BHOPAL. भारतीय ट्रेनों में अक्सर लोग गंदे टॉयलेट से परेशान रहते हैं। कई यात्री टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद उसे साफ नहीं करते और वो गंदा ही रहता है। इस समस्या के समाधान के लिए भोपाल के कोच फैक्टरी में ट्रेनों के लिए एक ऐसा टॉयलेट तैयार किया जा रहा है जो उपयोग के 30 सेकंड बाद ऑटोमैटिक ही साफ हो जाएगा।
5-स्टार होटल जैसी फीलिंग आएगी
यात्रियों को 5-स्टार होटल जैसे टॉयलेट वाली फीलिंग देने के लिए एलईडी लाइटिंग वाले टॉयलेट लगाए जा रहे हैं। ये टॉयलेट उपयोग के कुछ 30 सेकंड बाद साफ हो जाएंगे। इसमें प्रेशराइजिंग फ्लशिंग सिस्टम रहेगा। वैसे तो ऐसे टॉयलेट 5-स्टार होटलों में मिलते हैं, लेकिन भारतीय ट्रेनों में भी ये सुविधा मिलने जा रही है। लोगों को गंदे टॉयलेट की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा।
आधुनिक सेंसर से काम करती है प्रणाली
प्रेशराइजिंग फ्लशिंग सिस्टम के इलेक्ट्रो न्यूमेटिक फ्लश वॉल्व के चलते फ्लस लीवर दबाने पर हवा के दबाव के साथ पानी निकलता है। ये प्रणाली आधुनिक सेंसर से काम करती है। अक्सर ट्रेनों में लीवर नहीं दबाने वाले यात्री बगैर पानी बहाए चले जाते हैं। इसके बाद दरवाजे पर लगा सेंसर इस मशीन को एक्टिवेट करता है और सिर्फ 30 सेकंड में हवा और पानी के प्रेशर से टॉयलेट साफ हो जाता है।
टॉयलेट से 30 लीटर पानी भी बचेगा
ट्रेनों में लगने वाले हाईटेक टॉयलेट से 30 लीटर पानी की भी बचत होगी। एक ट्रेन में लगने वाले 20 कोच में एक बार फ्लशिंग साइकिल में 60 की जगह सिर्फ 30 लीटर ही पानी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। इससे 30 लीटर पानी की बचत होगी। पानी इसलिए बचेगा क्योंकि इसमें पानी के साथ हवा का मिश्रण भी होगा। 380 कोच में एक बार फ्लश दबाने पर 1140 लीटर पानी बचेगा। वहीं 3 हजार कोच में एक बार फ्लश करने पर करीब 90 हजार लीटर पानी की बचत होगी। हाईटेक टॉयलेट साफ भी रहेंगे।
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आधुनिक टॉयलेट से यात्रियों को होगी सुविधा
डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय का कहना है कि एलएचबी कोच में आधुनिक टॉयलेट लगने से यात्रियों को सुविधा होगी। इस हाईटेक टॉयलेट को भोपाल की कोच फैक्टरी में बनाया जा रहा है। इसे जल्द ही ट्रेनों में लगाया जाएगा। हाईटेक टॉयलेट यात्रियों को सुविधा के साथ-साथ पानी भी बचाएगा।