BHOPAL. मध्यप्रदेश में कांग्रेस लाख ढिंढोरा पीटे कि राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं। असल में हालात इससे उलट हैं। एक डर है जो पार्टी को अंदर ही अंदर सता रहा है। इस डर से पार्टी के नए नेता तो छोड़िए दिग्विजय सिंह जैसा तजुर्बेकार नेता भी डरा हुआ है और कमलनाथ की टेंशन तो बस बढ़ने ही वाली है।
बीजेपी और कांग्रेस की तैयारी
मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के लिए कांग्रेस जितनी जोर-शोर से तैयारी कर रही है। बीजेपी की भी तैयारियां उतनी ही तेजी से जारी हैं। बस तैयारी–तैयारी में अंतर है। कांग्रेस की कोशिश यात्रा को पूरी तरह सफल बनाने की है। तो बीजेपी का इरादा यात्रा को फ्लॉप करने का है। हैरानी की बात ये है कि बीजेपी के मंसूबों को पूरा करने में खुद कुछ कांग्रेसी ही हाथ बंटा सकते हैं। इस बात का अंदेशा कांग्रेस के सीनियर लीडर्स को भी हो चुका है। राहुल गांधी की यात्रा के मुख्य सूत्रधार दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को ताकीद तो कर दिया है। लेकिन पार्टी में पसरी गुटबाजी के डर को वो छुपा नहीं सके। ये गुटबाजी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान नए गुल खिला सकती है जिसका फायदा उठाने के लिए बीजेपी पूरी तरह तैयार बैठी है।
भारत जोड़ो यात्रा में दिग्विजय सिंह की अहम भूमिका
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में दिग्विजय सिंह की अहम भूमिका है। यात्रा का पूरा डिजायन तैयार करने और उसे दिशा देने वाले मार्गदर्शक वही हैं। अब उन्हीं के प्रदेश में राहुल गांधी की यात्रा प्रवेश करने वाली है। इतनी चिंता तो दिग्विजय सिंह को शायद तब नहीं रही होगी जब केरल से शुरू हुई यात्रा कर्नाटक और महाराष्ट्र पहुंची। लेकिन जैसे-जैसे मध्यप्रदेश में यात्रा पहुंचने के दिन नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे कांग्रेस के बाकी नेताओं समेत दिग्विजय सिंह के दिल की धड़कने बढ़ती जा रही हैं। अपने डर को वो छुपाने में नाकाम भी रहे। यात्रा पहुंचने में अभी कुछ दिन शेष हैं। उससे पहले ही दिग्विजय सिंह ने अपनी पार्टी के नेताओं को अनुशासन में रहने और गुटबाजी से बचने की हिदायत दे दी है।
कांग्रेस की गुटबाजी
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी को दिग्विजय सिंह से बेहतर कौन समझ सकता है। 2018 में जीत के बाद सरकार गिरना इसी गुटबाजी का नतीजा था। जिसका खौफ अब भी है। शायद इसलिए बंद कमरे में दिग्विजय सिंह ये सख्त हिदायत देने पर मजबूर हुए कि जितनी गुटबाजी करना है वो यात्रा से पहले और यात्रा के बाद की जाए। यात्रा के बीच में किसी किस्म का तनाव नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस का खेल खराब करने को तैयार बीजेपी
दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं को तो सख्त हिदायत दे दी। लेकिन बीजेपी को कैसे समझा सकते हैं। बीजेपी तो कांग्रेस का खेल खराब करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारत जोड़ो यात्रा को एमपी में कांग्रेस तोड़े यात्रा में तब्दील करने की पूरी तैयारी है। जिसका कोई तोड़ फिलहाल कांग्रेस के पास नहीं है और न ही उसका वक्त है।
दल-बदल का खेल
