कर्ज और आरोपों से बचने रजत ने अमन को उतारा था मौत के घाट, सिर पर बैट-हथौड़े से किया था वार, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

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Neha Thakur
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कर्ज और आरोपों से बचने रजत ने अमन को उतारा था मौत के घाट, सिर पर बैट-हथौड़े से किया था वार, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

GUNA. मध्यप्रदेश गुना के राघौगढ़ में 14 जुलाई 2022 को कमरे में मिली लाश के आरोपी रजत सैनी को भोपाल जिला न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 3 अन्य मामलों में उम्रकैद और 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र टाडा ने फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की- यदि इस आरोपी को मृत्युदंड नहीं दिया गया तो समाज में गलत संदेश जाएगा। आरोपी पर नकली नोट बनाने का भी मामला दर्ज है। कोर्ट में सुनवाई और फैसले में हुई देरी के कारणों की वजह यह है कि आरोपी सुनवाई से पहले ही बीमार होने का नाटक रचा लेता था और उसी बहाना बनाकर अलग-अलग जगह इलाज करवाता रहा। बीमारी की आड़ में कोर्ट में बयान देने भी नहीं आता था। इसकी कारण से आरोपी को सजा होने में देर हुई।



हत्या के बाद पेट्रोल डालकर जलाया था शव



आरोपी रजत ने बीएससी स्टूडेंट अमन दांगी की हत्या 14 जुलाई 2022 को की थी। खजूरी सड़क थाना क्षेत्र के अमलताश कॉलोनी में मकान नंबर 586 के पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी कि अनीता अहिरवार के मकान से जलने की बदबू आ रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ताला खुलवाया। अंदर एक शख्स की अधजली लाश मिली। उसकी पहचान अमन दांगी (21), पिता लखन लाल दांगी निवासी सिराड़ी, थाना दोराहा (सीहोर) के रूप में हुई। वह MVM कॉलेज में B.Sc. सेकंड ईयर का स्टूडेंट था। वह साईं ट्रैवल्स में जॉब भी करता था।



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आरोपी ने लिया था 5 लाख का कर्ज



गुना के राघौगढ़ के रहने वाले रजत सैनी उर्फ सिद्धार्थ उर्फ माइकल का था। आरोपी रजत ने पुलिस को बताया कि 2017 में कोर्ट ने उसे धोखाधड़ी के मामले में 7 साल की सजा सुनाई थी। जेल में उसकी पहचान निरंजन मीणा से हुई। रजत को पैसों की जरुरत थी। ये बात उसने निरंजन को बताई तो उसने जेल में ही रामनिवास मीणा से मिलवाया। रामनिवास ने रजत को 5 लाख रुपए उधार दिलवाए। रजत जब समय पर पैसे नहीं लौटा पाया, तो परिवार को धमकियां मिलने लगीं। इसी बीच, उसे पैरोल मिल गई। वह ग्वालियर सेंट्रल जेल से बाहर आया। भोपाल के फंदा इलाके में किराए से रहने लगा। रजत का प्लान निरंजन की हत्या कर उसे इसी किराए के कमरे में दफनाने का था, लेकिन मौका नहीं मिला।



हत्या का प्लान फेल होने पर खुद की रची हत्या की साजिश



निरंजन की हत्या का प्लान फेल होने पर उसने खुद की हत्या की साजिश रची। इसके लिए वह भोपाल में उसे कमरा दिलाने वाले रवि मीणा को मारना चाहता था, लेकिन इसमें भी कामयाब नहीं हुआ। उसकी जगह दूसरा दोस्त अमन मिल गया। उसने अमन को बुलाकर हत्या कर दी। पेट्रोल से शव जला दिया। अमन की हत्या के पीछे उसका मकसद यह था कि पुलिस उसे मरा समझ लेगी। उसे मीणा को 5 लाख रुपए भी नहीं लौटाने पड़ेंगे। वह जेल की बाकी सजा से भी बच जाएगा। योजना के तहत ही उसने जब से कमरा लिया था, तब से कमरे के अंदर ही गड्ढा खोद रहा था।



जब रजत ने रवि मीणा से बढ़ाई दोस्ती



रजत ने किराए से कमरा लेने के बाद रवि मीणा से दोस्ती बढ़ाई। रवि ने ही आरोपी रजत की दोस्ती अमन से करवाई थी। रजत ने धीरे-धीरे दोनों का भरोसा जीत लिया था। अमन की हत्या के दिन रवि का मोबाइल व बाइक रजत के पास थी। हत्या के बाद उसने मोबाइल शव के पास ही छोड़ दिया, ताकि पुलिस को लगे कि रवि ने ही अमन की हत्या की होगी। जांच में समय लगेगा, तब तक वह भोपाल से गुजरात भाग जाएगा। हालांकि इससे पहले ही वह धरा गया।



नकली नोट बनाने का काम भी करता था



रजत नकली नोट बनाने का काम भी करता था। जब पकड़ा गया था, तो उसके पास से 500-500 के नकली नोट, उसे बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री व मशीन मिली थी। आरोपी पर रेलवे स्टेशन पर नकली टिकट बेचने के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका है।

 


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