इंदौर में राजवाड़ा पर बिना योजना हुई अहिल्या लोक की घोषणा, घने एरिया में रोड बंद करने पर 20 साल पहले कोर्ट से डांट खा चुका है निगम

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Rahul Garhwal
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इंदौर में राजवाड़ा पर बिना योजना हुई अहिल्या लोक की घोषणा, घने एरिया में रोड बंद करने पर 20 साल पहले कोर्ट से डांट खा चुका है निगम

संजय गुप्ता, INDORE. मां देवी अहिल्या की नगरी इंदौर। मां अहिल्या तो सुशासन की मूर्ति रही हैं, लेकिन इनके नाम का उपयोग इंदौर की राजनीति में भरपूर किया जाता है। अब हर जगह लोक बन रहे हैं तो फिर इंदौर में भी मां अहिल्या के लोक की घोषणा हो गई है। पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 3 एकड़ जमीन देने की मंजूरी दी तो वहीं हाथों-हाथ नगर निगम के बजट में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी राजवाड़ा पर ये लोक बनाने की घोषणा कर दी। मजे की बात ये है कि ये घोषणा बिना किसी योजना के हुई है। खुद महापौर के पास इसकी कोई योजना नहीं है और ना ही इसे लेकर अहिल्या समिति से उनकी कोई बात हुई है और ना पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के पास ये योजना पहुंची है।



पहले देखते हैं क्या है निगम की घोषणा



अपने बजट भाषण में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने राजवाड़ एरिया जो शहर का हृदय स्थल है, वहां पर अहिल्या लोक स्थापित करने की बात कही है। अहिल्या लोक की योजना में गोपाल मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, यशोदा मंदिर वाला हिस्सा शामिल रहेगा। यहां आकर्षक विद्युत सज्जा की जाएगी। लाइट एंड साउंड शो के जरिए देवी अहिल्या की गाथा सुनाई जाएगी। राजवाड़ा चौक की सड़कों को भी चौड़ा किया जाएगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजवाड़ा, गोपाल मंदिर की 30 करोड़ रुपए की लागत से पहले ही रेनोवेशन हो चुका है। उधर सीएम शिवराज सिंह चौहान लालबाग परिसर में 3 एकड़ जमीन अहिल्या स्मारक के लिए देने की मंजूरी दे चुके हैं। यहां करीब 50 करोड़ की लागत से काम होगा।



योजना को लेकर महापौर का ये है कहना



पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि अहिल्या लोक यानी राजवाड़ा का सौंदर्यीकरण, उसके बगीचे का सौंदर्यीकरण और उनके कामों को नए और अच्छे ढंग से प्रदर्शित करने की योजना है। अभी हमने सौंदर्यीकरण का फैसला लिया है, क्या बनेगा और कैसे बनेगा पहले बताएंगे, फिर बनाएंगे। यानी अभी महापौर के पास अहिल्या लोक का कोई ठोस प्लान मौजूद नहीं है।



कांग्रेस का क्या कहना है?



उधर कांग्रेस नेता पिंटू जोशी ने कहा कि हाईकोर्ट से पहले ही सड़क बंद करने को लेकर महापौर कैलाश विजयवर्गीय के समय 2002-03 के दौरान निगम फटकार खा चुका है। सड़क बंद होने पर हम आंदोलन करेंगे। इस चौराहे पर सभी खुशियां मनाते हैं तो फिर लोग कहां पर जमा होंगे। राजवाड़ा को राजवाडा ही रहने दें, बड़ा स्वरूप कुछ बनाना है तो लालबाग में बनाइए। वहीं जब-जब हमने मां अहिल्या को राजवाड़ा का द्वारपाल बनाने की कोशिश की है इंदौर पर आपदा आई है। निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे भी इस मामले को लेकर आपत्ति ले चुके हैं, उनका कहना है कि हम अहिल्या लोक के खिलाफ नहीं है, लेकिन राजवाड़ा पर ये व्यवस्थित नहीं बन सकता है।



हाईकोर्ट में क्या हुआ था?



तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय ने राजवाड़ा पर बने अहिल्या बगीचे को बड़ा करते हुए राजवाड़ा और बगीचे के बीच में बनी चौड़ी सड़क को बंद कर दिया था। इसके चलते वाहनों को तंग गली गोपाल मंदिर के पास से जाते हुए राजवाड़ा पूरा घूमकर एमजी रोड पर आना पड़ता था। ऐसे में भारी ट्रैफिक जाम शुरू हो गया। हाईकोर्ट में केस गया और हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह से सार्वजनिक रोड बंद नहीं की जा सकती है। इसके बाद वापस बगीचा तोड़ा गया और फिर सड़क खोली गई। जवाहर मांग को एमजी रोड से राजवाड़ा एरिया में यही रोड लिंक करती है। चारों तरफ सघन बाजार है, जहां 10-15 फीट की जगह ही मुश्किल से निकलने के लिए होती है। ऐसे में ये रोड बंद करने से पूरा ट्रैफिक जाम होगा।



वीडियो देखने के लिए क्लिक करें.. 20 साल पुरानी गलती दोहरा रहा इंदौर नगर निगम, बिना तैयारी अहिल्या लोक के निर्माण का ऐलान!



अहिल्या समिति सदस्य का क्या कहना है?



मां अहिल्या समिति सदस्य सुधीर देड़गे कहते हैं कि राजवाड़ा के समक्ष अहिल्या लोक का विचार अच्छा है, लोगों को उनके काम पता चलेंगे। हमें लगता है कि महापौर विकासशील हैं और वे पुराने अनुभव को देखते हुए ही उचित फैसला लेंगे। अभी तो हमारे पास योजना नहीं आई है, लेकिन उम्मीद है महापौर सभी से बात कर फैसला लेंगे।


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