BHOPAL. मध्यप्रदेश में जमा-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से जुड़े कट्टरपंथियों की करतूत का एक बड़ा खुलासा हुआ है। जेएमबी के ये कट्टरपंथी भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने वाला साहित्य छापने का काम राजधानी के करोंद में करते थे और मदरसों में इसे बंटवाते थे। ये मुस्लिम युवाओं को साथ लेकर भोपाल में साजिश रच रहे थे। इस बात का खुलासा विदिशा के ग्यासपुर के रहने वाले शाहवान खान (24) ने एटीएस से पूछताछ में किया है।
आरोपियों ने जेएमबी के लिए काम करने की बात कबूली
मध्यप्रदेश एसटीएफ को 13 मार्च 2022 को मुखबिर से ऐशबाग इलाके की फातिमा बी मस्जिद के पास गली नंबर 4 में चार बांग्लादेशी युवकों के फर्जी नाम से रहने की सूचना मिली थी। जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े हुए थे। मुखबिर से मिले इनपुट के आधार पर एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और एमपी एटीएस (मध्यप्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) ने ऐशबाग इलाके में बताए गए मकान में अलसुबह दबिश दी थी। पुलिस को यहां चार बांग्लादेशी युवक दो कमरों में रहते मिले। साथ ही युवकों के कमरों से जिहादी लिटरेचर मिला था। पूछताछ में सभी ने जेएमबी के लिए भोपाल में रहकर काम करने की बात कबूली। साथ ही देश के खिलाफ जिहाद करने नए मुस्लिम युवकों को संगठन से जोड़ने और चंदा जुटाने के लिए भोपाल आने के बारे में बताया।
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इसलिए एटीएस ने एनआईए को सौंपा केस
इन आरोपियों ने पूछताछ में जेएमबी की तंजीम से भोपाल के करोंद में रहने वाले शाहवान और अब्दुल करीम के जुड़े होने के बारे में बताया। इस पर पुलिस ने 16 मार्च को करोंद स्थित जनता नगर में दबिश देकर शाहवान को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, विदिशा के नटेरन ब्लॉक के पैरवास गांव में दबिश देकर अब्दुल करीम को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ और एसटीएस ने जेएमबी के लिए भोपाल में काम कर रहे सभी 6 कट्टरपंथियों से पूछताछ के बाद मामले में चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें एक युवक को उप्र के सहारनपुर स्थित देवबंद से गिरफ्तार किया। वह फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट पर भारत में रहकर जेएमबी के लिए काम कर रहा था। मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा होने के चलते इस मामले को एमपी एटीएस ने एनआईए को ट्रांसफर कर दिया। एनआईए की जांच फिलहाल जारी है।
भारत के मुसलमानों को जेएमबी से जोड़ने आए थे
शाहवान के बयानों के मुताबिक जेएमबी के सक्रिय सदस्य मोहम्मद अकील अहमद शेख उर्फ अहमद उर्फ अकील से उसकी मुलाकात मार्च 2021 में हुई थी। इस मीटिंग के दौरान मोहम्मद अकील ने शाहवान को बताया था कि उनका संगठन (तंजीम) भारत में शरिया कानून लागू करना चाहती है। इसके लिए हिंदुस्तानी मुसलमानों को तंजीम से जोड़कर, जिहाद के लिए तैयार करने के लिए वह और उसके साथी बांग्लादेश से भारत आए हैं। शाहवान खान की जेएमबी कट्टरपंथी अहमद और इब्राहिम से पहली मुलाकात ताजुल मसाजिद में हुई थी। दोनों ही बांग्लादेशी थे। इस दौरान दोनों ने शाहवान को मोबाइल पर पेन ड्राइव के जरिए कुछ वीडियो भी दिए थे। साथ ही, कहा था- हिंदुस्तान में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं। हमें एक होने की जरूरत है।
जेएमबी से जुड़े ये लोग पकड़े गए थे
फजर अली, वलीउल्लाह, जैनउल आबिदीन, मोहम्मद अकील अहमद शेख, अब्दुल करीम, शाहवान खान, अली असगर, हमीदुल्लाह, मोहम्मद शहादत हुसैन उर्फ अबिदुल्लाह और तलहा तालुकदार।