कांग्रेस तोड़ो का नारा बुलंद करने वाली बीजेपी में अलग-अलग प्रदेशों में दल-बदल जारी है। इधर राहुल पांव-पांव गांव और शहर नापते रहे। उधर बीजेपी उनके नेताओं को एक-एक कर अपना बनाती रही। उस वक्त कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने पूरे इत्मीनान से कह दिया था कि जो जाना चाहते हैं पार्टी से जा सकते हैं। चाहें तो वो खुद अपनी गाड़ी से दल बदलुओं को छोड़कर आएंगे। लेकिन अब जब यात्रा एमपी में प्रवेश करने ही वाली है। तब प्रदेश कांग्रेस की सांसे फूल रही हैं। सियासी गलियारों में इन खबरों ने जोर पकड़ा है कि राहुल गांधी की यात्रा के दौरान ही दर्जन भर कांग्रेस विधायक भाजपाई बन सकते हैं। हालांकि बीजेपी ऑपरेशन लोटस को खारिज कर रही है। पर कांग्रेस का डर इसी ओर इशारा करता जान पड़ता है।
बुरहानपुर से एमपी में एंट्री करेगी भारत जोड़ो यात्रा
कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को 20 नवंबर को करौली गांव में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। बुरहानपुर के करौली गांव से ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश में प्रवेश करने वाली है। इस निर्देश का सबब केवल पार्टी का अनुशासन जाहिर करना ही नहीं है। माना जा रहा है कि सभी विधायकों को एक साथ मौजूद रहने का निर्देश देकर कांग्रेस गुटबाजी और दलबदल की आशंका से बचना चाहती है। लेकिन राहुल गांधी की यात्रा तो तकरीबन 16 दिन प्रदेश में बिताने वाली है। तो क्या इतने दिन कांग्रेस निश्चिंत रह सकेगी। क्योंकि खबरें तो यही कहती हैं कि बीजेपी के संपर्क में करीब-करीब एक दर्जन कांग्रेस विधायक हैं। जिन्हें राहुल गांधी के प्रदेश में रहते ही बीजेपी में शामिल किया जाएगा। ये बात अलग है कि दावे और इरादे कुछ और ही जाहिर किए जा रहे हैं।
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दिग्विजय सिंह ने सीएम पर लगाए आरोप
इससे इतर खुद दिग्विजय सिंह ये आशंका जाहिर कर चुके हैं कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए बीजेपी बड़े उद्योगपतियों से संपर्क कर चुकी है। इल्जाम सीधे सीएम शिवराज सिंह चौहान पर लगाए हैं। अब दिग्विजय सिंह ने ये कोई दांव खेला है या वाकई उन्हें कोई सराग हाथ लगा ये कहा नहीं जा सकता। लेकिन ये अटकलें बहुत तेज हैं कि कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी से संपर्क में हैं।
- बीजेपी की नजर उन विधायकों पर मानी जा रही है जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी।
कांग्रेस के पास फिलहाल फुल प्रूफ प्लानिंग नहीं
हालांकि कांग्रेस अपने डर पर काबू रखने की पूरी कोशिश कर रही है। खुद दिग्विजय सिंह मुस्कुराते हुए ये कह रहे हैं कि टिकाऊ ही टिकेंगे और बिकाऊ बिक जाएंगे। एक बार बीजेपी के ऑपरेशन लोटस का शिकार हो चुकी कांग्रेस डर एकदम जायज है। लेकिन इस ऑपरेशन लोटस को रोकने की कोई फुल प्रूफ प्लानिंग फिलहाल कांग्रेस के पास नजर नहीं आ रही।
बीजेपी के असंतुष्ट विधायकों पर भी कांग्रेस की नजर
दिग्विजय सिंह पर यात्रा को सफल बनाने की जिम्मेदारी और कमलनाथ के तजुर्बे और सीनियरटी को तो कांग्रेस में मिसाल दी जाती है। उन्हीं के प्रदेश में कांग्रेस में तोड़फोड़ करने की बीजेपी की बड़ी तैयारी है। जाहिर है दोनों नेता तनाव में तो होंगे ही। पासा पलटने की कोशिश में कांग्रेस की नजर भी बीजेपी के असंतुष्ट विधायकों पर बताई जा रही है। तो क्या ये मान लें कि ऑपरेशन लोटस के बाद बीजेपी पर पंजा भी अपना शिकंजा कसने की पूरी तैयारी करेगा।