इंदौर में दस्तक परिवार की कठपुतली बनी संस्था, 12 साल में ही संस्था में दाखिल हुआ अनवर दस्तक; फिर खेला गरीबों के प्लॉट बेचने का खेल

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
इंदौर में दस्तक परिवार की कठपुतली बनी संस्था, 12 साल में ही संस्था में दाखिल हुआ अनवर दस्तक; फिर खेला गरीबों के प्लॉट बेचने का खेल

संजय गुप्ता/ज्ञानेंद्र पटेल/योगेश राठौर, INDORE. मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में 800 करोड़ के जमीन के खेल का खुलासा द सूत्र ने बुधवार को किया था, हमने बताया था कि किस तरह से ये पूरा खेल रचा गया। अब बात करते हैं इसके मास्टरमाइंड की, आखिर किसके इशारे पर और किस तरह हुआ ये खेल।



12 साल की उम्र में अनवर की एंट्री



आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस खिलाड़ी ने जमीन के खेल में एंट्री केवल 12 साल की उम्र में ले ली थी। ये शख्स है कांग्रेस से 2 बार पार्षद रहे और वर्तमान में वार्ड-8 की पार्षद रुखसाना दस्तक का पति अनवर दस्तक उर्फ शेख मोहम्मद असलम।



पिता ने 10 साल संस्था चलाई फिर आया अनवर



अनवर दस्तक के पिता युनूस मोहम्मद शेख रघुवीर गृह निर्माण संस्था में 14 मार्च 1996 से 2006 तक अध्यध पद पर काबिज रहे। इसके पहले वे संस्था में संचालक मंडल में शामिल रहे। संस्था में एक परिवार से एक ही सदस्य होता है लेकिन यूनुस से रघुवीर को घर की संस्था बनाते हुए एक-एक अपने सभी परिजन को इसका सदस्य बना दिया। अनवर दस्तक को 21 नवंबर 1990 में संस्था का सदस्य बनाया गया, वहीं पैन कार्ड के हिसाब से उसका जन्मदिन है 26 जुलाई 1978, यानी जब वो संस्था में सदस्य बना तब उसकी उम्र 12 साल और करीब 4 महीने रही होगी, यानी पांचवी-छठी क्लास का बच्चा। पिता ने ही अनवर के नाम पर 17 नवंबर 2005 को प्लाट की रजिस्ट्री करा दी, वो भी एक नहीं, दो-दो प्लॉट, प्लॉट नंबर-5 और 6।



साइकिल की दुकान से निगम ठेकेदार और पार्षद और भूमाफिया तक का सफर



अनवर दस्तक के दादा शेख जमील की साइकिल की दुकान थी, बेटा युनूस दस्तक ने निगम के ठेकेदारी का काम शुरू किया और फिर जमीनों के खेल में आ गए। अवैध खनन के धंधे में भी लग गए। ग्रीन पार्क की कॉलोनी से हुई कमाई के बाद रियल सेक्टर में आ गए और फिर अपने बेटों के नाम पर आसपास कई कॉलोनियां सलीम एस्टेट, असलम एस्टेट आदि नाम से भी कॉलोनियां काट दी। बाद में अनवर दस्तक राजनीति में आ गए। दस्तक परिवार के कई सदस्यों पर कई केस हैं और पुलिस एक बार इनाम भी घोषित कर चुकी है, भाई लोकायुक्त में रिश्वत लेते पकड़ाया जा चुका है।



पूरा दस्तक परिवार ही बन गया सदस्य



अनवर दस्तक के अलावा युनुस ने अपने दूसरे बेटे सलीम दस्तक, शेख इमरान उर्फ अबरार और अन्य परिजन को भी सदस्य बना दिया और प्लॉट आवंटित करा दिए। सभी का संस्था में पता एक ही था 49 बड़वाली चौकी। सदस्यता क्रमांक 785 से 790 तक सभी इन्हीं के परिजन ही हैं।



अनवर दस्तक ने आगे बढ़ाया खेल



पिता यूनुस मोहम्मद शेख जब संस्था के अध्यक्ष पद से हटे तब 30 जून 2006 से 12 मई 2022 तक अध्यक्ष पद पर अनवर दस्तक काबिज हो गया। अनवर की जेब में रखी हुई संस्था को उसने अपने हिसाब से चलाया। सबसे बड़ा खेल किया गरीबों के लिए रखे गए प्लाट का जिन्हें मध्यप्रदेश शासन ने धारा-20 के तहत छूट दी थी और ये 500 वर्गफीट एरिया वाले प्लॉट गरीबों को मात्र 240 रुपए यानी 2 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से देना था। ये प्लॉट अपने वालों को जो गरीबों की कैटेगरी में नहीं थे, बल्कि संस्था में अमानतदार और निवेशक थे उन्हें भी बांट दिए गए। करीब 150 ऐसे प्लॉट का खेल किया गया, जिनकी दस्तक द्वारा रजिस्ट्री करवाई गई। साथ ही सदस्यों को प्लॉट बिक्री के लिए एनओसी देने के बदले में राशि लेने, अवैध कब्जे कराना, प्लॉट के साइज में बदलाव करके अपने वालों को बड़ा प्लॉट आवंटित करना, मैरिज गार्डन से लेकर अन्य निर्माण करवाना, ये सभी काम दस्तक के राज में चलते रहे। संस्था के प्लाट की जमीन पर मल्टियां तनवा दी गई, जिससे करोड़ों रुपए बनाए गए, एनओसी देने के नाम पर लंबा खेल हुआ और हर प्लॉट धारक से 1 लाख रुपए तक केवल एक एनओसी देने के बदले मांगे गए। ऑडिट रिपोर्ट तक में आया है कि संस्था के पास नकदी बहुत रहती है, जो राशि खाते में होना चाहिए वो संस्था में नकद में दिखती है।



