जबलपुर में आरोग्य निरोगी काया योजना में भ्रष्टाचार का आरोप, प्रिंटिंग में लाखों के गोलमाल की जांच

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
जबलपुर में आरोग्य निरोगी काया योजना में भ्रष्टाचार का आरोप, प्रिंटिंग में लाखों के गोलमाल की जांच

Jabalpur. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आरोग्य निरोगी काया के अंतर्गत प्रपत्रों की छपाई में लाखों के गोलमाल होने के आरोप लगे हैं। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने योजना के प्रपत्रों की छपाई के नाम पर लाखों का गोलमाल किया है। विभाग द्वारा छपाई का काम करने वाली फर्म को लाखों का भुगतान कर दिया लेकिन मांग की तुलना में कम प्रपत्र की सप्लाई की गई। हालात यह बने की गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग में जबलपुर पिछड़कर प्रदेश में 47वें नंबर पर पहुंच गया। आशा कार्यकर्ताओं की शिकायत के बाद कर्मचारी संघ ने भी आवाज बुलंद की और सीएम से शिकायत की। जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम के अधिकारियों की सख्ती के बाद सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर शिकायत की जांच के निर्देश दिए हैं। 





यह है मामला





गैर संचारी रोगों और टीबी का पता लगाने तथा समय पर मरीजों को उपचार मुहैया कराने के लिए सरकार ने आरोग्यम निरोगी काया अभियान की घोषणा की थी। इसके तहत स्वास्थ्य अमले को घर-घर जाकर 30 साल से अधिक आयु के लोगों की स्क्रीनिंग कर गैर संचारी रोगों का पता लगाना था। अभियान में आशा कार्यकर्ताओं और एनएनएम को स्क्रीनिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 





निर्धारित आयु के लोगों की स्क्रीनिंग कर उनकी सेहत का ब्यौरा सी बैक फार्म में दर्ज किया जाना था। नागरिकों की स्क्रीनिंग के बाद इस फार्म को फैमिली फोल्ड प्रपत्र के साथ आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग में जमा करना था। लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 में आशा कार्यकर्ताओं को फैमिली फोल्डर व सी बैक फार्म कम संख्या में दिए गए। अभियान में जब जबलपुर पिछड़ा तो भोपाल तक हल्ला मचा। जिले भर की तमाम आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें सी बैक फार्म ही नहीं दिए गए। जिसकी शिकायत आशा कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों से की। यह आरोप भी लगाए गए कि अधिकारियों ने दबाव बनाया कि वे प्रपत्र की फोटोकॉपी स्वयं करवाएं और स्क्रीनिंग करें। मामले ने तूल पकड़ा तो मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने प्रपत्रों की प्रिंटिंग में लाखों रुपए के गोलमाल का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री से शिकायत की। 





13 लाख के बजाय थमाए 22 हजार प्रपत्र





कर्मचारी संघ ने शिकायत में कहा है कि प्रपत्रों की छपाई के लिए डीपीएम कार्यालय द्वारा लाखों रुपए का भुगतान कर दिया गया। प्रपत्रों की छपाई के लिए 15 लाख रुपए का बजट दिया गया था। जिले में 30 साल से अधिक आयु के लोगों की स्क्रीनिंग के लिए 13 लाख से ज्यादा प्रपत्रों की आवश्यकता थी लेकिन मात्र 22 हजार प्रपत्र ही उपलब्ध कराए गए। नोटशीट और स्टाक रजिस्टर में प्रपत्रों का विवरण शून्य पाया गया। इस तरह लाखों के गबन के साथ इतनी बड़ी योजना में पलीता लगाया गया। संघ्ज्ञ ने तत्कालीन डीपीएम सुभाष शुक्ला और अन्य अधिकारी कर्मचारियों पर मिलीभगत कर गबन के आरोप लगाए हैं। 





सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि फैमिली फोल्ड और सी बैक फार्म की प्रिंटिंग में तत्कालीन डीपीएम पर लाखों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 3 सदस्यीय टीम गठित कर 10 दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। 



Jabalpur News जबलपुर न्यूज There was a break in the printing of forms Investigation of evasion of lakhs in printing प्रपत्रों की छपाई में हुआ गोलमाल आरोग्य निरोगी काया योजना में घपला प्रिंटिंग में लाखों के गोलमाल की जांच