ग्वालियर में सीएम की गाड़ी घेरने वालीं आशा-उषा कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज, कांग्रेस बोली- लाड़ली बहना नारे की असलियत सामने आई

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Neha Thakur
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ग्वालियर में सीएम की गाड़ी घेरने वालीं आशा-उषा कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज, कांग्रेस बोली- लाड़ली बहना नारे की असलियत सामने आई

देव श्रीमाली, GWALIOR. रविवार 16 अप्रैल को अंबेडकर महाकुम्भ में भाग लेने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को अपना मांगपत्र भेंट करने के लिए उनकी कार को रोककर चक्काजाम करना आशा-उषा कार्यकर्ताओं को मंहगा पड़ गया। दरअसल, देर रात पुलिस ने 8 महिलाओं के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कर लिया। कांग्रेस ने इस की निंदा करते हुए कहा कि थोड़ी देर पहले ही मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना कहते हुए उनके सम्मान में कशीदे काढ़े और अनेक आश्वासन दिए। लेकिन उनके जाते ही उन सभी की पोल खुल गई। महज उनसे मिलने की कोशिश करने पर उन्ही लाड़ली बहनों पर एफआईआर हो गई।



सीएम की यात्रा के दौरान किया चक्काजाम



पुलिस ने बताया कि कल सीएम की यात्रा के दौरान चक्काजाम करने के मामले में गोला का मंदिर थाने में आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने लीला रायपुरिया, रजनी मीणा, साधना शर्मा, संध्या बघेल, शारदा गुर्जर, रीता गुप्ता, मीनफ खान और रूबी राठौर खिलाफ धारा 341 और 147 के तहत एफआईआर की गई है। यह एफआईआर अंबेडकर महाकुंभ से लौटते समय सीएम की कार के सामने चक्काजाम करने के आरोप में दर्ज की गई है।



आश्वासन के बावजूद नहीं मिले सीएम



आशा-उषा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे तो पहले से ही पुलिस और प्रशासन से मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्याएं बताने के लिए आग्रह कर रहीं थी। एक अधिकारी ने उन्हें आश्वासन भी दे दिया था, कि वह पांच महिलाओं को मिलवा देंगे। लेकिन जब सीएम जाने लगे तो हमने उन्हें रोकने की कोशिश की। सीएम ने आकर हमारी बात भी सुनीं, लेकिन बाद में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया यह तो अजीब बात है।



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ये रहा घटनाक्रम



ग्वालियर में 16 अप्रैल को अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन हुआ था। अंबेडकर महाकुंभ में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित ग्वालियर चंबल अंचल के सभी बीजेपी के मंत्री और नेता शामिल हुए थे। जब सीएम शिवराज सिंह चौहान का भाषण समाप्त हुआ और वे अपनी कार में बैठकर एयरपोर्ट जाने के लिए आगे बढ़े वैसे ही अचानक आशा कार्यकर्ता हाथ में पट्टिकाएं लिए नारे लगाते हुए उनकी गाड़ी के आगे दौड़ने लगी। उसके बाद सभी आशा कार्यकर्ता उनके काफिले को रोकने के लिए रास्ते में आ गई और जमकर नारेबाजी करने लगी।



पुलिस के साथ हुई की धक्कामुक्की



इस दौरान आक्रोशित आशा कार्यकर्ताओं और सुरक्षा कर्मियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की और हाथापाई हुई थी। पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं रुकी और लगातार वह आगे की तरफ बढ़ती गईं। सीएम के खिलाफ नारेबाजी करती रहीं। इसके बाद पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की की। लेकिन लगातार आशा कार्यकर्ताओं के बढ़ते विरोध को देखकर पुलिसकर्मियों ने तत्काल रस्सा डालकर उन्हें रोक दिया था।



सीएम गाड़ी से उतरकर उनसे मिले



धक्का-मुक्की, नारेबाजी पुलिस द्वारा की जा रही कवायद के बावजूद जब आक्रोशित आशा कार्यकर्ता नहीं रुकी तभी थोड़ी देर बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान का काफिला उनके सामने आ गया। सीएम गाड़ी से उतर कर पैदल-पैदल उनके पास पहुंचे। उनकी मांगों को सुना और आवेदन लेकर वहां से रवाना हो गए।



कांग्रेस बोली यह बीजेपी का लाड़ली के प्रति असली रूप



कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि वे आशा-उषा कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई इस एफआईआर की निंदा करते है । उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना को लेकर शिवराज सरकार का असली रूप यही है, कि कुछ समय पहले वे बहना-बहना कहकर जिनको तमाम आश्वासन दे रहे थे और उनके हवाई जहाज में बैठते ही उनका असली रूप आमने आ गया। सिर्फ अपने सीएम से मिलने के प्रयास करने वाली लाड़ली बहनाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई।


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