संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर विकास् प्राधिकरण (आईडीए) ने स्कीम 171 के भूखंडधारियों के लिए व्यक्तिगत एनओसी (अनापत्ति) जारी करने का प्रारूप आखिर जारी कर दिया है। सात दिन पहले आईडीए ने इस मामले बोर्ड में संकल्प पारित कर पूरी संस्था की जगह व्यक्तिगत एनओसी जारी करने का प्रस्ताव पास कर दिया था। इसके बाद से ही भूखंडधारियों की मांग थी कि प्रारूप भी जल्द जारी कर दिया जाए। ताकि आवेदन करके इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए,।जिससे 30 साल से परेशान हो रहे सैंकड़ों पीड़ितों के खुद के मकान का सपना पूरा हो सके। इस प्रारूप के जारी होने के साथ ही हाथों हाथ 25 सदस्यों ने शुक्रवार, 21 अप्रैल शाम को इसके आवेदन भी जमा कर दिए हैं। द सूत्र द्वारा लगातार यह मुद्दा उठाया जा रहा है। इसके बाद सालों से परेशान चल रहे पीड़ितों के लिए एनओसी का रास्ता खुल गया है। इसके लिए आईडीए चेयरमैन जयपाल सिहं चावड़ा, कलेक्टर डॉ. इलैया राजाटी, विधायक महेंद्र हार्डिया, एमआईसी सदस्य राजेश उदावत और आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार ने पहल कर इस काम में तेजी लाई है।
प्रारूप में यह सभी दस्तावेज लगेंगे
इस आवेदन के साथ आधार कार्ड की कॉपी, रजिस्ट्री की कॉपी, कब्जा पत्र की प्रति, संस्था का सदस्यता क्रमांक अथवा नामांतरण आदेश, भू परिवर्तन शाखा में संबंधित भूखंड का अद्यतन शुल्क जमा होना तथा भुगतान की रसीद संलग्न करना आवश्यक है। सदस्यों से अनुरोध है कि वे आवेदन पत्र के प्रारूप आवेदन मय डॉक्यूमेंट प्राधिकरण के आवक जावक काउंटर पर जमा कर दें व उसकी पावती आवेदन की दूसरी प्रति पर प्राप्त कर लें। पुष्पविहार रहवासी संघ के प्रमुख एनके मिश्रा ने कहा कि यदि कुछ समझना हो तो पुष्प विहार प्रांगण आफिस से संपर्क कर जानकारी लेने का प्रयास कर सकते है। NOC की प्रक्रिया की सभी को जानकारी हेतु सादर प्रेषित।
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मौके पर शिविर लगा से आएगी तेजी, अभी नामांतरण में है समस्या
संस्था के भूखंड धारकों में से करीब 850 ने तो अपने प्लॉट भी राजस्व विभाग में नामांतरण करा लिए थे। लेकिन अभी भी कई सदस्यों ने पाया है कि परिवर्तन शाखा में अपने भूखंड पर अपना नाम नामान्तरित नहीं है। इसका कारण उनके पूर्व के क्रेता के नाम से भूखंड उक्त भू परिवर्तन शाखा में पंजीयत है इसका मुख्य कारण वर्तमान स्वामी का नामांतरण विभाग में अनेक चक्कर लगाने पर भी नहीं हो पाया है। पुष्पविहार रहवासी संघ के अध्यक्ष एनके मिश्रा ने कहा कि सदस्यों का कहना है कि चूंकि हमारे भूखंड का भूपरिवर्तन विभाग में हो चुका है व उसका अद्यतन शुल्क भी जमा कर दिया गया है तो इस स्थिति में उनके नाम से नामांतरण करने के लिए विभाग में उचित व्यवस्था अथवा स्पॉट पर शिविर लगाकर निराकरण करना जनहित में रहेगा। अतः जिनके नामांतरण उनके नाम से विभाग में नहीं हो पा रहे हैं उनकी समस्या का निराकरण के लिए कलेक्टर महोदय के साथ चर्चा कर इसका हल निकालने का प्रयास किया जाएगा।
यह है पूर मामला
आईडीए की स्कीम 171 के दायरे में 13 सहकारी संस्थाएं आ गई है, इसके चलते भूखंड धारक यहां पर मकान नहीं बना रहे हैं। सालों से यह लड़ाई चल रही है। बाद में भूमाफिया के कब्जे हो गए जो जनवरी-फरवरी 2021 के माफिया अभियान से मुक्त कराए गए। साथ ही शिविर लगाकर वास्तविक पीड़ितों को कब्जा पत्र सौंपा गया। आईडीए तीन साल पहले बोर्ड में प्रस्ताव पास कर चुका है कि 5.84 करोड़ की विकास राशि देने पर संस्था को स्कीम से मुक्त कर दिया जाएगा, शासन ने स्कीम मुक्ति के लिए नियम भी जारी कर दिए, लेकिन इसके बाद भी मामला अटका रहा। द सूत्र ने इस मुद्दे को फिर उठाया, इसके बाद तय हुआ कि भल ही स्कीम से संस्था को मुक्त नहीं करें, लेकिन इन्हें व्यक्तिगत एनओसी दी जाएगी, जिससे यह आईडीए की स्कीम के भीतर ही वैध कॉलोनी के रूप हो जाएगी।