संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भले ही पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने नेताओं को चेताया हो कि कोई गुटबाजी मत करना नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, लेकिन मैदान में इसका असर होने से पहले ही एक-दूसरे को निपटाने का खेल शुरू हो गया है। सूत्रों के अनुसार इस खेल में पहला शिकार कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला बने और फिर दूसरा टिकट के दावेदार सत्यनारायण पटेल। दरअसल पहले तय कार्यक्रम के अनुसार शुक्ला की 24 से 30 नवंबर तक कराई जा रही पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान राहुल को 29 नवंबर के दिन उज्जैन की ओर जाने के दौरान कुछ देर के लिए इस कथा में ले जाने की योजना थी। बाद में जब यात्रा रिशेड्यूल हुई तब यह कार्यक्रम 30 नवंबर को हो गया। इसके तहत यात्रा जब अरविंदो अस्पताल की ओर पहुंचेंगी तो राहुल गांधी थोड़ी देर के लिए कार से कथा में जाएंगे। क्योंकि पंडित मिश्रा कथा में हजारों की संख्या में श्रोता आते हैं। लेकिन अब राहुल गांधी की ओर से इस कार्यक्रम के लिए ना हो गया है।
इधर ना तो फिर सत्तू को भी ना
इधर ना हुआ तो बताया जाता है कि फिर सवाल उठा है कि सत्यनारायण पटेल का कार्यक्रम का क्या होगा? क्योंकि उन्होंने विश्राम दिवस के दौरान चार घंटे का मनोरंजन कार्यक्रम रखा था, जिसमें बॉलीवुड के लोग प्रस्तुति देते। इसमें देशभक्ति के भी कार्यक्रम थे। लेकिन जब कथा निरस्त हुई तो फिर इस कार्यक्रम को लेकर भी नजरें टेढ़ी की गई और यह भी निरस्त कर दिया गया।
शुक्ला पहले भी जता चुके नाराजगी
बताया जा रहा है कि इस घटना को लेकर शुक्ला बेहद नाराज हैं। नगर निगम चुनाव के रिजल्ट आने के बाद वह भोपाल में राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुई वोटिंग के दौरान जीतू पटवारी पर जमकर भड़के थे। इस चुनाव के दौरान भी उन्होंने कांग्रेस में सपोर्ट नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था, बमुश्किल कमलनाथ ने उन्हें समझाया था। इसके बाद से लगातार बीच-बीच में उनके बीजेपी में जाने के कयास चलते हैं। हाल ही में बीजेपी नेता सुदर्शन गुप्ता ने उन्हें लेकर बयान दिया था। खुद उनके परिवार में सभी बीजेपी से ही रहे हैं, वही कांग्रेस की राजनीति करते हैं।
खेमो में बटे हुए हैं कांग्रेसी
दरअसल कांग्रेस की समस्या ही व्यक्ति विशेष आधारित रही है। यहां टिकट भी उसी आधार पर मिलते हैं। वर्तमान में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद मप्र में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ही दो सबसे बडे़ नेता है। प्रदेश स्तर की बात करें तो लगभग सभी कांग्रेस नेता मुख्य तौर पर इन्हीं दोनों में से ही किसी एक के पाले से आते हैं। सुरेश पचौरी कमलनाथ के साथ हैं तो कांतिलाल भूरिया दिग्जिविजय सिंह के साथ। अजय सिंह की पकड़ अब पहले जैसी नहीं रही है। इंदौर की बात करें तो दोनों विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल कमलनाथ खेमे के हैं। वहीं राऊ विधायक जीतू पटवारी दिग्गी राजा से जुड़े हैं और टिकट के दावे सत्यनारायण पटेल भी इसी खेमे से हैं। कांग्रेस के अधिकांश नेता किसी को भी आगे बढ़ते देख तत्काल उसे निपटाने का रास्ता निकालने लगते हैं। इसका खामियाजा पूरी पार्टी भुगत रही है।