Damoh. दमोह का गंगा-जमना स्कूल 3 दिनों से पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है, इस मामले के सामने आने के बाद डीईओ पर सतही जांच करने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनके दफ्तर में हंगामा कर दिया। कार्यकर्ता स्याही से उनका मुंह काला करने की फिराक में थे, लेकिन मौके पर तैनात पुलिस ने एबीवीपी के मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया।
कई अभिभावक सामने आए, कहा जबरन पहनाया जाता था हिजाब
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अनेक अभिभावक सामने आ रहे हैं, जिनका कहना है कि स्कूल दबाव डालकर छात्राओं को हिजाब पहनने मजबूर करता था। दमोह के सुनील पाठक ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं, दोनों उसी स्कूल में पढ़ती हैं, छोटी बेटी के लिए तो हिजाब का बंधन नहीं है, लेकिन बड़ी बेटी के लिए हिजाब अनिवार्य था। जिसके चलते बेटी घर से तो खुला सिर लेकर निकलती थी लेकिन स्कूल पहुंचते ही उसे हिजाब पहनना पड़ता था।
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सीएम के आदेश के बाद दिखा असर
इधर मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कलेक्टर ने पुनः मामले पर जांच बैठा दी है, इस बार जांच टीम में 3 सदस्य शामिल हैं। जो मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे, हालांकि इस जांच में कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
कुछ घंटों में जांच कर दी थी क्लीन चिट
हिंदूवादी संगठन इस मामले में चंद घंटों में जांच कर स्कूल को क्लीन चिट दिए जाने से खफा हैं। संगठन अपने साथ उन परिवारों को साथ लाए थे, जिन्होंने यह आरोप लगाए हैं कि उनकी बच्चियों पर दबाव डालकर उन्हें हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाता था।
स्कूल प्रबंधन भी बैकफुट पर
इधर खबरें आ रही हैं कि स्कूल प्रबंधन ने मामला गर्माने के बाद स्कूल की यूनिफॉर्म में शामिल स्कार्फ को यूनिफॉर्म से अलग करने का फैसला ले लिया है। वहीं स्कूल में होने वाली दुआ को भी प्रार्थना से हटा दिया गया है।