BHOPAL. मध्यप्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं के बयानों से साफ नजर आने लगा है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है। कुछ समय पहले लगाए गए नया साल, नई सरकार के पोस्टर में कमलनाथ को भावी सीएम बताया गया था, लेकिन अब कांग्रेस के नेताओं के बयान ही इससे मेल नहीं खा रहे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है। अजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस में परंपरा रही है कि चुनाव जीतने से पहले सीएम का चेहरा घोषित नहीं होता है।
सीएम चेहरे को लेकर घमासान
मध्यप्रदेश प्रदेश में चुनाव से पहले सीएम फेस को लेकर कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है। कुछ समय पहले तक कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री संबोधित करने वाले कांग्रेस नेताओं में अब मतभेद सामने आने लगे हैं। कांग्रेस नेताओं के बयानों से साफ है कि चुनाव के पहले कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री कहा जाना उनको मंजूर नहीं है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव के बयान के बाद अजय सिंह का बयान सामने आ गया। अजय सिंह ने इन दोनों नेताओं के बयानों का समर्थन किया है।
अरुण यादव ने भी दिया था बयान
अजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस में परंपरा रही है कि चुनाव जीतने से पहले सीएम का चेहरा घोषित नहीं होता हैं। इससे पहले अरुण यादव ने कहा था कि कांग्रेस में सत्ता में आने के बाद तय होता है कि सीएम कौन होगा।
कमलनाथ भावी सीएम या भावी विधायक
अजय सिंह से पूछा गया कि अगर कांग्रेस जीती तो मुख्यमंत्री कौन होगा। तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला (भावी मुख्यमंत्री का) आलाकमान करेगा, कांग्रेस की परंपरा रही है कि विधायक दल अपना नेता चुनता है। अब कोई इस तरह से कहता भी नहीं है कि मैं भावी मुख्यमंत्री हूं। मैं अपने लिए तो यही कहना चाहता हूं कि भावी विधायक बनना चाहता हूं। केंद्रीय नेतृत्व और विधायक दल ही सीएम चुनता है। वहीं, पीसीसी चीफ कमलनाथ ने एक दिन पहले मध्य प्रदेश में सीएम फेस को लेकर पूछे सवाल पर कहा था कि वे किसी पद के आकांक्षी नहीं है। उन्होंने जीवन में सबकुछ पा लिया हैं। अब उनका लक्ष्य सिर्फ मध्यप्रदेश का भविष्य सुरक्षित करना है।
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जेपी अग्रवाल ने कहा था- कांग्रेस पार्टी में एक प्रोसीजर है
प्रदेश के प्रभारी जेपी अग्रवाल भी कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी में एक प्रोसीजर है जो सालों से चल रहा है। ये प्रोसीजर अभी शुरू भी नहीं हुआ है। जब टिकट बंटेंगे और चुनाव लड़ा जाएगा, उस समय कांग्रेस अध्यक्ष, कार्यकारिणी, यहां के नेता क्या सोचते हैं, उस पर आधारित सारा काम होगा। उसमें कोई बदलाव नहीं। दिग्विजय सिंह हों या कमलनाथ वे किसी को छोटा बड़ा नहीं कहते।