BHOPAL. मौसम में लगातार बदलाव के चलते 7 मार्च, रविवार की रात भोपाल, मंदसौर और रतलाम के साथ आस-पास के क्षेत्रों में मावठे की हल्की बारिश हुई।राजधानी में बारिश का दौर देर रात तक चलता रहा। इस कारण तापमान में गिरावट आई और मौसम में ठंडक घुल गई। वहीं सरकार क्षति का सर्वे कराकर किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधान के अनुसार राहत उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान भाई-बहन चिंता न करें, मामा शिवराज आपके साथ है। जल्द ही ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का सर्वे कराया जाएगा।
हवा-बिजली कड़कने के साथ दो घंटे तक बिजली रही गुल
राजधानी भोपाल में भी शाम 6 बजे से तेज हवा-बिजली कड़कने के साथ करीब आधा घंटे बारिश हुई, इससे मौसम में ठंड का अहसास होने लगा। वहीं कई इलाकों की लाइट भी करीब दो घंटे तक गायब रही। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो 9 मार्च तक मौसम ऐसा ही रहेगा। होली पर बारिश होने की संभावना है। इसके बाद मौसम में और बदलाव होने के आसार हैं।
ये खबर भी पढ़ें...
तापमान में आई कमी, गर्म कपड़ों में दिखे लोग
मौसम बदलने से अधिकतर जिलों में रात के तापमान में कमी आई है। 6 मार्च, सोमवार को भोपाल में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। पिछले 24 घंटों में 3.3 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। सुबह के समय लोग व स्कूली बच्चे गर्म कपड़ों में घर से निकलते हुए नजर आए।
खेत में लगी और कटी दोनों फसलों पर होगा असर
विशेषज्ञों के अनुसार मार्च में कई जिलों में चना, मसूर और गेहूं की फसल कटने लगती है। कुछ जिलों में गेहूं की फसल पूरी तरह पक चुकी। जहां पर चना और मसूर कटकर खेतों में रखा है, वहां वर्षा, ओलावृष्टि और तेज हवा-आंधी से अधिक नुकसान के आसार है। जहां फसल कटी नहीं है, उसकी गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसी तरह जहां गेहूं की फसल खड़ी है और वहां वर्षा, आंधी और ओलावृष्टि हुई है वहां भी भारी नुकसान हुआ है।
किसान भाई-बहन चिंता न करें, मामा शिवराज आपके साथ है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान भाई-बहन चिंता न करें, मामा शिवराज आपके साथ है। जल्द ही ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का सर्वे कराया जाएगा। प्रदेश में अधिकतर जिलों में रबी की फसल कट चुकी है। जिन स्थानों पर बोवनी विलंब से हुई थी, वहां फसल खेत में खड़ी है। कुछ स्थानों पर फसल कटकर खेतों में थ्रेसिंग के लिए रखी हुई है। किसी भी किसान को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। क्षति से हुए नुकसान का सर्वे कराया जाएगा और आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।