योगेश राठौर, INDORE. सीएम शिवराज सिंह चौहान को कमलनाथ सपने में दिखते हैं, जिस तरह से शेन वार्न को सचिन तेंदुलकर सपने में दिखाई पड़ते थे। यह बात पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने इंदौर में गुरुवार (23 मार्च) को मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि मप्र देश का सबसे बड़ा आदिवासी राज्य है। यहां देश के लगभग 22-23% आदिवासी रहते हैं। कई आदिवासियों को ये लगा है कि शिवराज सरकार ने उन्हें खूब छला है। मध्यप्रदेश का आदिवासी इस सरकार के खिलाफ सोच बनाए हुए है और वे कमलनाथ के साथ खड़े हैं।
कसावट नहीं है इस सरकार में, हमारे समय गुंडे भाग गए थे
महू में हुई घटना को लेकर वे बोले कि जो प्रशासनिक और पुलिस कसावट हमारी सरकार में रही है। वह अभी की सरकार में नहीं है। जब हम उनके परिजनों से मिलने गए थे। तब आदिवासी युवती के पिता के मुंह से हमने सुना कि 12 बजे फोन आया। उसके आधे घंटे बाद पुलिस का फोन आया कि आपकी बेटी की डेथ हो गई है। हमने एफआईआर की मांग की। एफआईआर पहले ही हो जाती तो ये घटना भी नहीं होती। इन सब पर कमलनाथ की पैनी नजर रहती है। वे बोले कमलनाथ की चक्की जरूर धीमी चलती है, लेकिन वह बारिक पीसती है। हमारी सरकार के समय चले माफिया, गुंडा अभियान के कारण गुंडे शहर छोड़कर भाग रहे थे।
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बेरोजगारी को लेकर साधा निशान
पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 की बात करें तो करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद शिवराज सिंह ने बोला था कि इस समिट से 29 लाख रोजगार के पद सृजन होंगे। सीएम उद्योग लाने की बात करते हैं। इन्वेस्टर्स लाने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरह निवेश प्रोत्साहन योजना में आप बजट को क्यों कम करते जा रहे है? उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में एक जवाब आया है, यशोधरा राजे सिंधिया के द्वारा कि हमारे रोजगार कार्यालय में जो पंजीयन है वहां 37 लाख 80 हजार से ज्यादा शिक्षित बेरोजगारों का पंजीयन है और 1 लाख 12 हजार से ज्यादा अशिक्षित बेरोजगारों का पंजीयन है। हमारी सरकार जाने के पहले 22 लाख बेरोजगारों का पंजीयन था और अब वह काफी बढ़ गया है। बेरोजगारों में निराशा काफी हद तक व्याप्त है। जिसके कारण वह आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। उन्होंने एक आंकड़ा भी पेश कियां जिसमें बताया कि बीजेपी के बीते 17 सालों के कार्यकाल में 17 हजार 326 स्टूडेंट्स और बेरोजगारों ने आत्महत्या को गले लगा लिया है।
पूर्व गृहमंत्री ने रिपोर्ट का दिया हवाला
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की सिंतबर से दिसम्बर 2022 की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मप्र में 2 करोड़ 50 लाख 97 हजार लेबर फोर्स है यानी काम करने वाले लोग है और लेबर पार्टिसिपेशन रेट 38. 18 प्रतिशत है। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 15 से 19 वर्ष के 36.95 प्रतिशत युवाओं को प्रदेश में काम नहीं मिल रहा है। 20 से 24 साल के 34.76 प्रतिशत युवाओं को काम नहीं मिल रहा है और 25 से 29 साल के 15 प्रतिशत युवाओं को काम नहीं मिल रहा है। महिलाओं के लिए तो यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, 15 से 19 वर्ष की 100 प्रतिशत युवतियों को 100 प्रतिशत काम नहीं मिल रहा है, 20 से 24 वर्ष की युवतियों 82.41 प्रतिशत और 25 से 29 वर्ष की महिलाओं को 12.76 प्रतिशत महिलाओं को काम नहीं मिल रहा है।
इधर, बीजेपी प्रवक्ता बोले- झूठ परोस रही कांग्रेस
बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होते ही कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जनता द्वारा वर्षों से घर बैठाई गई कांग्रेस, आज भी वर्षों पूर्व के झूठे मुद्दों और झूठे आंकड़ों पर भ्रम फैलाने का काम कर रही है। शिवराज सरकार की आज (23 मार्च) घोषित युवा नीति से युवाओं को रोजगार मिलेगा और उनके सपने साकार होंगे। सलूजा ने बताया कि कांग्रेस की पत्रकार वार्ता में वर्ष 2004-2006 के झूठे आंकड़े परोसे गए हैं, जबकि इसके बाद प्रदेश में कई चुनाव हो चुके हैं और कांग्रेस ने हर चुनाव में जनता की अदालत में बुरी तरीके से मात खाई ह। फिर भी कांग्रेस झूठ बोलने से बाज नहीं आ रही है। बड़े आश्चर्य की बात है कि कमलनाथ सरकार के 15 माह के दौरान के आंकड़े, इन आंकड़ों में शामिल नहीं किए गए।
चार हजार का बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया था कांग्रेस ने
सलूजा ने कहा कि कमलनाथ सरकार में कितने युवाओं को रोजगार दिया गया और कितने युवाओं ने रोजगार के अभाव में आत्महत्या की। सभी इस सच्चाई को जानते हैं कि अपने वचन पत्र में 4000 रुपए का बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बजाय, बैंड बजाने और ढोर चलाने की ट्रेनिंग देने का काम किया था। सीएम ने जो युवा नीति घोषित की है, यह नीति युवाओं के भविष्य को संवारने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
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