UJJAIN. विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती का फर्जी अनुमति पत्र बनाने के मामले में उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने निजी कंपनी पर 5 लाख रुपए का जुर्माना ठोका है। इतना ही नहीं कलेक्टर ने उन सातों कर्मचारियों को बर्खास्त कर एफआईआर दर्ज करने का निदेश भी दिया है। दरअसल, उज्जैन महाकाल में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और महाकाल के दर्शन करने आने वाले लोग दलालों से संपर्क करते हैं। ताकि वह जल्दी महाकालेश्वर की भस्म आरती में शामिल हो सकें। वहीं, मंदिर समिति द्वारा सभी व्यवस्थाएं ऑनलाइन होने के बाद अब दलालों ने नकली अनुमति पत्र बनाना शुरू किया है।
दिल्ली के श्रद्धालुओं से ठगे 4500 रुपए
उज्जैन में महाकाल लोक निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई है। इसी का लाभ उठाकर जालसाज श्रद्धालुओं के साथ ठगी कर रहे हैं। 2 दिन पहले दिल्ली से उज्जैन आए श्रद्धालु मोहित, दिशांत और नीतीश को भस्म आरती की फर्जी अनुमति देकर उनसे 4500 रुपए ऐंठ लिए गए थे। इस मामले में महाकाल थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए विपिन, पवन कुमार सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है।
पहले भी पकड़ा चुका है भ्रष्टाचार
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने पहले भी लाखों रुपए का भ्रष्टाचार पकड़ा है। इसके बाद मंदिर की कुछ व्यवस्थाओं में प्रबंध समिति के माध्यम से बदलाव भी किया गया। महाकालेश्वर मंदिर की दर्शन व्यवस्था को कुछ लोगों ने कमाई का जरिया बना रखा था। यह गिरोह महाकाल मंदिर परिसर से लेकर बाहर तक सक्रिय रहता था। ऐसे गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस केस दर्ज कराए जा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज होने के बाद भी जालसाजी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
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महाकालेश्वर मंदिर में सबकुछ ऑनलाइन
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी के मुताबिक श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार से दलालों के चक्कर में आने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन है। शीघ्र दर्शन व्यवस्था से लेकर गर्भ ग्रह की दर्शन व्यवस्था भी ऑनलाइन है। ऑनलाइन व्यवस्था के जरिए श्रद्धालु अपना टिकट निर्धारित काउंटर से ले सकते हैं। महाकाल मंदिर के अधिकारियों के मुताबिक श्रद्धालुओं को दलाल ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकते जो श्रद्धालु स्वयं मंदिर समिति के माध्यम से हासिल नहीं कर सकते हैं।