भोपाल की भानपुर खंती के नीचे दफन हैं जहरीली और विस्फोटक गैसें, जहां 15 साल तक नहीं हो सकता निर्माण, वहां बनेंगे 320 घर

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Rahul Sharma
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भोपाल की भानपुर खंती के नीचे दफन हैं जहरीली और विस्फोटक गैसें, जहां 15 साल तक नहीं हो सकता निर्माण, वहां बनेंगे 320 घर

BHOPAL. राजधानी भोपाल में यदि आप रहते हैं तो आपको भानपुर डंपिंग साइट यानी कचरा खंती तो ध्यान ही होगी। कचरे के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और आसपास के इलाके में सिर्फ बदबू ही बदबू। 5 साल पहले भानपुर खंती को बंद कर दिया था, पर  हो गया और जमीन के अंदर जहरीली और विस्फोटक गैसें जमा हो गई। नियमानुसार 15 सालों तक इसके आसपास के एरिए में बड़ा निर्माण नहीं हो सकता, लेकिन भोपाल नगर निगम यानी BMC इसी जमीन के उपर 320 घर बनाकर लोगों की जिंदगी खतरे में डालने वाली है। 





96 करोड़ से आवास योजना के फ्लैट और ISBT का निर्माण 





भानपुर में भोपाल नगर निगम 96 करोड़ से आवास योजना के फ्लैट और आईएसबीटी का निर्माण उस जगह पर करने वाली है जहां 5 साल पहले तक लाखों टन कचरा डंप था। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खंती की आधी पड़ी हुई खाली जमीन पर नाले की ओर 320 MIG फ्लैट का निर्माण होगा। ये आवासीय फ्लैट हाउसिंग फॉर आल योजना के तहत लोगों को दिए जाएंगे। शेष बची आधी जमीन पर रेलवे लाइन की ओर ISBT यानी इंटर स्टेट बस टर्मिनल को बनाया जाएगा। जिस जमीन पर ये निर्माण होने हैं उसका वर्तमान लैंडयूज एग्रीकल्चर है, जिसे बदलकर आवासीय किए जाने के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग यानी T&CP में प्रक्रिया चल रही है। वर्तमान में टीएंडसीपी में इसे लेकर दावा आपत्ति बुलाई गई है।





सीपीसीबी की गाइडलाइन 500 मीटर तक नहीं हो सकता निर्माण 





सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यानी CPCB की गाइडलाइन फॉर डिस्पोजल ऑफ लेगेसी वेस्ट (Old Municipal Solid Waste) के पेज 22 पर 4.4.4 Use of Recovered Space पॉइंट में यह स्पष्ट दिया गया है कि बंद हो चुकी कचरा खंती से 15 सालों तक 500 मीटर के दायरे में कोई भी बड़ा निर्माण नहीं हो सकता, खासकर आवासीय प्रोजेक्ट तो बिल्कुल भी नहीं। पर्यावरणविद डॉ. सुभाष सी पांडे ने कहा कि यह गाइडलाइन इसलिए बनाई गई, क्योंकि प्रदूषित पानी से लोगों के स्वास्थ पर असर पड़ेगा, वहीं जमीन में दफन गैसों से कभी भी विस्फोट की स्थिति बन सकती है, इससे उस निर्माण पर हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहेगा। 15 सालों में जमीन के इन गैसों का प्रभाव कम हो जाएगा, जिसके बाद हुए निर्माण में कोई खतरा नहीं रहेगा।





12 लाख क्यूबिक मीटर कचरे ने जमीन के अंदर दफन की विस्फोटक गैसें





प्रदेश की राजधानी भोपाल में जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ी, यहां से प्रतिदिन निकलने वाला कचरा एक चुनौती बन गया। जिसके बाद साल 1970 के आसपास भानपुर खंती शुरू की गई। इन 46 वर्षों में भानपुर खंती में 12 लाख क्यूबिक मीटर कचरा इकट्‌ठा हुआ। 5 साल पहले यानी 25 जनवरी 2018 को भले ही इस कचरा खंती में ताला लग गया हो, लेकिन तब तक यहां की जमीन के अंदर जहरीली गैस दफन हो गई और भूजल प्रदूषित हो गया। 





