संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में रामनवमी के दिन (30 मार्च) को हुए बावड़ी हादसे में 36 मौतों के बाद श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर को तीन अप्रैल को तोड़ दिया गया था। अब इस मंदिर के निर्माण के लिए फिर से काम शुरू हो गया है। मंदिर के लिए नई समिति का गठन हो गया है। समिति ने 30 अप्रैल से अस्थाई मंदिर के निर्माण की घोषणा कर दी है।
इस तरह बनी है समिति
हिंदू जागरण मंच के संजय भाटिया ने बताया की बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर के नवनिर्माण हेतु एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति के अध्यक्ष ललित पारानी रहेंगे। कार्यकारी मंडल में सदस्य राम छुगानी, लक्ष्मीकान्त पटेल, मनीष रिझवानी, कांतिभाई पटेल, सुनील वाधवानी, उत्तम तोलनी, हरीश भाटिया, रमेशभाई पटेल, राम वाधवानी को बनाया गया है। समिति के कोषाध्यक्ष नरेश ज्ञानवाणी की रहेंगे।
अस्थाई मंदिर में स्थापित होंगी मूर्तियां
संजय भाटिया ने बताया की मुख्यमंत्री द्वारा मंदिर के नवनिर्माण की घोषणा पर हर वर्ग में खुशी है, लेकिन मूर्तियां फिलहाल काटाफोड़ मंदिर में होने से नित्यदर्शन करने वाले और पूजा अर्चना करने वाले भक्तजन निराश हैं। मंदिर पर सभी हिंदू त्योहारों को रीति-रिवाज और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर लगभग 40000 लोगों का भंडारे का आयोजन सावन माह में मासिक अभिषेक, रामनवमी, हनुमान जयंती, होलिका दहन और सभी त्योहारों पर सभी लोग मिलजुल कर आयोजन करते हैं। इस कारण उक्त स्थल पर अस्थायी शेड का निर्माण कर 30 अप्रैल 2023 रविवार को करके यहां वापस मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।
मूर्तियां स्थापित करने के लिए निकलेगी पालकी यात्रा
मूर्तियां को सुसज्जित रथ में स्थापना प्रीतम दास सभाग्रह से ललित पारानी,सुनील वाधवानी और मनीष रिझवानी के मार्गदर्शन में पालकी यात्रा द्वारा मंदिर स्थल लाई जाएगी। विद्वान पंडितों द्वारा विधि विधान और मंत्रोचर द्वारा स्थापित की जाएगी। इस मंदिर स्थल पर भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। भंडारे के व्यवस्थापन का कार्य हरीश भाटिया देखेंगे। जल्दी ही स्थल पर पत्थर से देवमंदिर का निर्माण किया जाएगा। मंदिर में शिवलिंग, राम दरबार, मातारानी,भगवान झूलेलाल, बजरंगबली की मूर्तियां स्थापित की जाएगी। निर्माण के लिए समाज से धन इकट्ठा करेगी और भूमि पूजन के लिए मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित किया जाएगा।
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अभी चल रही है मजिस्ट्रियल जांच, हाईकोर्ट में भी लगी है याचिकाएं
बावड़ी हादसे के बाद हाईकोर्ट इंदौर बेंच में चार अलग-अलग याचिकाएं लगी है, जिसमें हाईकोर्ट से नोटिस भी जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. मनोहर दलाल ने बावड़ी तोड़ने पर साक्ष्य मिटाने और उपासना स्थल तोड़ने को लेकर कोर्ट में परिवाद भी दायर कर दिया है। इसमें तत्कालीन निगमायुक्त प्रतिभापाल के साथ ही निगम के 11 अधिकारियों को पार्टी बनाया गया है। साथ ही मंदिर ट्रस्ट सेवाराम गलानी को भी पक्षकार बनाया गया है।
मंदिर निर्माण को लेकर क्या हुआ अभी तक
बावड़ी हादसे के बाद तीन अप्रैल को मंदिर को तोड़ दिया गया, साथ ही पास में बने पक्के मंदिर को भी तोड़ा गया। इसके बाद हिंदू संगठन विरोध में आ गए और फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में फिर से मंदिर बनाने की घोषणा की। हाल ही में मंदिर निर्माण की मांग को लेकर विधायक मालिनी गौड़ के साथ समिति के सदस्य सीएम से भी भोपाल में मिले और उन्होंने कहा समिति बना लीजिए ताकि उसे मंदिर काम हस्तांतरित कर सकें। इसके बाद यह समिति गठित की गई है।