BHOPAL. दो दिन पहले जारी हुए 19 अफसरों की तबादला सूची के बाद ही 5 अप्रैल, बुधवार को एक बार फिर 4 IAS के तबादलों के आदेश जारी हुए। इसमें भोपाल कलेक्टर बनाए गए कौशलेंद्र सिंह को ज्वॉइन करने से पहले ही दूसरे आदेश जारी कर आशीष सिंह को भोपाल कलेक्टर बना दिया गया। इस दो दिन बाद हुए बदलाव को लेकर प्रशासनिक से लेकर राजनीतिक हलकों तक में भारी उथल-पुथल मची हुई है। आखिर ये नई पदस्थापना किसके दबाव में की गई है। ये प्रश्न खड़ा हो गया है।
गृहमंत्री के दामाद को प्रबंध संचालक मप्र सड़क विकास निगम बनाया
इस उठापठक के बीच में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद अविनाश लवानिया भी चपेट में आ गए। पहले उन्हें जल निगम का एमडी बनाया गया था। यहां हजारों करोड़ का बजट था, लेकिन इसके मुखिया सीएम शिवराज सिंह खुद है। ऐसे में मिश्रा के दामाद की नियुक्ति के बाद बदलाव किया गया और उनको प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम बनाया गया है। इस पदस्थापना ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। वहीं पहले भोपाल कलेक्टर बनाए गए कौशलेंद्र विक्रम सिंह को कलेक्टरी के बदले मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम का प्रबंध संचालक बनाया गया है। इन सबके बीच में एस विश्वनाथन को मध्यप्रदेश जल निगम का एमडी बनाया गया है।
ये खबर भी पढ़ें...
संघ ने एक तीर से साधे दो निशाने
जहां आशीष सिंह को भोपाल कलेक्टर बनाकर उपकृत किया गया है। वहीं कौशलेंद्र विक्रम सिंह को एमडी पर्यटन विकास निगम बनाकर ओंकारेश्वर में बन रही शंकराचार्य की 108 फीट की मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ वननेस) के काम में तेजी लाने का इरादा है, जिससे चुनाव से पहले इस मूर्ति को मुद्दा बनाकर फायदा उठाया जा सके। सूत्रों के हवाले कहा जा रहा है कि इन दोनों नियुक्तियों के पीछ सीएम कार्यालय के एक अधिकारी जो कि संघ के बेहद करीब हैं की भूमिका काफी अहम है। उनके इशारे पर ही इन दोनों अधिकारियों की नई पदस्थापना के आदेश जारी किए गए हैं।
दो दिन पहले ये आदेश हुए थे जारी
मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए 3 अप्रैल को 19 आईएएस अफसरों के तबादले किए थे। जिसमें कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया को प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश जल निगम भोपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अविनाश लवानिया की जगह कौशलेंद्र विक्रम सिंह को भोपाल का नया कलेक्टर बनाया गया था। इसके अलावा इंदौर की निगमायुक्त प्रतिभा पाल को रीवा कलेक्टर बनाया था। सात जिलों के कलेक्टर बदले गए थे।