देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इससे पहले भी वे कई बार खबरों में आए हैं। ताजा मामला ग्वालियर से आप पार्टी की मेयर उम्मीदवार रहीं रुचि गुप्ता से जुड़ा है। दोनों के बीच बीती रात डीबी मॉल के ओनॉक्स मल्टीप्लेक्स में सीट को लेकर विवाद हुआ है। रुचि का आरोप है कि एक खाली सीट को लेकर कन्फ्यूजन हुआ । उस पर मेरे बच्चे के बैठ जाने पर कलेक्टर और उनकी पत्नी अभद्रता पर उतर आए जबकि कलेक्टर का कहना है कि वे बार-बार मेरी सीट पर किसी और को बिठा रहीं थी मना करने पर अभद्रता पर उतर आईं लेकिन मल्टीप्लेक्स से निकलकर मामला थाने पहुंच गया । रुचि थाने में डेढ़ बजे तक एफआईआर कराने के लिए अड़ीं रहीं । पुलिस ने उनका आवेदन लिया तब वे घर गईं।
मारीच फिल्म में हुआ विवाद
डीबी मॉल के मल्टीप्लेक्स में चल रही फिल्म मारीच फ़िल्म देखने बीती रात कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सपत्नीक गए थे। इसी शो में आप नेत्री रुचि गुप्ता भी अपने परिवार के साथ मूवी देखने गईं थीं। यहीं सीट को लेकर विवाद हुआ ।
रुचि बोलीं सीट को लेकर हुआ विवाद
रुचि गुप्ता ने "द सूत्र" को बताया कि सीट को लेकर गलतफहमी के कारण विवाद हुआ । दरअसल हॉल खाली था । हम लोग दूसरी साइड बैठे थे और कलेक्टर का परिवार अलग साइड । अंधेरा था तो कुछ दिख भी रहा है । हम लोग को पता भी नहीं था कि कलेक्टर बैठे हैं । मेरा बेटा गलती से उनके बगल में खाली सीट पर जाकर बैठ गया । अचानक कलेक्टर साहब की पत्नी इतनी जोर से उस पर चिल्लाईं कि पूरा हॉल गूंज गया । मैं दौड़कर गई माफी मांगने । मैंने बताया कि मै रुचि हूं । आप जानते है । बच्चे से गलती हो गई लेकिन वे दोनों लोग अभद्रता करते रहे । इसके बाद मैंने कहा कि मैं चली जाती हूं आप लोग मूवी देखो । पीछे से वे भी आ गए और उनकी पत्नी मॉल में भी चिल्लातीं रही और देख लेने की धमकी देती रही।
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आधी रात तक थाने पर दिया धरना
रुचि गुप्ता वहां से कलेक्टर के खिलाफ एफआईआर कराने पड़ाव थाने पहुंच गई । उनका कहना है कि कलेक्टर इससे पहले दो नेताओं के खिलाफ झूठे केस दर्ज कवाकर प्रताड़ित कर चुके हैं। इसलिए वे सीधे थाने गई लेकिन पुलिस ने एफआईआर लिखने की जगह अभद्रता की । रुचि ने कहा कि हालांकि मूवी हॉल में तो अंधेरा था लेकिन मॉल में भी वे दोनों अभद्रता और धमकाते रहे इसके लिए वहां के सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किये जायें। पुलिस का कहना है कि मॉल प्रबंधन से फुटेज मांगे गए है । बताया गया है कि एक आवेदन टॉकीज के मैनेजर ने भी दिया है जिसमे रुचि पर हॉल में हंगामा करने का आरोप है। रुचि का आरोप है कि यह पुलिस ने दवाव डालने के लिए लिया है।
बार-बार किसी न किसी को भेज रहीं थी
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह हालांकि अब इस मामले पर कुछ भी नही बोल रहे हैं लेकिन तत्काल उन्होंने मीडिया से कहा था कि मैंने रुचि गुप्ता से कुछ भी गलत नही बोला। मेरे परिवार की चार सीट थीं । इन पर मैं मेरी पत्नी और बच्चे बैठे थे। फ़िल्म के दौरान बच्चे टॉयलेट के लिए बाहर गए तो रुचि गुप्ता ने पहले किसी महिला को को फिर किसी पुरुष को बैठने के लिए भेज दिया। अंत में बच्चे को भी मेरी सीट पर बैठने को भेज दिया। मैने बार बार निवेदन किया लेकिन वे नही मानी तो मैंने मैनेजर को जरूर बुलाकर डांटा था। वे हमसे अभद्रता से पेश आ रहीं थीं इसलिए हम फ़िल्म छोड़कर वापस बंगले चले आये। कलेक्टर ने भी कहा कि सच जानने के लिए सीसीटीवी फुटेज देखे जा सकते हैं।
कलेक्टर बोले आप नेता का व्यवहार खराब था
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने द सूत्र से कहा कि यह तो अजीब स्थिति है कि वे बार - बार मेरी सीट पर किसी न किसी को बिठा रहीं थी । मना करने पर भी न मानी बल्कि बदतमीजी क़रतीं रहीं । फिर भी मैंने उनसे नही मैनेजर को बुलाकर डांटा कि भाई उनकी सीट पर ये क्या हो रहा है। लेकिन वे आपा खोलकर बोलती रही तो मेरी पत्नी ने सिर्फ उनसे माइंड योर लेंग्वेज कहा और हम लोग मूवी ही छोड़कर चले आये और क्या कर सकते थे। लेकिन उनका व्यवहार बहुत खराब था। और उल्टे वे मुझ पर आरोप लगा रहीं है यह तो दुःखद भी है।
छात्र नेता को बातों-बातों में भिजवा था दिया जेल
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम इससे पहले भी कई बार चर्चा में रहे थे। उन्होंने एक छात्र नेता को फटकार लगाते हुए जेल भेज दिया था। जीवाजी यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं आगे बढ़ाने की मांग को लेकर NSUI ने हंगामा किया था। इसकी खबर लगते ही कलेक्टर मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले तो छात्र संगठन के नेताओं सहित हंगामा कर रहे छात्रों की क्लास ली। इसी बीच NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवराज यादव से बहस करने लगे। कलेक्टर ने शिवराज यादव को पुलिस के जरिये हिरासत में लेकर थाने भिजवा दिया।
कर्मचारियों को दी फांसी पर चढ़ाने की धमकी
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह 100 फीसदी वैक्सीनेशन के टारगेट को लेकर कर्मचारियों को हिदायत देते वक्त सारी हदें लांघ बैठे थे। एक बैठक उन्होंने अधिकारी कर्मचारियों को तय समय में 100 फीसदी वैक्सीनेशन करने को कहा था। इस दौरान कलेक्टर यह भी कह गए कि एक दिन भी डिले हुआ तो फांसी पर टांग दूंगा। कलेक्टर द्वारा अधिकारी कर्मचारियों को धमकाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।