मनोज जैन, BHIND. योग गुरु रामदेव की पतंजलि के उत्पाद की गुणवत्ता एक बार फिर आरोपों और संदेह के घेरे में आ गई है। पतंजलि का शहद का सैंपल लगातार दूसरी बार अमानक साबित हुआ है। इस बार मैसूर स्थित सेंट्रल लेब ने भी इसे अमानक मानकर अपनी रिपोर्ट भेज दी।
पहले भोपाल लेब ने पाया था अमानक
भारतीयता और स्वदेशी के नाम पर स्थापित बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का शहद भोपाल के बाद अब मैसूर की लैब में भी अमानक साबित हो चुका है। दरअसल हुआ यूं की खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने 20 अगस्त 2020 को भिंड शहर के झांसी मोहल्ला में स्थित जय गुरुदेव एजेंसी से पतंजलि के शहद का सैंपल लिया था, जो 23 अप्रैल 2021 को राज्य प्रयोगशाला भोपाल की रिपोर्ट में पतंजलि का शहद गलत पाया गया।
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पतंजलि की अपील पर भेज नेशनल लेब में
भोपाल की रिपोर्ट को पतंजलि ने अस्वीकार किया तो इसके बाद उनकी अपील पर इस सैंपल की केंद्रीय प्रयोगशाला मैसूर में जांच कराई। इसकी रिपोर्ट विगत दिनों पहुंची। इसमें भी उक्त शहद अमानक बताया गया है।
ये पाई गई शहद में गड़बड़ी
शहद में हाइड्रोक्सी मिथाइल फरफ्यूरल की लिमिट 80ml प्रति किलोग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। जबकि पतंजलि के शहद में इसकी मात्रा 204 एमएल प्रति किलोग्राम पाई गई है। इस संबंध में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ यूपीएस कुशवाह से बात की तो उन्होंने कहा हां खाद्य सुरक्षा Custom पर पतंजलि का शहद अमानक साबित हुआ है। अब नियमानुसार कम्पनी के खिलाफ वाद प्रस्तुत करने की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।