संजय गुप्ता, INDORE. राज्य सेवा परीक्षा 2020 के मेंस में झटका खाए बीए, बीकॉम डिग्रीधारी उम्मीदवारों की परेशानी मप्र लोक सेवा आयोग तक पहुंच गई है। कैंडिडेट्स का एक प्रतिनिधिमंडल आयोग के पास 100 से ज्यादा उम्मीदवारों के साइन वाला मांगपत्र व ज्ञापन लेकर 10 फरवरी को आयोग पहुंचा और पैटर्न में बदलाव के बाद साइंस पैपर को लेकर आई समस्या की जानकारी दी। आयोग की उपसचिव सपना शिवाले ने पूरी बात सुनी और कहा कि आयोग उनकी मांगों पर सकारात्मक तरीके से विचार करेगा। यह भी कहा कि सभी उम्मीदवारों के लिए प्रश्नपत्र का समान स्तर रहे, इस पर उनका हमेशा जोर रहता है। आयोग की बैठक में उनकी मांग रखी जाएगी। वहीं इस मुलाकात के बाद उम्मीदवारों ने द सूत्र को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने यह मुद्दा उठाया था और हमारी समस्या समझी, जिसके बाद आयोग ने भी उन्हें गंभीरता से सुना और अब इसका रास्ता निकलने की उम्मीद है।
GS थर्ड के पेपर में हुए बदलाव का खामियाजा बीए-बीकॉम वालों को भुगतना पड़ा
द सूत्र ने राज्य सेवा परीक्षा मेंस 2020 के रिजल्ट के बाद ही यह मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया था कि इस परीक्षा में सामान्य अध्ययन (GS) थर्ड के पेपर के पैटर्न में हुए बदलाव के कारण बीए, बीकॉम डिग्रीधारी वालों के डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी बनने के सपनों को झटका लगा। कारण है, साइंस का पेपर सामान्य साइंस की जगह बहुत ही कठिन स्तर का था, जिसके चलते उनके लिए इसमें न्यूनतम पासिंग मार्क्स 40% लाना भी कठिन हो गया। पीएससी नियमों के तहत हर पेपर में मिनिमम मार्क्स लाना अनिवार्य है, नहीं तो वे इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ ही नहीं कर सकेंगे।
2014 से 2019 की राज्य सेवा परीक्षा मैन्स का यह था पैटर्न
- 1- सामान्य अध्ययन (GS) के तीन पेपर होते थे, हर पेपर 300-300 अंकों का
2020 की राज्य सेवा परीक्षा से यह बड़ा बदलाव
राज्य सेवा परीक्षा 2020 के पैटर्न में मप्र लोक सेवा आयोग ने केवल एक बदलाव किया जो आर्ट, बीकॉम वालों को भारी पड़ गया। उन्होंने सामान्य अध्ययन थ्री के साइंस और इकोनॉमी के पेपर में से इकोनॉमी को हटा दिया और इसका कुछ हिस्सा सामान्य अध्ययन टू के पेपर में जोड़ दिया और साइंस का पूरा अलग पेपर सामान्य अध्ययन थ्री में कर दिया गया।
अब असर क्या हुआ?
- पीएससी मेंस को क्वालिफाई करने के लिए जरूरी है कि अभ्यर्थी को हर पेपर में मिनिमम 40% मार्क्स मिले। वहीं यदि वह किसी आरक्षित कैटेगरी में तो अभ्यर्थी को 30 फीसदी पासिंग अंक लाना जरूरी है, नहीं तो वह इंटरव्यू के लिए क्वालिफाई नहीं पाएंगे।
यूपीएससी में अभी भी साइंस और इकोनॉमी साथ
दरअसल आयोग बार-बार कह चुका हैं कि वह संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तरह ही अपने पैटर्न को ले जाना चाहता है, जिससे एमपीपीएसी वालों को यूपीएससी देने में भी मदद मिले। लेकिन जो बदलाव पीएससी ने किया है, यूपीएससी में वह है ही नहीं, वहां अभी भी साइंस और इकोनॉमी साथ है, वहां सामान्य अध्ययन थर्ड पेपर में साइंस से जुडे चैप्टर और इकोनॉमी साथ ही हैं।