संजय गुप्ता, INDORE. जीएसटी रजिस्ट्रेशन सत्यापन को लेकर आए नए आदेश को लेकर इंदौर के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने शासकीय विभागों को भी साफ कह दिया कि इस मामले में किसी व्यापारी के साथ कोई ज्यादती नहीं की जाए। चेंबर के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल और महामंत्री सुशील सुरेका ने इसे लेकर जीएसटी आयुक्त को पत्र लिख दिया है। आयुक्त से कहा गया है कि व्यापारी पहले से ही परेशान हैं, ऐसे में उसकी मानवीय गलती, मामूली त्रुटियों को लेकर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाए।
टैक्स चोरी के हम भी खिलाफ, लेकिन ज्यादती नहीं हो
आयुक्त को लेखे पत्र में कहा गया है कि टैक्स चोरी के हम भी खिलाफ है इनके रजिस्ट्रेशन रद्द होने से व्यापार में सुविधा ही होगी और गलत लोग बाहर होंगे। लेकिन सत्यापन के नाम पर बेवजह जानकारियां नहीं मांगी जाए। किसी भी रजिस्ट्रेशन को रद्द करने से पहले सभी स्थितियां जरूर देखी जाए। ऑनलाइन व्यापार, मल्टीनेशनल कंपनियों के बढ़ते दखल और कई कॉर्पोरेट घरानों के खुदरा कारोबार में आने से कारोबारियों के सामने कई संकट है। ऐसे में विभाग की जरा भी ज्यादती व जांच व्यापारी के लिए मुश्किल ला सकती है।
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व्यापारियों को भी लिखा पत्र
इसके साथ ही संगठन ने व्यापारियों और सभी व्यापारिक संगठनों को भी पत्र लिखा है। इसमें कहा गाय है कि यदि जीएसटी रजिस्ट्रेशन वैरीफिकेशन के दौरान किसी भी सही काम करने वाले व्यापारी को परेशान किया जाता है, तो इसकी सूचना हमे दें। किसी व्यापारी के साथ दुर्व्यवहार होता है या अनावशयक तौर पर परेशान किया जाता है तो उसकी शिकायत हमारे द्वारा विभाग को करते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। लेकिन प्रारंभिक जांच में 79 में से 62 के नंबर जीएसटी के फर्जी मिले हैं, ऐसे में व्यापारियों के लिए भी चिंता की बात है। हम भी चाहेंगे कि गलत नंबर वाले फर्जी कारोबारी बाहर हो जाएं। लेकिन विभाग छोटी गलतियों पर यदि नंबर रद्द करेगा तो इसका हमारे द्वारा विरोध किया जाएगा। व्यापारी भी जांच के दौरान सभी तरह के दस्तावेज, रिटर्न की जानकारी अपने पास रखें।