Jabalpur. जबलपुर में अवैध रूप से आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती और मनमाना मानदेय देने का घोटाला चर्चा में है। वहीं गुरूवार को सैकड़ों आशा कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर घंटाघर चौक पर धरने पर बैठ गईं। आशा कार्यकर्ताओं ने इस बाबत थाने में भी शिकायत दर्ज कराई। आशा कार्यकर्ताओं ने अपने ही विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि इन्होंने न सिर्फ भ्रष्टाचार किया बल्कि आशा कार्यकर्ताओं से अवैध वसूली भी की है। आशा कार्यकर्ताओं ने डीपीएम और डीसीएम पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं।
आशा-उषा सहयोगी एकता यूनियन के बैनर तले किए गए इस प्रदर्शन के दौरान जिला महासचिव पूजा कनोजिया ने आरोप लगाया कि शासन स्तर से जो एनसीडीसी फार्म और आईडी कार्ड के रुपए आए थे, वह रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। हालांकि आशा कार्यकर्ताओं की शिकायत को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि आई कार्ड संबंधित जानकारियां उनसे मांगी जा रही हैं जो जल्द बनाकर दे दिए जाऐंगे।
आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार की शिकायत उन्होंने एकसाथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से की पर दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में जमतरा ट्रेनिंग सेंटर में भी आशा-उषा कार्यकर्ताओं से पैसे लिए गए।
डीपीएम पर आरोपों की बौछार
आशा कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व में भी डीपीएम विजय पांडे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। इतना ही नहीं कुछ आशा कार्यकर्ताओं ने जातिगत रूप से अपमानित करने की शिकायत भी अजाक थाने में दर्ज कराई है। आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि डीसीएम के खिलाफ जांच होने के बाद भी जब उन पर कार्रवाई नहीं हुई तो हम डीपीएम विजय पांडे से भी बात की जिस पर उनका कहना था कि उच्च स्तर से जांच हो चुकी है। आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने भोपाल स्तर की टीम के द्वारा की गई जांच पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि उच्च अधिकारी भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई न करते हुए उल्टा हम पर दबाव बना रहे हैं।