BHOPAL. अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और राष्ट्रीय संगठक श्याम मानव बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी थी। अब बागेश्वर धाम ने इसका जवाब दिया है। नागपुर में कथा कर लौट रहे धीरेंद्र शास्त्री एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि राजा चले बाजार, कुत्ते लगे हजार। हम कई सालों से बोल रहे हैं कि हम ना तो कोई चमत्कारी हैं, ना ही कोई गुरू। अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने ने आरोप लगाया था कि बागेश्वर धाम ने चमत्कार के दावे करके कानून का उल्लंघन किया है। वहीं समिति का कहना है कि हमने धीरेंद्र शास्त्री को चैलेंज दिया था कि अगर वे सही साबित होते है, तो हम 30 लाख रुपए देंगे। लेकिन शास्त्री इस चैलेंज को अस्वीकार करते हुए 2 दिन पहले ही कथा खत्म कर चले गए थे। अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति की मांग है कि धीरेंद्र के खिलाफ केस दर्ज कर, उन्हें गिरफ्तार किया जाएं।
हमें किसी भी तरह के प्रमाण की जरूरत नहीं - धीरेंद्र शास्त्री
समिति की इन चुनौतियों पर जवाब देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमें कुछ भी साबिक करने की जरूरत नहीं है। बागेश्वर बालाजी पहले ही साबित कर चुके हैं। हम सिर्फ बागेश्वर बालाजी जी के सेवक हैं, जैसी प्रेरणा मिलती है हम वैसा करते हैं। सभी कथाओं के समय को 2-2 दिन घटा दिया गया है। दरबार यथावत रहेगा, क्योंकि वह बालाजी की प्रेरणा से लगता है। नागपुर में भी 2 दिन का दिव्य दरबार लगा था। 9 दिन की रामकथा के लिए ऑर्गनाइजर को पहले ही मना कर दिया था। इसलिए रामकथा सिर्फ 7 दिन तक की गई। इसके अलावा रायपुर और टीकमगढ़ की कथा को भी 2-2 दिन के लिए कम किया गया है। गुरू जी का जन्मदिन है। इस वजह से वह कथा से 2-2 दिन कम कर रहे हैं।
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एफआईआर के सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री का जवाब
इसके बाद जब धीरेंद्र शास्त्री से एफआईआर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं मालूम, एफआईआर की जानकारी के बारे में हमें कल ही पता चला था। हालांकि इसमें कुछ भी नया नहीं है। ये सब आम बात है। भारत के इतिहास में जिसने भी सनातन की बात मजबूती से उठाई है, उसके पीछे आदिकाल से धर्म विरोधी लोग लगे रहे और ये लोग आगे भी लगते रहेंगे।