Damoh. दमोह जिले के हटा में गौरी शंकर मंदिर में चल रही भागवत कथा के दौरान अचानक तेज आंधी तूफान चलने से कथा पंडाल का आधा हिस्सा गिर गया। इस दौरान पंडाल में बैठे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई और हल्की भगदड़ के भी हालात बने। वहीं कुछ देर बाद बारिश भी शुरू हो गई। पंडाल गिरने से वैसे तो किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोहे का पाइप लगने से एक बुजुर्ग नंदन पंडा के सिर में जरूर चोट आई, जिसे प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल लाया गया और कुछ देर बाद घर भेज दिया है।
बता दें गौरी शंकर मंदिर परिसर में 24 फरवरी से 2 मार्च तक भागवत कथा का आयोजन चल रहा है, जिसमें वृंदावन से आए कथा वाचक ललित वल्लभाचार्य के द्वारा कथा सुनाई जा रही है। कल कथा का अंतिम दिन है। अचानक मौसम में आए बदलाव के बाद तेज हवाओं ने पंडाल को गिरा दिया। कथा सुनने के लिए करीब ढाई से 3 हजार लोग पंडाल में मौजूद थे। जैसे ही हवा के कारण पंडाल ने हिलना शुरू किया श्रद्धालु पहले तो त्राहिमाम-त्राहिमाम का उच्चारण करने लगे लेकिन जैसे ही आधा पंडाल धराशायी हुआ तो चीख पुकार और भगदड़ मच गई।
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खबर मिलते ही एएसपी शिव कुमार सिंह और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू कर दिया। जैसे ही पंडाल गिरा कुछ देर के लिए वहां पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया और लोग इधर-उधर भागने लगे हालांकि कुछ ही देर में सब कुछ सामान्य हो गया। भागवत कथा का समापन आज गुरूवार को होना है, इस दौरान आयोजित भंडारे और कथा के लिए प्रशासन ने आयोजकों से सावधानी बरतने की समझाइश दी है।
बता दें कि बीते साल भी तूफान में पंडाल उड़ने की घटना हो चुकी है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल हुआ था। उस घटना के बावजूद भी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ को इकट्ठा करने वाले धार्मिक आयोजनों में पंडाल की मजबूती, सुरक्षा व्यवस्था और अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम का ध्यान नहीं रखा जाता। प्रशासन भी ऐसे आयोजनों में तय मापदंड पूरे करवाने की जहमत नहीं उठाता है। गनीमत रही कि दमोह में हुए घटनाक्रम में ज्यादा लोग घायल नहीं हुए, वरना भगदड़ के चलते कुछ भी हो सकता था।