BHOPAL. नागपुर में कथा के दौरान अपने चमत्कारी दरबार को चुनौती दिए जाने पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण महाराज ने पलटवार किया है, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नागपुर में विरोध हुआ था। जिस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि ये धर्म विरोधी लोग हैं। हाथी चले बाजार कुत्ता भौंके हजार ऐसी कहानी है। जब हम नागपुर में 7 दिन तक कथा करते रहे और दिव्य चमत्कारी दरबार लगाया, तब उनमें से किसी ने कोई विरोध नहीं किया। हमारा दरबार अभी भी सभी जगह लग रहा है। हमको किसी को प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है।
30 लाख रुपए का था चैलेंज
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हर राज्य में भागवत कथा के साथ अपना दिव्य चमत्कारी दरबार लगाते हैं, ऐसी ही भागवत कथा का आयोजन नागपुर में भी होना तय था, जो कि बगैर दिव्य चमत्कारी दरबार लगाए दो दिन पहले यानी 11 जनवरी को ही पूरा हो गया। जिसके बाद अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने बागेश्वर धाम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। समिति ने आरोप लगाए कि बगैर दिव्य चमत्कारी दरबार लगाए नागपुर से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भाग गए। हमने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चैलेंज दिया था कि आप हम लोगों के बीच दिव्य चमत्कारी दरबार लगाइए ऑन कैमरे और सत्य बता देंगे तो 30 लाख रुपए उन्हें भेंट स्वरूप राशि दी जाएगी।
सनातन की बात करने वाले का होता है विरोध
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नागपुर के विषय में जानकारी हमको लगी है। आरोप लगाने वाली समिति का कहना था कि हमको दरबार देखना है, हमने पहले ही बता दिया था कि 7 दिन की कथा होगी। अब जब वहां से निकल आए, तो वही कहावत हो गई हाथी चले बाजार कुत्ता भौंके हजार। अब वह कह रहे कि हम 30 लाख देंगे तो देंवे 30 लाख हम रख लेंगे उनका पैसा। कुछ नहीं है ये सब लोग धर्म विरोधी हैं। जब हम नागपुर में 7 दिन तक कथा करते रहे और दिव्य दरबार लगाया तब उनका बाप मर गया था, कोई नहीं आया। अब भी हमारे दरबार लग रहे हैं हम किसी से कुछ छुपाते नहीं है बालाजी महाराज के सेवक हैं, हमें कोई चमत्कारी आदमी नहीं हम बालाजी के चरणों के सेवक हैं, हमने कभी दिव्य पुरष होने का दावा नहीं किया। भारत के इतिहास में सनतान की बात करने वालों का विरोध होता आया है ये कोई नई बात नहीं है।