विनोद पातरिया, Betul. बैतूल जिले के सारनी में सतपुड़ा ताप बिजली घर में सारणी के राख बांध में भयंकर आग लग गई। 3 जनवरी शुक्रवार को लगी आग पर शनिवार को भी काबू नहीं पाया जा सका अभी बांध के इलाके में आग लगी हुई है। इस आग में वन्य प्राणियों के भी मरने की आशंका जताई जा रही है। वहीं मजदूरों और फायर ब्रिगेड के साथ आग काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
सारणी के पास ही राख बांध बनाया था
बिजली घर के साथ ही कोयला जलाने से बनने वाली राख को स्टोर करने के लिए सतपुड़ा ताप विद्युत गृह प्रबंधन ने सारणी के पास ही राख बांध का निर्माण किया गया था। राख बांध पर जमा होने वाली राख गर्मी के समय हवा में ना उड़े इसलिए उसे रोकने के लिए बड़े पैमाने पर राख बांध पर घांस लगाई जाती है जिसके लिए बकायदा कार्यादेश जारी किया जाता है।
ये खबर भी पढ़ें...
इंदौर में पीएफआई के लिए कोर्ट की जासूसी मामले में एसआईटी गठित, फंडिंग करने वाले नेता के बयान दर्ज
राख बांध में रहते हैं वन्यप्राणी
सारणी के रहने वाले पर्यावरणविद् आदिल खान ने कहा कि राख बांध में बड़ी संख्या में पक्षी, सरीसृप और वन्यप्राणी भी रहते हैं। जिनमें खरगोश, जंगली सुअर, साही समेत कई जीव शामिल हैं। अगर वन्यप्राणियों के हिसाब से देखा जाए तो यह बांध राख से भरा होने के बाद भी वन्य जीवन को अपने में समेटे हुए है।
373 हेक्टेयर में फैला है राख बांध
मिली जानकारी के अनुसार, राख बांध 373 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें से 18 हेक्टेयर छोड़ कर बाकी का क्षेत्र वन विभाग को दिया गया है। वहीं 3 फरवरी शुक्रवार को राख बांध के सारनी शहर से सटे हिस्से में बड़े पैमाने पर आग लग गई। जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने पर्यावरणविद् आदिल खान को दी। आदिल मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा की राख बांध के बहुत बड़े हिस्से में आग लगी हुई है।
15 फीट ऊंची उठ रहीं थीं लपटें
लगभग 15 फीट ऊंची आग की लपटे उठ रहीं थीं और पक्षी इधर से उधर भाग रहे थे। जिसके बाद राख बांध से ही आदिल ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी के मुख्य अभियंता कैथवार को, सारणी उप वन मंडल एसडीओ और नगरपालिका सारनी सीएमओ सीके मेश्राम को इसकी जानकारी दी। जानकारी के लगभग 15 मिनट में मुख्य अभियंता मौका स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे, उनके साथ अग्नि सुरक्षा अधिकारी भी राख बांध पहुंचे।
फायर ब्रिगेड की गाड़िया घटनास्थल पर नहीं पहुंच सकीं
दमकल गाड़ियां जहां आग लगी थीं वहां तक पहुंचने में असफल रही, इस बीच आदिल ने बैतूल कलैक्टर अमन बीर सिंह बैंस को भी बड़े पैमाने पर आग लगने की जानकारी दी जिस पर कलेक्टर के माध्यम से आदिल को बताया गया की उन्होंने संबंधित एसडीएम को इसकी जानकारी दी। वहीं आदिल ने इस संबंध में बैतूल सीसीएफ को भी जानकारी दी, इस बीच आग बड़े स्तर पर फैलती रहीं।
मजदूरों ने की आग बुझाने की कोशिश
शाम करीब छह बजे कुछ मजदूरों को आग बुझाने राख बांध में उतारा गया, लेकिन अंधेरा होने तक बस एक ही हिस्से की आग बुझाने में सफलता मिली बाकी क्षेत्र में आग लगातार फैलते जा रहीं थी। शनिवार को भी बांध के कई हिस्सों में आग लगी हुई है।
राख बांध में बाघ की भी रहती है मूवमेंट, 3 साल पहले किया था रेस्क्यू
इसी राख बांध से 3 साल पहले 2 बार बाघ का रेस्क्यू वन विभाग के माध्यम से किया जा चुका है, लेकिन फिर भी इतने बड़े पैमाने पर आग लगना और सरकारी विभागों की आग को लेकर ढ़ीली कार्यप्रणाली गंभीर सवाल खड़े कर रहीं हैं।
संदिग्ध नजर आ रहा मामला
जिस स्थान पर आग लगी थी ठीक उसी स्थान पर एक निजी कंपनी राख निकालने का काम कर रही है। आग लगे होने के बाद भी कंपनी और राख बांध पर मौजूद सुरक्षाकर्मी ने किसी विभाग में कोई जानकारी नहीं दी गई जिससे आग लगने का पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है।