BHOPAL. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर दिए बयान पर माफी मांगी है। उन्होंने शिकायत के बाद ट्विटर पर माफी मांगी है। ट्विटर पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने लिखा कि मेरे किसी शब्द से किसी के हृदय को ठेस पहुंची है तो उसका हमें दिल की गहराइयों से दुख है और खेद है।
मेरा हमेशा संतों के प्रति महापुरुषों के प्रति सम्मान है और रहेगा मैंने कोई एक कहावत बोली जो हम अपने संदर्भ में बोल रहे थे कि अगर हम छतरी पीछे लगाकर कहें कि हम शंकराचार्य हैं तो ये कैसे हो सकता है…हमारे शंकराचार्य ने जो कहा वो हमने दोहराया कि साईं बाबा संत फ़क़ीर हो सकते हैं और… pic.twitter.com/aHWnC0Leal
— Bageshwar Dham Sarkar (Official) (@bageshwardham) April 5, 2023
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खेद जताया
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने बयान पर खेद जताते हुए कहा कि मेरा हमेशा संतों के प्रति महापुरुषों के प्रति सम्मान है और रहेगा। मैंने कोई एक कहावत बोली थी जो हम अपने संदर्भ में बोल रहे थे कि अगर हम छतरी पीछे लगाकर कहें कि हम शंकराचार्य हैं तो ये कैसे हो सकता है। हमारे शंकराचार्य ने जो कहा वो हमने दोहराया कि साईं बाबा संत-फकीर हो सकते हैं और उन में लोगों की निजी आस्था है। अगर कोई व्यक्ति किसी संत गुरु को निजी आस्था से भगवान मानता है तो वह उसकी निजी आस्था है। हमारा इसमें कोई विरोध नहीं है। हमारे किसी शब्द से किसी के हृदय को ठेस पहुंची है तो उसका हमें दिल की गहराइयों से दुख है और खेद है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने क्या बयान दिया था
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार करते हुए कहा था कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। इस बयान के बाद मुंबई में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ शिकायत की गई है।
साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार
1 अप्रैल को बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जबलपुर में श्रीमद्भागवत कथा के आखिरी दिन ये बयान दिया था। जब उनसे साईं बाबा की पूजा आराधना की पद्धति को लेकर एक सवाल किया गया तो उन्होंने साईं बाबा को भगवान मानने से साफ इनकार कर दिया। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमारे धर्म के शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है और शंकराचार्य की बात मानना, प्रत्येक सनातनी का धर्म है, क्योंकि वो अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं।
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'गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता'
धीरेंद्र शास्त्री ये भी कहा था कि कोई भी संत चाहे गोस्वामी तुलसीदास जी हो या सूरदास जी हो… ये संत हैं, महापुरुष हैं, युग पुरुष हैं, कल्प पुरुष हैं, लेकिन भगवान नहीं… हम किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचा सकते, लेकिन कह सकते हैं कि साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं.. भगवान नहीं हो सकते। लोग इसको कंट्रोवर्सी में ले लेंगे, लेकिन बोलना भी बहुत जरूरी है कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा था कि अगर मैं चक्र लगाकर कहूं कि मैं शंकराचार्य हूं, क्या मैं बन जाऊंगा.. नहीं.. नहीं बन सकते.. भगवान भगवान हैं, संत संत हैं।