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सेंसेटिव जोन में BMC बना चुकी है 960 फ्लैट 





भोपाल नगर निगम यानी BMC की लापरवाही का आलम यह है कि भानपुर कचरा खंती से 500 मीटर के सेंसेटिव जोन के अंदर ब्रिज के दूसरी ओर 390.41 मीटर दूरी पर 960 आवासीय फ्लैट का निर्माण कर चुकी है। इन फ्लैट में अब फिनिशिंग वर्क किया जा रहा है। इनमें 528 EWS और 432 LIG फ्लैट शामिल है। भोपाल नगर निगम 5 लाख 25 हजार की दर से EWS कैटेगिरी के सभी 528 फ्लैट सेल कर भी चुकी है। जबकि यहां भी जहरीले पानी और गैसों का खतरा तो बना ही हुआ है।  





इसलिए लोगों का यहां रहना खतरे से खाली नहीं





पर्यावरणविद डॉ. सुभाष सी पांडे ने कहा कि मीथेन गैस जिसे साइंस की भाषा में मार्श गैस कहा जाता है, ये काफी विस्फोटक होती है, इससे बड़ा विस्फोट हो सकता है जिससे बड़ी संख्या में जानमाल की हानि हो सकती है। मध्यप्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यानी पीसीबी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के सामने यह सबमिशन दिया है कि भानपुर खंती के आसपास का भूजल बहुत बुरी तरीके से प्रदूषित है। यानी यदि हाउसिंग सोसाइटी बनाई जा रही है तो वहां का पानी पीने से लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाएंगे। 





432 LIG बिके नहीं और अब नए बनाने में करोड़ों होंगे बर्बाद 





भानपुर में ब्रिज के दूसरी ओर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो 960 फ्लैट बनाए गए, उनमें LIG श्रेणी के 432 फ्लैट हैं। इन फ्लैट की कीमत 16 लाख 50 हजार रूपए है, लेकिन अभी भी इस इलाके में आ रही गंदी बदबू और जहरीले पानी की वजह से लोगों ने इस प्रॉपर्टी में रुचि लेना बंद कर दी। इसके कारण फिलहाल यह प्रोजेक्ट खटाई में है। इस सबके बावजूद अब भोपाल नगर निगम जहां कचरा डंप होता था उसके उपर ही करोड़ों खर्च कर फ्लैट बनाने जा रहा है। कुल मिलाकर आपके और हमारे जैसे टैक्सपेयर की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद किया जा रहा है।





रिपोर्ट ओके होने के बाद ही लैंडयूज चेंज करने किया अप्लाई





भोपाल नगर निगम के कमीश्नर केवीएस चौधरी ने कहा कि भानपुर एक डंपिंग साइट थी, जहां पर कचरा उपर फेंका जा रहा था। उस पूरे कचरे का साइंटिफिक तरीके से निष्पादन किया जा चुका है। इसके बाद भूजल और जमीन के सैंपल लिए गए हैं। कहीं कोई निगेटिव रिपोर्ट नहीं है। टेस्ट रिपोर्ट सबमिट करने के बाद ही टीएंडसीपी में लैंडयूज चेंज करने के लिए एप्लाई किया है।





प्राइम लोकेशन के प्रोजेक्ट अटके तो यहां जल्दबाजी क्यों?





हाउसिंग फॉर आल के तहत राजधानी भोपाल की प्राइम लोकेशन पर गंगा नगर और 12 नंबर स्टॉप के प्रोजेक्ट हैं, जो अपनी तय समय सीमा से काफी पीछे चल रहे हैं। इन प्रोजेक्ट को पूरा करने की जगह भोपाल नगर निगम पुरानी कचरा खंती के उपर सोसाइटी बनाने जा रही है। कमिश्नर भले ही कह रहे हैं कि सब ओके है, लेकिन सेंट्रल पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की गाइडलाइन होने के बावजूद भी 15 साल की जगह 5 साल के अंदर ही डंपिंग साइट पर निर्माण करने की जल्दबाजी क्यों? यदि लोग यहां रहने लगे और कोई दुर्घटना हो गई या जहरीला पानी पीने से लोगों को गंभीर बीमारी हो गई तो क्या कमिश्नर इसकी जिम्मेदारी लेंगे।



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