दमोह में जन्मभूमि से लगाव ने बदल दी गांव की सूरत, रिटायर्ड प्रोफेसर देते हैं बच्चों को फिजिकल ट्रेनिंग, गांव में 90 फीसद साक्षरता

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Rajeev Upadhyay
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दमोह में जन्मभूमि से लगाव ने बदल दी गांव की सूरत, रिटायर्ड प्रोफेसर देते हैं बच्चों को फिजिकल ट्रेनिंग, गांव में 90 फीसद साक्षरता

Damoh. हम में से हर कोई शख्स खेती का भगौड़ा है, हमने या सालों-सदियों पहले हमारे पुरखों में से किसी ने अपनी जन्मभूमि, अपने गांव को छोड़ दिया था, लेकिन दुनिया में सॉलमन मछली के जैसे अनेक लोग मौजूद हैं जो सातों समंदर का चक्कर लगाने के बाद आखिरी लम्हों में अपनी जन्मभूमि पर लौट आते हैं और अपनी देह, अपने ज्ञान और काबिलियत के दम पर मातृभूमि को प्रचुरता प्रदान करने की कोशिश करते हैं। जन्मभूमि के प्रति ऐसा ही प्रेम दमोह जिले के एक रिटायर्ड प्रोफेसर को अपने गांव खींच लाया और उन्होंने अपने गांव के बच्चों को आर्मी और पुलिस की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। नतीजन गांव के बच्चे आज नौकरी हासिल कर देश की सेवा कर रहे हैं। 



पॉलिटेक्निक कॉलेज के रहे हैं प्राचार्य



हम बात कर रहे हैं दमोह जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर बटियागढ़ ब्लाक के आदर्श ग्राम गढ़ोलाखाड़े के रिटायर्ड प्रोफेसर मुलायम सिंह ठाकुर की 28 साल पहले मुलायम सिंह उज्जैन के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्राचार्य के पद से रिटायर्ड हुए और गांव में आकर बस गए और गांव के बच्चों को आर्मी और पुलिस की ट्रेनिंग देना शुरू कर दी। जन जागरूकता का ऐसा असर हुआ कि गांव में अब 90 फ़ीसदी लोग साक्षर है और स्वच्छता का अवार्ड  भी गांव को मिल चुका है। यहां पर फिटनेस के लिए ट्रेनिंग स्कूल, कंप्यूटर सीखने के लिए सेंटर और बच्चों के लिए जनसहयोग से बना प्राइमरी स्कूल है। 



बड़ा बेटा भी हो चुका है रिटायर




मुलायम सिंह ठाकुर के तीन बेटे हैं। एक रिटायर्ड मेजर जनरल है, दूसरा इंजीनियर और तीसरा लेक्चरर है।  मुलायम सिंह रिटायरमेंट के बाद उज्जैन में ही रहना चाहते थे, लेकिन गांव की बदहाली देखकर उन्होंने तय किया कि जब तक गांव की तस्वीर नहीं बदलेंगे वे यहीं रहेंगे। गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लक्ष्य बनाकर उन्होंने लोगों को एकजुट किया।  गांव की समृद्धि को लेकर बेटे के साथ गांव में संवाद किया। गांव वालों ने भी एक कदम आगे आकर इनका साथ दिया।






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  • युवाओं को जोड़कर बनाई कमेटी



    1995 में रिटायर्ड होने के बाद मुलायम सिंह ठाकुर ने सबसे पहले युवाओं को जोड़ा और उनकी कमेटी गठित की, उन्हें एकजुट कर श्रमदान के लिए प्रेरित करने की प्रेरणा दी।  उनकी मेहनत रंग लाई श्रमदान से गांव में मंदिर, धर्मशाला, चबूतरा, प्राइमरी स्कूल और ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया। इस काम में उनकी पत्नी कृष्णा लोधी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हर वर्ग के बच्चों को रिटायर्ड प्रोफेसर मुलायम सिंह सिर्फ मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं वे हर माह मेरिट में आने वाले होनहार बच्चों को चयनित कर उनमें दो बच्चों को इनाम भी देते हैं



    मुलायम सिंह के द्वारा बच्चों की शिक्षा के लिए कॉपी ,पेन और अन्य सामान भी अपनी ओर से लाकर दिया जाता है और बच्चों को मुफ्त में चवनप्राश का डिब्बा भी प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया की तीन ,चार माह से कोचिंग क्लास नहीं लगायी जा रही है केवल सुबह से दौड़ और व्यायाम चल रहा है। जिसमें गांव के लगभग 80 से 90 युवक-युवतियां आते हैं। बच्चों की लगन का यही परिणाम है कि गांव के एक युवा राजेन्द्र सिंह का चयन 2019 में आर्मी में कांस्टेबल में हो चुका है,  2021 आर्मी में पुष्पेंद्र लोधी का और 2022 में पुलिस में दीपांशी साहू का चयन हुआ है अन्य बच्चे अभी एमपी पुलिस और आर्मी की तैयारी कर रहे हैं। 



    सुबह से होती है फिजिकल की तैयारी



    ट्रेनिंग लेने वाले रिटायर्ड प्रोफेसर मुलायम सिंह सुबह 5 बजे स्कूल के ग्राउंड में पहुंच जाते हैं और 90 युवाओं को फिजिकल ट्रेनिंग देते हैं। यह ट्रेनिंग सुबह साढ़े 7 बजे तक चलती है। इस दौरान डेढ़ किलोमीटर की दौड़ करवाई जाती है जो फौज भर्ती के दौरान लिए जाने वाले टेस्ट में जरूरी है। ट्रेनिंग सेंटर में शाम के समय रिटर्न टेस्ट की तैयारी करवाई जाती है। सुबह की फिजिकल ट्रेनिंग में लड़कियां भी लड़कों से कम नहीं हैं वह भी सुबह से दौड़ने जाती हैं। मुलायम सिंह के बेटे रिटायर्ड मेजर जनरल राजेंद्र सिंह ठाकुर जब भी गांव आते है तो बच्चांे की तैयारी करवाते हैं और ग्राउंड पर जाकर ट्रेनिंग देते हैं। गांव के युवा दीपक सिंह लोधी का कहना है कि जब से रिटायर्ड प्रोफेसर मुलायम सिंह जी गांव आए हैं तब से हमारे गांव का नक्शा ही बदल गया है , युवाओं को इनके द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है। जिसके लिए पूरा गांव इनका शुक्रगुजार है।   


    दमोह के मुलायम सिंह ठाकुर गांव की बदल डाली सूरत गांव में दे रहे फिजिकल ट्रेनिंग प्रोफेसर का जन्मभूमि से प्रेम Changed the face of the village Mulayam Singh Thakur of Damoh दमोह न्यूज giving physical training in the village Damoh News Professor's love for his native land