सर्वे किया गया है वह 95 फीसदी से अधिक सटीक है, क्योंकि इसमें एमपी एजुकेशन और स्कूल के खुद के पोर्टल पर दर्ज फीस को लिया गया है। साथ ही पालक महासंघ के पास समय—समय पर शिकायतों के साथ भेजी गई स्कूल फीस की रसीद से भी डेटा लिया है। सर्वे में स्पष्ट था कि भोपाल में निजी स्कूलों ने जमकर फीस वसूली की। 



ये हैं टॉप-5 स्कूल जिन्होंने मनमाननी फीस बढ़ाई 



 





पहला नंबर : सागर पब्लिक स्कूल, साकेत नगर







  • क्लास : 12वीं कॉमर्स 



  • 2019—20 में ट्यूशन फी : 41160


  • 2021—22 में ली फी : 68880 ट्यूशन फी, 14390 अदर फी, कुल 83810 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 103 प्रतिशत अधिक.


  • 2020—21 में ली फी : 57360 ट्यूशन फी, 8270 अदर फी, कुल 65630 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 59 प्रतिशत अधिक 








  • दूसरा नंबर : सिल्वर बेल कॉन्वेंट स्कूल







    • क्लास : 12वीं कॉमर्स 



  • 2019—20 में ट्यूशन फी : 16000


  • 2021—22 में ली फी : 27000 ट्यूशन फी, 4000 अदर फी, कुल 31000 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 93.75 प्रतिशत अधिक


  • 2020—21 में ली फी : 16000 ट्यूशन फी, 4800 अदर फी, कुल 20800 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक








  • तीसरा नंबर : सागर पब्लिक स्कूल रोहित नगर







    • क्लास : 12वीं कॉमर्स 



  • 2019—20 में ट्यूशन फी : 48720


  • 2021—22 में ली फी : 79440 ट्यूशन फी, 14560 अदर फी, कुल 94000 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 92.94 प्रतिशत अधिक


  • 2020—21 में ली फी : 64560 ट्यूशन फी, 8160 अदर फी, कुल 72720 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 49.26 प्रतिशत अधिक








  • चौथा नंबर : सागर पब्लिक स्कूल एयरपोर्ट रोड







    • क्लास : 12वीं कॉमर्स 



  • 2019—20 में ट्यूशन फी : 40920


  • 2021—22 में ली फी : 64920 ट्यूशन फी, 13360 अदर फी, कुल 78280 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 91.30 प्रतिशत अधिक


  • 2020—21 में ली फी : 55500 ट्यूशन फी, 6830 अदर फी, कुल 62330 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 52.32 प्रतिशत अधिक   








  • पांचवा नंबर : जवाहरलाल नेहरू स्कूल भेल







    • क्लास : 12वीं कॉमर्स 



  • 2019—20 में ट्यूशन फी : 21660


  • 2021—22 में ली फी : 22528 ट्यूशन फी, 15193 अदर फी, कुल 37721 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 74.15 प्रतिशत अधिक


  • 2020—21 में ली फी : 25090 ट्यूशन फी, अदर फी जानकारी नहीं मिल पाई, कुल 25090 यानी 2019—20 की ट्यूशन फी के मुकाबले 15.84 प्रतिशत अधिक




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