महू, राउ में दस्तक परिवार के पास 100 करोड़ से ज्यादा की जमीन



इस संस्था के जरिए कमाई गई काली कमाई को अनवर दस्तक और दस्तक परिवार ने राउ के निहालपुर मुंडी, माचला गांव से लेकर मुंबई के मलाड तक में प्रॉपर्टी खरीदी में लगाया। खासकर महू के चिखली गांव में भी लंबी-चौड़ी जमीन है। निहालुपर मुंडी में तो चिनार हिल्स के नाम पर कॉलोनी कटी हुई है। जिला प्रशासन द्वारा इन कॉलोनी के विकास में अनियमितता को लेकर साल 2021 में नोटिस भी दिए गए लेकिन बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिए गए।



लोकायुक्त ने एनओसी के बदले रिश्वत मांगने पर भाई को रंगे हाथों पकड़ा था



दस्तक के भाई सलीम दस्तक को लोकायुक्त अगस्त 2018 में 95 हजार की रिश्वत लेते भी पकड़ा था। ये रिश्वत ग्रीन पार्क कॉलोनी के प्लॉट की एनओसी देने के बदले भूखंडधारक शौकत अली से मांगी गई थी।



12 साल से चल रहा भूमाफिया अभियान, एक में भी नहीं दस्तक



शासन, प्रशासन द्वारा साल 2010 से ही इंदौर में भूमाफिया अभियान चलाया जा रहा है और ये सोसाइटी की जमीन के खेल से ही जुड़ा रहा है। इस अभियान में चंपू, चिराग, बॉबी, मद्दा संघवी से लेकर कई दर्जन भर लोग फंसे, केस दर्ज हुए, गिरफ्तार हुए, लेकिन मजाल है कि एक भी अभियान में किसी अधिकारी ने दस्तक का नाम लिया हो। जबकि संस्था की कई बार शिकायत हो चुकी है। आखिर किसी भी अधिकारी को दस्तक भूमाफिया क्यों नहीं लगा और भूमाफिया मानने के क्या पैमाने होते हैं, ये आज तक शासन-प्रशासन बताने की स्थिति में नहीं है।



बलात्कार, धमकाने के मामले में फरार, उधर फोन पर सक्रिय



दस्तक पर बलात्कार मामले में खजराना थाने में केस दर्ज हुआ है, एक केस पीड़ित को धमकाने के मामले में उस पर और भाई सलीम पर दर्ज हुआ है। इन केसों में पुलिस उसे तलाश रही है, थाना प्रभारी खजराना दिनेश वर्मा कहते हैं कि दो बार घर पर दबिश दी पर वो नहीं मिला। वहीं हमारे संवाददाता योगेश राठौर लगातार 7 दिन से उस पर फोन पर बात कर पक्ष जानने की कोशिश कर रहे हैं, वो फोन पर उठाकर बात भी कर रहा है, तो फिर पुलिस क्यों नहीं ढूंढ पा रही है, ये नहीं पता। दस्तक का मोबाइल नंबर 9893000100 है। इसके पहले दस्तक के पिता, भाई से लेकर उस पर बाणगंगा पुलिस 3-3 हजार का इनाम भी घोषित कर चुकी है।



संस्था की वर्तमान कार्यकारिणी सामने आने से कतरा रही



वर्तमान में संस्था में अनवर दस्तक का कर्मचारी कहे जाने वाले जुल्फीकार अध्यक्ष है। वहीं हांजी खां उपाध्यक्ष है, साथ ही संचालक गण में 9 अन्य लोग भी हैं।



उपाध्यक्ष ने फोन पर दी सफाई



द सूत्र ने अनवर दस्तक से लेकर जुल्फीकार से कई बार फोन पर मिलने की बात कही, सवाल व्हाट्सएप किए लेकिन जवाब नहीं आया। उपाध्यक्ष हाजी खां ने जरूर पक्ष रखा और फोन पर बात करते हुए सफाई दी लेकिन पहले ये कहा कि मुझे नहीं पता मुझे क्या बना रखा है, फिर जवाब दिया कि संस्था में कोई गड़बड़ी नहीं है और गरीबों को ही प्लॉट दिए गए हैं।


Land mafia in Indore इंदौर में भूमाफिया Raghuveer Home Construction Society Anwar Dastak अनवर दस्तक sold the plots of the poor to the rich Fraud Anwar Dastak रघुवीर गृह निर्माण सोसाइटी गरीबों के प्लॉट अमीरों को बेचे फ्रॉड अनवर दस्तक