indore.भूमाफियाओं से जमीन छीनकर असली हकदारों को दिलाने के अभियान में प्रशासन को जमीन के नए-नए जादू देखने को मिल रहे हैं। भूमाफिया आम जनता की जमीन को हजम कर ही
गए, ऐसे मामले भी मिल रहे हैं जिसमें एक भूमाफिया ने दूसरे की जमीन खा ली और जनता, प्रशासन देखते रह गए।
ताजा मामला महालक्ष्मी कॉलोनी (बांबे हॉस्पिटल) का है। पूर्वी क्षेत्र की संभवतः सबसे पुरानी और सबसे बड़ी इस कॉलोनी के कई प्लॉटधारी बरसों बाद भी भटक रहे हैं । प्रशासन ने इन भटकते लोगों को जमीन दिलाने के लिए फाइल चलाई तो नया ही मामला सामने आ गया।
महालक्ष्मी की जमीन तुलसी के पास
हाल में नायब तहसीलदार रितेश जोशी ने महालक्ष्मी कॉलोनी की जमीन की जांच नाप-जोख के लिए फीता रखा तो पता चला इस कॉलोनी की जमीन का एक हिस्सा इससे ही लगी तुलसी नगर कॉलोनी के बिल्डर ने हजम कर लिया है। उसमें से कई पर मकान बन गए हैं जबकि कई लोगों ने प्लॉट पर फैंसिंग कर रखी है। ऐसे 48 मामले मिले जो एड्रेस में तो तुलसी नगर के हैं लेकिन जमीन महालक्ष्मी की है। सभी 48 लोगों को नोटिस देकर जमीन की मालिकी और अन्य जानकारी का लेखा-जोखा प्रशासन ने मांगा है।
तुलसी नगर और ज्यादा विवादास्पद
जिस तुलसी नगर पर महालक्ष्मी की जमीन हड़पने के सबूत मिले हैं, वो भी अच्छी-खासी विवादास्पद रही है। यह कॉलोनी मां सरस्वती गृह निर्माण सहकारी संस्था के बैनरतले बनी थी। इसके कर्ता-धर्ता शिव नारायण अग्रवाल हैं जो खुद ही सदस्यों के साथ प्लॉट की धोखाधड़ी में जेल की हवा खा चुके हैं। इन पर नाले का रास्त बदलने और सरकारी जमीन को भी कॉलोनी की हद में लेने नगर निगम द्वारा स्वीकृत नक्शे में हेरफेर के आरोप भी लग चुके हैं । प्रशासन ने तुलसी नगर को अवैध कॉलोनी की श्रेणी में डाल रखा है। अब महालक्ष्मी की जमीन का नया मामला उजागर हो गया।