CHHATARPUR/BHOPAL. यहां बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नागपुर की समिति के चैलेंज को स्वीकार कर लिया है। कमेटी ने कहा था कि अगर बागेश्वर धाम जीते तो वे 30 लाख रुपए देगें। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मुझे पैसे नहीं चाहिए। मैं फ्री में सारे सवालों का जवाब दूंगा। इसके लिए समिति के सदस्य 20-21 जनवरी को रायपुर में होने वाली कथा में आएं। उनके आने-जाने का खर्च भी मैं ही दूंगा।
रायपुर में बोले बागेश्वर धाम- भारत में चादर चढ़ाना श्रद्धा, बालाजी के नाम से जोड़ना अंध श्रद्धा
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- श्याम मानव जी को अनुभव करना है तो रायपुर आइए। आगे दरबार बागेश्वर धाम में लगेगा, वहां आइए। भारत देश में चादर चढ़ना श्रद्धा है, लेकिन बालाजी का नाम बताना या उनके नाम से जोड़ना अंध श्रद्धा है। यहां कैंडल जलाना श्रद्धा है, लेकिन कोई बीमार, परेशान व्यक्ति को हनुमान जी के नाम से जोड़ा जाए, वो अंध श्रद्धा। इतना खोखलापन आप लाते कहां से हैं। हमने यह तो नहीं कहा हम ईश्वर हैं, हमारे पास चमत्कार है, हम यह भी नहीं कहते हैं। हम तो सिर्फ साधक हैं। गुरु कृपा को ध्यान करके जो प्रेरणा मिलती है वह बता देते हैं। हमारा खुला दरबार है। आपको आना चाहिए। दरबार में अनुभव करेंगे, देखेंगे आपको समझ आ जाएगा। इसके बाद आप किसी भी दरबार के लिए नहीं कहेंगे। यह साजिश बहुत चल रही हैं। एक बागेश्वर सरकार को गिराने के लिए कितने लोग लगे हैं।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- वे झूठी अफवाह क्यों फैला रहे, उन्हें फंडिंग हो रही
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- उन्हें (नागपुर की समिति) दरबार में आना चाहिए, जो करना है लीगली करना चाहिए। आप हमारे पास आते। हमें तो छतरपुर आने के बाद पता चला कि नागपुर की कोई संस्था ऐसा कह रही है। पहले तो उन पर केस बनता है कि वे झूठी अफवाह क्यों फैला रहे हैं कि हम दो दिन पहले कथा छोड़कर भाग आए। हम ऐसे प्रपंची आदमी नहीं हैं। ये पोषित लोग हैं, इन्हें फंडिंग हो रही है। इन्हें साधु संतों को टारगेट तो करना ही है। वर्तमान में भारत में दो ही काम है एक जो बागेश्वर सनातन धर्म के साथ है। दूसरा जो बागेश्वर सनातन धर्म के खिलाफ है।
यह भी कहा कि जहां भी दरबार लगता है, वह खुला हुआ है। हम बंद कमरे में दरबार नहीं लगाते। रायपुर में भी खुला दरबार है। हमारी दरबार की प्रक्रिया है। हम उनके लिए कुछ विशेष नहीं कर सकते। हम कोई जादू करने नहीं आए हैं कि तुम आओ हम डमरू बजा दें और सांप निकल आए। हम दरबार की प्रक्रिया में प्रार्थना करते हैं। फिर वे 300 लोग बैठे हों या तीन लाख। हमने तो विदेशों में भी दरबार लगाया। नागपुर में भी लगाया, तब कहां चले गए थे।
नागपुर की इस समिति ने दिया था बागेश्वर धाम को चैलेंज
हाल ही में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर में दरबार लगाया था। इसे लेकर अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और नागपुर की जादू-टोना विरोधी नियम जनजागृति प्रचार-प्रसार समिति के सह-अध्यक्ष श्याम मानव ने पुलिस में शिकायत की थी। श्याम मानव के मुताबिक- नागपुर में धीरेंद्र शास्त्री की कथा 5 से 13 जनवरी होनी थी। इनविटेशन और पोस्टर में भी 13 जनवरी तक कथा का जिक्र था। कथा पूरी करने के दो दिन पहले ही वे नागपुर से चले गए। श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री के दरबार को डर का दरबार बताया और कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि दिव्य दरबार में धीरेंद्र शास्त्री भक्तों के नाम और नंबर से लेकर कई चीजें बताने का दावा करते हैं।
श्याम मानव के मुताबिक, समिति अपने 10 लोगों को पं. धीरेंद्र शास्त्री के सामने लेकर जाती। उन्हें अपने ज्ञान से उनके बारे में बताना था। इसमें उनका नाम, नंबर, उम्र और उनके पिता का नाम बताना था। इसके अलावा समिति पास के कमरे में 10 चीजें रखती, जिसे बागेश्वर धाम को 10 चीजों को उन्हें पहचानना था। इसे समिति दो बार रिपीट करती। यदि बागेश्वर 90% रिजल्ट भी दे देते तो समिति उन्हें 30 लाख रुपए का इनाम देती।
वीडियो देखें-