Damoh. दमोह में विधानसभा चुनाव में अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपने हाथ आजमाएंगी और सरकार के खिलाफ ही बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगी। यह कहना है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिला अध्यक्ष का, जिन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकता और सहायिकाओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी मांगों के संबंध में कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और शीघ्र ही मांगों को पूरा करने के लिए कहा और ऐसा न होने पर उन्होंने कहा कि अब 2023 उनका है।
ज्ञापन देने पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जिला अध्यक्ष शोभा तिवारी ने कहा कि पिछले कई वर्षों से वह लोग मांग करती आ रही हैं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए, लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी। पिछले साल 42 दिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हड़ताल पर बैठी रहीं। उस दौरान कई नेता उनके पास मिलने आए और उनकी मांग का समर्थन किया, लेकिन सरकार ने नहीं सुनी। उसके बाद नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने 15 दिन में मांग पूरा करने का आश्वासन दिया और हड़ताल समाप्त करवा दी, लेकिन उसके बाद भी आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई।
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उनकी प्रमुख मांग में उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए और ऐसा न होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 20 हजार रुपये वेतन और सहायिका को दस हजार रुपये वेतन देने की मांग है। जिला अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने पहले ही सरकार से कह दिया था कि 2023 हमारा होगा, हम जिसे चाहेंगे उसे जिताएंगे। इसलिए अब उन्होंने फैसला लिया है कि यदि सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करती तो इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लडं़ेगी। इसके लिए कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की तैयारी भी चल रही है ताकि सरकार के वोट कट सकें।